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शुक्रवार, 13 दिसंबर 2024

यातायात में जाम की समस्या का हल है - एयर टैक्सी (प्रेस-वार्ता)

Flying Taxi Service in Bengaluru

प्रेस नोट

बेंगलुरु, जिसे भारत का "सिलिकॉन वैली" कहा जाता है, अपनी तीव्र गति से बढ़ती यातायात समस्या के लिए भी जाना जाता है। शहर की इस चुनौती का समाधान जल्द ही फ्लाइंग टैक्सी सेवा के रूप में देखा जा रहा है। यह सेवा इंदिरानगर और केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बीच शुरू की जाएगी, जिससे यात्रा का समय 1.5 घंटे से घटकर मात्र 5 मिनट रह जाएगा।

बैंगलूरू के हवाई अड्डे पर एयर फ्लाइंग टैक्सी

हवाई टैक्सी टैक्सी सेवा, जो इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (eVTOL) तकनीक पर आधारित होगी, पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है। यह परियोजना सरला एविएशन और बैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (BIAL) की साझेदारी से शुरू की जा रही है। सरला एविएशन ने इसे न केवल तेज और सुरक्षित बनाया है, बल्कि इसे किफायती बनाने का भी वादा किया है।

  • यात्रा समय: 5 मिनट (इंदिरानगर से एयरपोर्ट तक)
  • किराया: लगभग ₹1,700 (अनुमानित किराया) जो प्रीमियम कैब सेवा से कम है।
  • क्षमता: प्रत्येक टैक्सी में सात यात्रियों के बैठने की जगह होगी।

बेंगलुरु विश्व में सबसे अधिक ट्रैफिक भीड़भाड़ वाले शहरों में गिना जाता है। एक सर्वेक्षण के अनुसार, शहर में भीड़भाड़ के समय 10 किलोमीटर की दूरी तय करने में औसतन 30 मिनट लगते हैं। फ्लाइंग टैक्सी सेवा न केवल इस समस्या का समाधान करेगी, बल्कि इसे एक तेज और टिकाऊ यात्रा का विकल्प भी बनाएगी।

फ्लाइंग टैक्सी सेवा का उद्देश्य भारत के अन्य महानगरों, जैसे मुंबई, दिल्ली, और पुणे तक विस्तार करना है। हालांकि, सेवा की शुरूआत के लिए आवश्यक अनुमतियों और बुनियादी ढांचे को विकसित करने में अभी दो से तीन साल का समय लग सकता है। यह पहल न केवल यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि बेंगलुरु को स्मार्ट सिटी की दिशा में आगे बढ़ाने में भी मदद करेगी।

फ्लाइंग टैक्सी सेवा बेंगलुरु के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। यह परियोजना न केवल यात्रा का समय घटाएगी, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी। इस तकनीकी नवाचार के साथ, भारत वैश्विक हवाई गतिशीलता में एक नई पहचान बना सकता है। हालांकि, यह देखना होगा कि इसे लागू करने में कौन-कौन सी चुनौतियाँ आती हैं और इसे कितनी सफलता मिलती है।

बेंगलुरु में फ्लाइंग टैक्सी सेवा: मुख्य अधिकारियों के साथ प्रेस वार्ता

प्रेस वार्ता को अंग्रेजी में 'प्रेस कॉन्फ्रेंस' कहते हैं जो लाइव मीडिया के सामने आ करके बात रखी  जाती है, इसमें पत्रकार और जन प्रतिनिधि जनता के लिए सवाल पूछते  हैं। उत्तर देते समय सभी को संबोधन किया जाता है!

स्थान: बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास आयोजित प्रेस सत्र।

प्रेस वार्ता को संबोधित करते अधिकारीगण 

उपस्थित लोग: सरला एविएशन के सीईओ, बैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (BIAL) के प्रतिनिधि, मीडिया, और कुछ प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ।
पत्रकार - फ्लाइंग टैक्सी सेवा का विचार कैसे आया, और इसे बेंगलुरु में लागू करने का क्या कारण है?
सीईओ: हमने देखा कि बेंगलुरु में ट्रैफिक की समस्या तेजी से बढ़ रही है। केम्पेगौड़ा एयरपोर्ट जैसे स्थान तक पहुंचने में यात्रियों को औसतन 1.5 घंटे लगते हैं। हमारा उद्देश्य केवल यात्रा समय कम करना नहीं है, बल्कि शहरी परिवहन के भविष्य को एक नई दिशा देना है। eVTOL (इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग) तकनीक के माध्यम से हम टिकाऊ और तेज परिवहन का एक विकल्प लाना चाहते हैं।
मीडिया प्रतिनिधि - इस परियोजना में किस प्रकार की तकनीक का उपयोग किया गया है?
सीईओ: हमने eVTOL तकनीक का उपयोग किया है, जो पूरी तरह से इलेक्ट्रिक है। यह तकनीक हवाई जहाजों की तरह लंबवत उड़ान भरती है और लैंड करती है। इसमें सात यात्रियों के बैठने की क्षमता है, और इसका संचालन पूरी तरह से बैटरी पर आधारित है। यह न केवल कार्बन उत्सर्जन को कम करती है बल्कि यह भविष्य के स्मार्ट ट्रांसपोर्ट का एक आदर्श मॉडल भी है।
तकनीकी विशेषज्ञ - क्या यह सेवा आम लोगों के लिए किफायती होगी?
सीईओ: हमने सेवा को किफायती रखने का प्रयास किया है। अनुमानित किराया ₹1,700 होगा, जो प्रीमियम कैब सेवाओं से भी कम है। हमारा लक्ष्य है कि इसे ओला और उबर जैसी सेवाओं के बराबर सुलभ बनाया जाए।
पत्रकार - इस परियोजना की चुनौतियां क्या थीं?
सीईओ - सबसे बड़ी चुनौती थी इस तकनीक को शहरी परिवहन प्रणाली के साथ समेकित करना। इसके लिए हमें बैंगलोर एयरपोर्ट के साथ साझेदारी करनी पड़ी। इसके अलावा, हवाई यातायात के लिए आवश्यक अनुमतियों और सुरक्षा मानकों को पूरा करना भी जटिल प्रक्रिया थी। लेकिन BIAL और स्थानीय प्रशासन के समर्थन से हम इस पर काम कर पाए।
मीडिया प्रतिनिधि - क्या आप इसे भारत के अन्य शहरों में भी शुरू करने की योजना बना रहे हैं?
सीईओ - जी हाँ, हमारा उद्देश्य इसे दिल्ली, मुंबई और पुणे जैसे शहरों तक विस्तारित करना है। हालांकि, इसके लिए बुनियादी ढांचे को विकसित करने और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पूरा करने में समय लगेगा।
पत्रकार - फ्लाइंग टैक्सी सेवा अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं से कितनी भिन्न है?
सीईओ: दुनिया में फ्लाइंग टैक्सियों पर कई कंपनियां काम कर रही हैं, जैसे अमेरिका की Joby Aviation, जर्मनी की Volocopter, और चीन की EHang। हमने इनसे प्रेरणा ली है, लेकिन हमारा मुख्य फोकस इसे भारत की परिस्थितियों और आम लोगों की पहुंच के अनुसार डिजाइन करना है। उदाहरण के लिए, हमारे मॉडल बैंगलोर जैसे ट्रैफिक प्रभावित शहरों की विशेष आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किए गए हैं।
पत्रकार - आप इस परियोजना को बेंगलुरु के लिए कैसे देखते हैं?
सीईओ: यह बेंगलुरु के लिए केवल एक तकनीकी नवाचार नहीं है, बल्कि शहर की स्मार्ट सिटी परियोजनाओं का हिस्सा है। फ्लाइंग टैक्सी सेवा न केवल यात्रा समय को घटाएगी, बल्कि यह प्रदूषण और ट्रैफिक में कमी लाकर एक बेहतर भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाएगी।
सीईओ - (अंत में कहा), हमारा सपना है कि बेंगलुरु इस क्षेत्र में वैश्विक मानचित्र पर अग्रणी बने। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि इस तकनीक को अपनाएं और परिवहन के भविष्य का हिस्सा बनें।
(यह काल्पनिक प्रेस-वार्ता छात्रों के लिए बेंगलुरु की हवाई टैक्सी सेवा के भविष्य और इसकी संभावनाओं पर रोचक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।

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