सोमवार, 17 जुलाई 2023

श्रवण अभ्यास (Listening practice) हेतु महत्त्वपूर्ण सामग्री

श्रवण कौशल हिंदी भाषा को सीखने में महत्वपूर्ण अंग है। यह छात्रों को हिंदी भाषा की ध्वनियों, शब्दों, वाक्यों और भाषा के नियमों को सही ढंग से सुनने और समझने में मदद मिलती है। इससे छात्रों को स्वर, व्यंजन, मात्राएँ, नवीन शब्दावली और उच्चारण के नियमों को समझने में सहायता मिलती है। श्रवण कौशल परीक्षा में निर्धारित पाठ्यक्रम पर आधारित विभिन्न इकाइयों और उप-इकाइयों पर आधारित मानक हिंदी भाषा में निर्देश, सूचनाएँ, उद्घोषणाएँ (announcements), बातचीत, साक्षात्कार आदि सुनाए जाते हैं। छात्रों से अपेक्षा होती है कि वे शब्दों गिनतियों, महीनों, दिनों के नाम, वाक्यांशों और विचारों आदि को सुनकर समझने का कौशल विकसित कर सकें। ऐसा करने से वे नई शब्दावली और सही उच्चारण की क्षमता को विकसित करते हैं। 

श्रवण अभ्यास के दौरान शिक्षकों को भी सही शब्दों का चयन, सामग्री के स्पष्टीकरण और भाषा के नियमों को सिखाने में मदद करता है। इससे शिक्षक छात्रों की सुनने की क्षमता को विकसित करके उन्हें भाषा के विभिन्न पहलुओं को समझने और सही प्रतिक्रिया करने की क्षमता प्रदान करते हैं। 
श्रवण कौशल का महत्व 

श्रवण भाषा के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। श्रवण का मतलब होता है सुनना या सुनने की क्रिया। यह एक महत्वपूर्ण संचार कौशल है जो हमें अपने समाज में संप्रदायों, समुदायों, परिवारों, दोस्तों और संबंधित लोगों के साथ संवाद करने की अनुमति देता है। श्रवण का महत्वपूर्ण भूमिका भाषा सीखने और संचार करने में होती है। जब हम सुनते हैं, तो हम भाषा के विभिन्न पहलुओं को समझते हैं, जैसे कि उच्चारण, वाक्य-रचना, व्याकरण नियम, शब्दावली आदि। यह हमें अन्य लोगों के विचारों, विचारधाराओं, अनुभवों और ज्ञान को समझने में मदद करता है। श्रवण माध्यम से हम अधिक सीखते हैं, अवधारणाएँ (concepts) और ज्ञान प्राप्त करते हैं। इसके माध्यम से हम विभिन्न प्रकार की सूचनाओं, संदेशों, कथाओं, विचारों, प्रेरणादायक बातचीतों आदि को समझते हैं। यह हमें सामाजिक संबंधों का निर्माण करने, नए विचारों और धारणाओं को स्वीकार करने, अभिभावकों, शिक्षकों, नेताओं और आदर्शों के साथ सीधे संवाद करने में मदद करता है। श्रवण का महत्वपूर्ण अंग होने के कारण ही, विभिन्न क्षेत्रों में सुनने का कौशल, जैसे कि संवाद, नेतृत्व, शिक्षण, व्यापार, साहित्य, संगीत, समाचार पत्रिका आदि, विकसित किया जाता है। इस प्रकार, श्रवण भाषा के महत्वपूर्ण पहलू है जो हमें समाज में संवाद करने और अधिक सीखने में मदद करता है। यह हमारे व्यक्तिगत (personal) और पेशेवर विकास (professional development) के लिए महत्वपूर्ण है।

श्रवण कौशल अभ्यास की कुछ महत्वपूर्ण सामग्री

यहाँ हम इंटरनेट पर उपलब्ध कुछ महत्वपूर्ण और स्तरीय श्रवण सामग्री की जानकारी साझा कर रहे हैं जिन्हें आप अपने अभ्यास में उपयोग कर सकते हैं।

साभार : बीबीसी न्यूज हिन्दी

बीबीसी हिंदी पॉडकास्ट एकऑनलाइन आवेदन है जो ब्रिटिश ब्राडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। इस पॉडकास्ट के माध्यम से हिंदी भाषा में विभिन्न विषयों पर चर्चाएं, साक्षात्कार और कथाएं प्रस्तुत की जाती हैं। यह पॉडकास्ट बीबीसी के पत्रकार और विशेषज्ञों की आवाज सुनाने का अवसर प्रदान करता है। यहाँ समाचार, साहित्य, संगीत, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर विचारों का प्रस्तुतिकरण मिलता है। इस पॉडकास्ट में अनुभवी पत्रकारों द्वारा तैयार की जाने वाली सामग्री श्रोताओं को नवीनतम समाचार, मनोरंजन, साहित्य, और विचारधारा से अवगत कराती है। इन्हें आप अपने स्मार्टफोन, कंप्यूटर या अन्य संचार उपकरणों के माध्यम से पॉडकास्ट सुन सकते हैं और खुद को नवीनतम ज्ञान के साथ अद्यतित रख सकते हैं। यह पॉडकास्ट आपको एक संवेदनशील और ज्ञानवर्धक सुनने का अनुभव प्रदान करता है। इनके कुछ महत्तवपूर्ण औडियो लिंक्स निम्नलिखित हैं

 
सौजन्य - नवभारत गोल्ड

यह एक ऑनलाइन पत्रिका है जो नवभारत टाइम्स द्वारा प्रकाशित की जाती है। जिसे पढ़ने के साथ साथ सुमधुर आवाज में सुनने का भी आनन्द ले सकते हैं। यह भारतीय समाचार, राजनीति, वित्त, बाजार, मनोरंजन, खेल, साहित्य, सामाजिक मुद्दों, और विचारधारा पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करती है। इसमें विश्वसनीय रिपोर्टिंग, व्यापक संगठनिक कवरेज, विशेष रिपोर्टेज, व्यापक साक्षात्कार, लेखकों के विचार और नवीनतम विचारधारा शामिल होती है। यह पत्रिका उच्चतम उपयोगिता, गुणवत्ता, और गहनता की प्रतीक है और विभिन्न शहरों में उपलब्ध है। जिसे आप हिंदी श्रावण कौशल अभ्यास में उपयोग कर सकते हैं। कुछ महत्वपूर्ण लिंक निम्नलिखित हैं। इसकी विशेषता यह है कि यहाँ आपको आडिओ एक्सटी के साथ टेक्स्ट भी मिल जाता है।

                                    सौजन्य-https://www.amarujala.com/podcast

यह 'अमर उजाला' नामक समाचार पत्र का ऑनलाइन पॉडकास्ट है। जहाँ से आप अपनी हिंदी में विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, व्यापार, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, शिक्षा, और अन्य विषयों पर खबरें, समाचार और विचारों पर ऑडिओ सुन सकते हैं। यह पत्रिका दिन भर की ताज़ा और गहराई से छानी गई खबरों का विस्तृत संग्रह प्रदान करती है और अपने पाठकों को देश और विदेश की महत्वपूर्ण घटनाओं से अवगत रखती है। यह एक Paid application है, जिसके इस्तेमाल के लिए आपको सदस्यता लेने का आग्रह किया जा सकता है। उनमें से कुछ महत्वपूर्ण विषयों को यहाँ साझा कर रहे हैं, जिन्हें आप अपने अभ्यास के लिए प्रयोग कर सकते हैं।


सौजन्य - पुलयाबाजी डॉट इन 

'पुलियाबाजी' एपल का एक हिंदी पॉडकास्ट है जो मनोरंजन, साहित्य, कला, संगीत, समाजशास्त्र, इतिहास, प्रौद्योगिकी और कई अन्य विषयों पर चर्चा करता है। इस पॉडकास्ट का मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज में मज़ेदार, उपयोगी और ज्ञानवर्धक सामग्री प्रदान करना है। इसके अच्छे अनुभव के लिए आपको एपल म्यूसिक की iTunes की सुविधा आपके सिस्टम में जरूरत पड़ सकती है। इसकी सदस्यता का आग्रह भी संभव है। इसका संचालन कुशल प्रवक्ता, लेखक, इतिहासवेत्ता और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ आदि की टीम के द्वारा किया जाता है। प्रत्येक धारावाहिक में, वे विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं और उनके प्रतिष्ठित मेहमानों को भी बुलाते हैं जो अपने विषय के बारे में अपने दृष्टिकोण साझा करते हैं। इस पॉडकास्ट का मुख्य लक्ष्य अपने श्रोताओं को ज्ञान, मनोरंजन और सूचना की एक अद्वितीय मिश्रण प्रदान करना है। पुलियाबाजी का अपना विशेष अंदाज़ है जो इसे दर्शकों के लिए अनूठा बनाता है। कुछ महत्वपूर्ण लिंक निम्नलिखित हैं। जिन्हें आप आसानी से download भी कर सकते हैं।

इसी तरह से आप आकाशवाणी, विविधभारती, गूगल पॉडकास्ट, Sportify गानाडॉटकॉम  आदि के और भी उपयोगी शिक्षण साहित्य से दो-चार होने के लिए आप हमें फॉलो करके जुड़े रहिए हमारे ब्लॉग से और यदि आप चाहे तो आप इस जानकारी को अपने मित्रों, सहयोगियों अथवा छात्रों में साझा कर सकते हैं। अपने महत्वपूर्ण और प्रतिक्रियाओं से हमें कृतार्थ करते रहने के लिए धन्यवाद।

शुक्रवार, 14 जुलाई 2023

साक्षात्कार : मानव विकास और प्राकृतिक आपदाओं का सह संबंध - जाने पर्यावरणविद् से...

पर्यावरणविद: नमस्ते! कैसे हैं आप?

विद्यार्थी : नमस्ते! मैं ठीक हूँ, धन्यवाद। आपसे मुलाकात करके खुशी हुई। जैसा कि आप जानते ही हैं कि हमारे देश मे लगातार विकास हो रहा है। लेकिन इसके साथ ही साथ भारत में लगातार प्राकृतिक आपदाओं दौर भी बढ़ रहा हैं। क्या आप इस बारे में आप हमें और अधिक मार्गदर्शन कर सकते हैं?

पर्यावरणविद: जरूर, इस विषय पर मेरे पास कुछ संदर्भ हैं। पहले ही से स्पष्ट कर दें कि प्राकृतिक आपदाएँ हमारे विकास की एक मात्र बाधा नहीं हैं, बल्कि यह कई कारकों के संयोजन का परिणाम (result of many factors) हैं। विकास योजनाओं का मानवीय प्रभाव एकमात्र उदाहरण है जिसमें हम सब देख पा रहे हैं।

विद्यार्थी: हाँ, इसलिए यह कहा जाता है कि मानव विकास योजनाएँ ही प्राकृतिक आपदाओं की प्रमुख कारण हैं। तो इनके अतिरिक्त क्या कुछ और भी कारण हैं? कृपया सविस्तार समझाएँ। 

पर्यावरणविद: सही कहा आपने। विकास योजनाएँ जिसमें मानवीय गतिविधियों का विस्तार होता है, उनके लिए जमीन, जल, और ऊर्जा जैसे संसाधनों की आवश्यकता होती है। इसके लिए अक्सर जंगलों का काटना, नदियों का बाँधना, खनन और औद्योगिकीकरण की व्यवस्थाएँ करनी पड़ती हैं। जिससे प्राकृतिक परस्थितिक तंत्र में बड़ा बदलाव हो जाता है जिससे ये बाढ़, भूस्खलन, बादल फटना, सूखा, अतिवृष्टि आदि आपदाएं पैदा हो सकती हैं। दिल्ली, मुंबई, असम, बिहार और उत्तराञ्चल आदि इसके सक्षात् उदाहरण हैं।   

विद्यार्थी : कृपया प्राकृतिक आपदाओं पर थोड़ा विस्तार से बताएं कि यह अन्य कारक क्या हो सकते हैं?

पर्यावरणविद: विकास योजनाएं जैसे कि नगरीकरण, औद्योगिकीकरण, और अर्थव्यवस्था की प्रगति के साथ, मानव भूमि के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग बढ़ता है। इसके परिणामस्वरूप, जंगलों का कटाव, जलस्रोतों का प्रदूषण, मिट्टी की उपजाऊता की कमी और बाढ़, भूकंप, और जलवायु परिवर्तन जैसी प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ती है। इसके अलावा, अवैध वनस्पति विकास, जलमार्ग निर्माण, और बांधों का निर्माण भी प्राकृतिक संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं। इन सभी कारकों के मिलने से प्राकृतिक आपदाएं और मानव के विकास के बीच एक संबंध स्थापित होता है।

विद्यार्थी: क्या आप हमें समझने के लिए कुछ उदाहरण दे सकते हैं?

पर्यावरणविद: जी हाँ, क्या नहीं? उदाहरण के रूप में लेते हैं देश के राजमार्गों (highways) का निर्माण कार्य ही देख लीजिए। इसके लिए रास्ते में आने वाले पहाड़ों और जंगलों का कटाव, जिससे जलवायु परिवर्तन और बाढ़ जैसे प्राकृतिक आपदाएँ इन क्षेत्रों में आम बात है। जंगलों के कटने से  मुख्य वनस्पति और जन-वनस्पतियों की विविधता के कमीं से जैव-विविधता और प्राकृतिक प्रक्रियाओं का संतुलन भंग होती है और आपदाएं घटने के बजाय बढ़ती हैं।

विद्यार्थी: जी बिलकुल, मैं यह समझ पा रहा है। क्या मानव जनसंख्या का भी आपदाओं से कोई रिश्ता है?

पर्यावरणविद: बेशक! हमारी जनसंख्या वृद्धि तो विकासी योजनाओं के साथ-साथ आपदाओं की महत्वपूर्ण कारक है। बढ़ती जनसंख्या के साथ आवास, पोषण, ऊर्जा और संसाधनों की मांग (demand) भी बढ़ती है, जिसके लिए विकास की योजनाएँ और व्यवस्थाएँ बदलनी पड़ती हैं। इसके परिणामस्वरूप, अतिरिक्त दबाव पड़ता है जो प्राकृतिक संसाधनों का आवश्यकता से अधिक दोहन होने से और अधिक संकटों का कारण बनने के लिए मानवों को मजबूर करता है।

विद्यार्थी : यह बहुत रोचक है। धन्यवाद इतनी स्पष्ट जानकारी देने के लिए। यह समझने में मेरे लिए बहुत मददगार था।

पर्यावरणविद: आपका स्वागत है। मुझे खुशी हुई कि मैं आपके सवालों का समाधान कर सका। क्या मैं आपकी किसी और प्रश्न में मदद कर सकता हूँ?

विद्यार्थी : नहीं, धन्यवाद। यह बहुत सहायक रहा है।

पर्यावरणविद: मुझे खुशी हो रही है। यदि आपको और कोई प्रश्न हो तो कृपया मुझसे पूछें।

विद्यार्थी : जरूर, धन्यवाद। अलविदा!

पर्यावरणविद: अलविदा! ध्यान रखें और पर्यावरण की सुरक्षा में अपना योगदान देते रहें।

(नोट: यह काल्पनिक साक्षात्कार है, जिसका उद्देश्य  विद्यार्थी व शिक्षकों हेतु सहायक सामग्री तक सीमित है। इसका  किसी घटना, व्यक्ति अथवा स्थान से संबंध केवल संयोग मात्र है। )

अन्य अध्ययन सामग्री - 

गुरुवार, 13 जुलाई 2023

लेखन विधाएँ (Writing formats)

छात्रों को निम्नलिखित लेखन विधाओं का अभ्यास करना अपेक्षित है - 

क) लेखन विधाएँ

  1. पत्र लेखन : (अनौपचारिक, औपचारिक और कार्यालयीन (व्यावसायिक) पत्र) 
  2. ई-मेल : (अनौपचारिक, औपचारिक और कार्यालयीन (व्यावसायिक) पत्र)
  3. अनुच्छेद: (विषय केंद्रित सरल, मिश्र और संयुक्त वाक्यों का अभ्यास) 
  4. निबंध : (वर्णनात्मक, विवरणात्मक, भावनात्मक और आलोचनात्मक/साहित्यिक)  
  5. संवाद : (नाटक, फिल्म, रेडियो वार्ता, साक्षात्कार आदि में प्रयुक्त) 
  6. साक्षात्कार : (लेखक, नेता, अभिनेता, खिलाड़ी, व्यवसायी, चिकित्सक वैज्ञानिक आदि) 
  7. भाषण : विभिन्न समसामयिक विषयों पर मौलिक व लिखित अभिव्यक्ति
  8. वाद-विवाद : तथ्यात्मक जानकारी के साथ अपनी मौखिक क्षमता का विकास।
  9. सूचना लेखन 
  10. टिप्पणी ; (नोटिंग/नोट लेखन) ;  
  11. समीक्षा ; (पुस्तक, फिल्म, रेस्तरां, उत्पाद अथवा सेवाएँ आदि पर)
  12. ब्लॉग लेखन ; (चिट्ठाकारी)
  13. लेख लेखन (आर्टिकल) 
  14. दैनंदिनी (डायरी)
  15. यात्रा वृत्तांत (ट्रवेलॉग)
  16. प्रतिवेदन : (रिपोर्ट लेखन)
  17. सार-लेखन : (एक तिहाई सार)
  18. प्रचार सामग्री : विवरणिका, विवरणी और विवरण पत्र / प्रचार-पुस्तिका एवं विज्ञापन  

प्रचलित पोस्ट

विशिष्ट पोस्ट

भाषण - "सपनों को सच करने का हौसला" – मैत्री पटेल

प्रिय दोस्तों, मैं मैत्री पटेल, आज आपके समक्ष खड़े होकर गौरवान्वित...

हमारी प्रसिद्धि

Google Analytics Data

Active Users