शुक्रवार, 10 मार्च 2023

सार-लेखन /एक-तिहाई सारांश

साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय,
सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय।
                                                 -कबीर 

कबीरदास जी का ज्ञान आज भी हम अपने दैनिक जीवन में अपनाते हैं। काम की बातों को पढ़ते, सुनते और ध्यान देते हैं। शेष बेकार की चीजों को दरकिनार कर देते हैं। सार लेखन किसी विषय के मूल भाव (केंद्रक) को संक्षेप में प्रस्तुत करने की कला है। जिसके इर्दगिर्द मूल विवरण का विकास हुआ होता है। इसमें विषय के महत्वपूर्ण पहलुओं, मुख्य विवेचनाओं और उससे संबंधित उदाहरणों को छोटे-छोटे अनुच्छेदों में संक्षेप में लिखा जाता है।

सार लेखन लेखक के विचारों और विवरणों को ध्यान में रखते हुए एक अत्यंत संक्षेप में उन्हें प्रस्तुत करने की कला है। सार लेखन का उद्देश्य उपयोगकर्ता को विषय के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रदान करना होता है। जिससे उद्देश्य विषय को समझने में मदद मिल सके। इस प्रकार कम समय में ज्यादा से ज्यादा वांछित जानकारी हासिल कर सकें।
स्रोत : गूगल ईमेल  

सार लेखन के कुछ उपयोग निम्नलिखित हैं: -

  1. व्याख्या लेखन: सार लेखन का उपयोग व्याख्या लेखन में भी किया जाता है। यह उपयोगकर्ताओं को विषय के मुख्य पहलुओं को संक्षेप में समझने में मदद करता है।
  2. संबोधन लेखन: सार लेखन का उपयोग संबोधन लेखन में भी किया जाता है। यह उपयोगकर्ताओं को विषय के महत्वपूर्ण पहलुओं को संक्षेप में समझाने में मदद करता है और लेखक के विचारों को स्पष्ट करने में मदद करता है।
  3. समाचार पत्र लेखन: सार लेखन का उपयोग समाचार पत्र लेखन में किया जाता है जहां लेखक विषय के महत्वपूर्ण पहलुओं को संक्षेप में प्रस्तुत करता है।
  4. विज्ञापन लेखन: सार लेखन का उपयोग विज्ञापन लेखन में भी किया जाता है। यह उपयोगकर्ताओं को उत्पाद या सेवा के महत्वपूर्ण पहलुओं को संक्षेप में समझने में किया जाता है।

अन्य महत्वपूर्ण वेब स्रोत :

  1. सार लेखन क्या है?
  2. सार लेखन और संक्षेपण में अंतर

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