रविवार, 26 मार्च 2023

चिट्ठाकारी (ब्लॉग) लेखन

'ब्लॉग' को हिंदी में चिट्ठाकारी कहा जाता हैं। यह इंटरनेट आधारित एक ऑनलाइन मंच (प्लेटफ़ॉर्म) होता है। 'ब्लॉगिंग' शब्द की उत्पत्ति "वेब-लॉग" से हुई है, जो इंटरनेट पर पहले एक 'नोटपैड' या 'डायरी' की तरह था।   

किसी विशिष्ट व्यक्ति को बिना संबोधित किए अपनी राय को सार्वजनिक रूप से संप्रेषित करने के लिए ब्लॉग (चिट्ठाकारी) लेखन सर्वाधिक उपयुक्त विधा है।  इसे व्यक्तिगत या व्यापारिक संचार (कॉम्युनिकेशन) करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह एक वेबसाइट की तरह होता है। 'ब्लॉग' को नियमित तौर पर अद्यतन (अपडेट) किया जाता है। हमेशा नए-नए विषयों पर नई ब्लॉग-पोस्ट जोड़ी जाती हैं।  

  • ब्लॉग लेखन (ब्लॉगिंग) - ब्लॉग लेखन कला को 'ब्लॉगिंग' कहते हैं। 
  • ब्लॉगर (ब्लॉग लेखक) - जो ब्लॉग का लेखन कार्य करता है। उसे ब्लॉगर कहते हैं।

ब्लॉगिंग का इतिहास - 

ब्लॉगिंग की शुरुआत 1994 में एक प्रोग्रामर जिन्न बीआर्नर्स-ली द्वारा हुई थी, जिन्होंने अपने वेबसाइट पर लोगों के लिए अपने व्यक्तिगत जीवन से संबंधित लेख लिखना शुरू किया था। बाद में, 1997 में, ब्लॉगिंग के माध्यम से दुनिया के सबसे पहले पब्लिक वेबलॉग, "Links.net" लॉन्च किया गया था। उसके बाद से, ब्लॉगिंग ने वैश्विक भाषाओं में उभरते हुए इंटरनेट के माध्यम से अधिक लोगों तक पहुंच प्राप्त की। 

ब्लॉगिंग का उपयोग -  

यह लोगों को उनके जीवन में होने वाली घटनाओं और उनकी दैनिक जिंदगी से संबंधित बातों के बारे में बताने का एक माध्यम बना। आजकल ब्लॉगिंग एक बड़ा उद्यम बन गया है। ब्लॉगिंग के माध्यम से ब्लॉगर मनपसंद विषयों पर अपने विचारों, अनुभवों और जानकारियों पर आधारित लेखों को सभी के साथ साझा कर सकते हैं। इसमें लेख, छवियाँ (फ़ोटो), वीडियो, ऑडियो आदि के माध्यम से ज्ञान, विचार और अनुभव सभी के साथ साझा किए जाते हैं। ब्लॉग द्वारा, लेखक अपने पाठकों से सीधे जुड़ सकते हैं। 'ब्लॉग' एक अहम् साधन है जो लोगों को विश्व समुदाय में अपने विचार और अनुभव साझा करने का मौका देता है।

हिंदी चिट्ठाकारी (ब्लॉगिंग) - देवनागरी लिपि (हिंदी) में लिखे गए ब्लॉग को 'हिंदी ब्लॉग' के नाम से जाने जाते हैं।

ब्लॉगिंग के कुछ महत्वपूर्ण उपयोग निम्नलिखित हैं: -

  1. अपने विचारों, ज्ञान, और अनुभवों को साझा करना - ब्लॉगिंग के माध्यम से, आप अपने विचार, ज्ञान, और अनुभवों को दुनिया के साथ साझा कर सकते हैं। आप लोगों को अपने विषय के बारे में बता सकते हैं और उन्हें अपनी दृष्टि से दुनिया देखने की प्रेरणा दे सकते हैं।
  2. व्यवसाय के लिए उपयोग - ब्लॉगिंग एक अच्छा माध्यम हो सकता है अपने व्यवसाय के बारे में जानकारी साझा करने के लिए। आप लोगों को अपने उत्पाद या सेवाओं के बारे में बता सकते हैं और अपने व्यवसाय को प्रचारित कर सकते हैं।
  3. व्यक्तिगत विकास के लिए उपयोग - ब्लॉगिंग अपने व्यक्तिगत विकास के लिए भी उपयोगी हो सकता है। इससे आप अपने लेखन कौशल, विचारों और ज्ञान को सुधार सकते हैं।
  4. ज्ञान संचय के लिए उपयोग - आप ब्लॉगिंग के माध्यम से ज्ञान संचय कर सकते हैं।
  5. सुधार के लिए - ब्लॉग के माध्यम से हम अपने पाठकों से उनकी प्रतिक्रिया ले सकते हैं। सुधार के लिए सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ अहम् भूमिका निभाती हैं।

ब्लॉगिंग के विषय -

वैसे तो ब्लॉगिंग किसी भी विषय पर की जा सकती है, फिर भी जिन विषयों पर ब्लॉगिंग अधिक की जाती है, उन विषयों के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं -
  • खाने-पीने के स्थान - खाने-पीने की जगहों के बारे में ब्लॉगिंग की जा सकती है। इसमें होटल अथवा रेस्टोरेंट की रिव्यूज़, फ़ूड एवं ड्रिंक की रेसिपी शामिल होती है।
  • फैशनेबल कपड़ों और सौंदर्य प्रसाधन की वस्तुओं पर - फैशन ब्लॉगिंग भी एक प्रसिद्ध विषय है। इसमें फैशन ट्रेंड्स, कपड़ों और ऐक्सेसरीज़ की सलाह तथा शॉपिंग टिप्स शामिल होते हैं।
  • स्वास्थ्य - स्वास्थ्य से सम्बंधित जानकारी साझा (शेयर) करने के लिए ब्लॉगिंग एक अच्छा माध्यम हो सकती है। यहाँ आप फिटनेस, डाइट, वज़न घटाने की टिप्स आदि शेयर कर सकते हैं।
  • यात्रा - यात्रा से संबंधित ब्लॉग लिखना भी बहुत प्रसिद्ध है। इसमें आप यात्रा गाइड, यात्रा के लिए बजट तथा यात्रा के बाद अनुभवों को शेयर कर सकते हैं।
  • विज्ञान और तकनीकी - टेक्नोलॉजी आज का ट्रेंडिंग विषय है, क्योंकि रोज कोई न कोई शोध, आविष्कार एवं नवाचार आते रहते हैं।
वीडियो ब्लॉगिंग (व्लोग्गिंग) - लेखन के बदले में कुछ लोग चलते-फिरते अपने कैमरे की सहायता से ब्लॉग की तरह ही विभिन्न विषयों से संबंधित जानकारियाँ एकत्रित करके उन्हे वीडियो के रूप में लोगों के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से साझा करते हैं। इस वीडियो ब्लॉगिंग को ही "व्लोग्गिंग" कहते हैं। आप Youtube आदि पर आप ऐसे कई व्लोग्गिंग के नमूने देख सकते हैं।

ब्लॉग लेखन का प्रारूप

  1. शीर्षक (Title):
    - रोचक, स्पष्ट और विषय से संबंधित
    - उदाहरण: "समय का सदुपयोग कैसे करें?"

  2. प्रस्तावना (Introduction):
    - विषय का संक्षिप्त परिचय
    - लेख लिखने का उद्देश्य
    - पाठक की रुचि जगाने वाला आरंभ

  3. मुख्य विषयवस्तु (Main Content):
    - अनुच्छेदों में विभाजित
    - तर्क, उदाहरण, आंकड़े, अनुभव आदि के साथ
    - उप-शीर्षकों (Subheadings) का प्रयोग
    - सरल और प्रभावशाली भाषा

  4. निष्कर्ष (Conclusion):
    - लेख का सारांश
    - लेखक की राय या सुझाव
    - प्रेरणादायक या सोचने पर मजबूर करने वाली बात

  5. प्रश्न या प्रतिक्रिया आमंत्रण (Optional):
    - "आपका इस विषय पर क्या विचार है?"
    - "कृपया अपनी राय टिप्पणी में दें।"
अभ्यास -
किसी पर्यटन स्थल पर आधारित एक ब्लॉग लेखन कीजिए। आपका ब्लॉग 200 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिए। आप अपने अपने ब्लॉग में निम्नलिखित बिन्दुओं को अवश्य शामिल करें।
  • किस प्रकार का पर्यटन स्थल है, उसका सामान्य परिचय
  • इस पर्यटन स्थल तक कैसे पहुँचे ? साधन, दूरी, सुविधाएँ आदि।
  • देखने / घूमने योग्य जगहें (प्लेस ऑफ इंटरेस्ट) कौन-कौन हैं?
सौजन्य - गूगल इमेज
आपके इस लेखन कार्य में सही विषय-वस्तु के लिए 8 अंक तथा उचित भाषा के लिए 8 अंक दिए जाएंगे।




  • प्रतिष्ठित         
  • श्रेष्ठ       
  • मध्यम           
  • काम चलाऊ 
  • हास्यास्पद  

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