श्रवण कौशल (लिसनिंग स्किल) के विकास की कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:-
- संवाद सुनें: श्रवण कौशल के विकास के लिए वक्ता और श्रोता के संवाद को ध्यान से सुनना भी बहुत जरूरी है। प्रश्नपत्र में पूछे गए सवालों का सही उत्तर जानने के लिए आपको एक्टिवली सुनने की आवश्यकता होती है।
- ध्यान केंद्रित रखें : परीक्षा के दौरान हो सकता है कि किसी अन्य छात्र/शिक्षक को छींक/खाँसी आ जाय, छात्र विचलित हो जाते हैं। आपको बिना विचलित हुए अपना ध्यान केंद्रित रखना है और धैर्य खोना नहीं चाहिए जिससे आप सुने हुए शब्दों को समझ सकें। जो आपके लिए संभावित उत्तर बन सकते हैं।
- नई शब्दावली को अपनाए : ज्ञान के विस्तार के लिए आपको जहाँ कहीं से भी नई शब्दावली और नए विषयों के विस्तार के अवसर मिले उन्हें एकत्रित करके अपने व्यक्तिगत शब्दकोश में लिख लेना चाहिए। धीरे-धीरे आप इन जानकारी को समझकर इनका प्रयोग भी करने लगेंगे।
- शब्दों की अभ्यास करें: नए शब्दों को अपने दैनिक बोलचाल अथवा लेखन में अभ्यास करना चाहिए। आप इससे शब्दों का अर्थ समझने में सक्षम होंगे और इससे आपके शब्दकोष का भी विस्तार होगा।
- सुनो और समझो: आपको समझने के लिए सुनने की आवश्यकता होती है। आप अपनी ध्यान देने की क्षमता को विकसित करने के लिए आस-पास के माहौल में ध्यान दें।
- रिकॉर्डिंग सुनें: विद्यार्थी रिकॉर्डिंग के माध्यम से अपनी सुनने की क्षमता को विकसित कर सकते हैं। आप अपनी आवाज में बातचीत को रिकॉर्ड करके, अथवा रेडियो, टीव्ही, कंम्प्यूटर और इंटरनेट (यूटूब) आदि की मदद से लोगों के साक्षात्कार, चर्चा, ड्क्युमेंटरी, आदि के आडिओ को सुन और समझ सकते हैं, आपको कहाँ सुधार करने की आवश्यकता है। यूट्यूब पर ताज एग्रो और डी.डबल्यू .हिन्दी चैनलों को सुनें।