पत्र लेखन अभिव्यक्ति के लिए, जानकारी साझा करने, व्यक्तिगत संदेश भेजने या किसी काम के लिए निवेदन करने आदि उद्देश्यों से लिखा जाता है।
पत्र लेखन बहुत से विषयों पर लिखा जा सकता है, जैसे व्यक्तिगत जीवन, राजनीति, समाज, शिक्षा, कला आदि। व्यक्ति अपने लक्ष्य और उद्देश्य के अनुसार अपने पत्र में उचित शब्दों का चयन करता है ताकि उसका पत्र पाठक को समझ में आ सके। इसके द्वारा लोग व्यक्तिगत संदेशों, विचारों और जानकारियों को आसानी से साझा कर सकते हैं। इसी का इलेक्ट्रोनिक रूप 'ई-मेल' है। जैसे - पहले लोग एक तल से दूसरे ताल तक जान के लिए सीढ़ियों का प्रयोग करते थे, आज उद्वाहक (elevators/escalators) का उपयोग कराते हैं। एस्केलेटर्स (लिफ़्ट) आदि सीढ़ियों का ही इलेक्ट्रोनिक रूप है। तमाम विकास के बाद भी पत्र लेखन अब भी एक महत्वपूर्ण संचार का माध्यम है।
पत्र के प्रकार: विद्वानों ने पत्रों को उनकी उपयोगिता के आधार पर उनके कई प्रकार बताएं हैं। जैसे -
- निजी पत्र - ये पत्र व्यक्तिगत होते हैं जो दो व्यक्तियों के बीच संवाद को व्यक्त करते हैं। ये पत्र परिवार, मित्रों आदि के बीच भेजे जाते हैं।
- सार्वजनिक पत्र - ये पत्र लोगों के बीच साझा की जाने वाली संवाद को व्यक्त करते हैं। उदाहरण के लिए, सरकारी पत्र, बैंक पत्र, व्यावसायिक पत्र आदि।
- अधिकारिक पत्र - ये पत्र अधिकारिक लेखों जैसे सरकारी नोटिस, विद्यालय (स्कूल) या महाविद्यालय (कॉलेज) के नोटिस, संस्थाओं आदि के बीच भेजे जाते हैं।
- व्यावसायिक पत्र - ये पत्र व्यवसाय के सम्बन्ध में होते हैं, जो उत्पादों की खरीदारी और बिक्री, वित्तीय सूचना, आर्थिक प्रबंधन, आदि के बारे में होते हैं।
- अकादमिक पत्र - ये पत्र विद्यालय (स्कूल) या महाविद्यालय (कॉलेज) में छात्रों के बीच संवाद के लिए होते हैं, जैसे छात्रवृत्ति (Scholarship), छात्रावास (हॉस्टल) आदि से संबंधित विषयों पर पत्र।
इनके अलावा अन्य प्रकार के पत्र होते हैं जैसे प्रेम-पत्र, शोक-पत्र, शिकायत-पत्र, आदि।
साधारणतया पत्रों को दो प्रमुख भागों मे वर्गीकृत किया जा सकता हैं-
क) अनौपचारिक पत्र - ऐसे पत्र होते हैं जो निजी तौर पर दो व्यक्तियों के बीच भेजे जाते हैं और इन पत्रों का उद्देश्य निजी विषयों पर चर्चा करना होता है। इन पत्रों में अधिकतर आपसी संबंधों, शुभकामनाओं, स्नेह भावनाओं और आमंत्रणों को व्यक्त किया जाता है।
इन पत्रों को अनौपचारिक कहा जाता है क्योंकि इन पत्रों का उपयोग आधिकारिक संदर्भों के लिए नहीं किया जाता है, बल्कि इन पत्रों में साधारण वार्तालाप विषय होते हैं। यह पत्र व्यक्तिगत होते हैं और इन पत्रों को शामिल करने के लिए कोई निश्चित प्रोटोकॉल नहीं होता है।
- उदाहरण - अपने मित्र/सहेली को आपके घर के पास खुले नए रेस्तराँ के बारे में जानकारी देते हुए पत्र लिखना।
आपका पता :
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दिनांक : ------------------,
प्रिय मित्र/सहेली _________ (नाम),
नमस्ते,
मुझे आपको बताते हुए बड़ी खुशी हो हूँ कि हमारे घर के पास एक नए रेस्तराँ का उद्घाटन हुआ है। यह रेस्तराँ बहुत ही अच्छे खाने के लिए जाना जाता है और उसका वातावरण भी बहुत ही आरामदायक है।
इस नए रेस्तराँ का नाम है [रेस्तराँ का नाम] और इसकी स्थिति हमारे घर से करीब [नंबर] किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ पर आपको भोजन के साथ-साथ उनकी विशेषताओं और मुख्य विवरणों के बारे में भी बताया जाएगा।
यह रेस्तराँ विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों का विस्तृत विकल्प प्रदान करता है, जिसमें से अधिकतर खाद्य स्वस्थ और गुणवत्ता से भरपूर और पारंपरिक भी हैं। इसके साथ ही, यहाँ आप बार, कैफे और रेस्तराँ का संगम भी देख सकते हैं।
आपको यह जानकर ख़ुशी होगी कि इस रेस्तराँ के डेजर्ट्स भी बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट हैं। तुम्हें यहाँ एक बार आकार जरूर इसे आजमाना चाहिए।
आशा है जल्द मिलेंगे।
धन्यवाद।
तुम्हारी/तुम्हारा सहेली/मित्र (नाम)
ख) औपचारिक पत्र - औपचारिक पत्र ऐसे पत्र होते हैं जो आधिकारिक तौर पर विभिन्न संस्थाओं, संगठनों, सरकारी विभागों अथवा अधिकारियों के बीच भेजे जाते हैं। इन पत्रों का उद्देश्य आधिकारिक विषयों पर चर्चा करना होता है। औपचारिक पत्रों का उपयोग किसी व्यवसाय, संस्था या सरकारी संगठन की आधिकारिक व्यवस्था को संबोधित करने के लिए किया जाता है।
इन पत्रों में संबंधित विषयों पर जानकारी, प्रगति रिपोर्ट, प्रश्नों के उत्तर, शिकायतें और उनके जवाब, नियोजन, आदि का वर्णन होता है। औपचारिक पत्र आमतौर पर एक निश्चित स्वरूप के अनुसार लिखे जाते हैं जो आधिकारिक संदर्भों के लिए उपयुक्त होते हैं।
औपचारिक पत्रों के कुछ उदाहरण देखिए -
i) व्यावसायिक पत्र - विषय : ऑनलाइन गलत उत्पाद मिलने के लिए शिकायती पत्र लिखिए।
प्रिय मैडम/सर,
मैं [अपना नाम] इस पत्र के माध्यम से आपको मेरी शिकायत करना चाहता हूं। मैंने हाल ही में आपके प्रतिष्ठित मेरीशोप्पिंगडॉटकॉम के पोर्टल से ऑनलाइन शॉपिंग की थी, कूरियर डेलीवरी में मुझे एक गलत जूता प्रपट हुआ है।
मैंने जूते को खरीदने से पहले उसे अच्छी तरह से जाँचा था, लेकिन अब उसे पहनने पर मुझे यह पता चला कि वह मेरी साइज से बहुत छोटा है। मैंने फिर ऑनलाइन और कस्टमर केयर पर जाकर अपनी समस्या साझा की लेकिन उन्होंने मुझे कोई समाधान नहीं दिया।
मुझे इस तरह के समस्याओं का सामना पहले भी करना पड़ा है और इस समय मैं इसे स्वीकार नहीं सकता हूँ। मुझे यह उम्मीद है कि आप मेरी समस्या को जल्द से जल्द हल करेंगे और एक संतोषजनक समाधान प्रदान करेंगे।
मेरी संपर्क जानकारी नीचे दी गई है:
खरीददारी की रसीद : _______________
[अपना नाम]
[अपना पता]
[अपना फोन नंबर]
[अपना ईमेल]
अगली कार्यवाही के लिए मैं आपके उत्तर की प्रतीक्षा कर रहा हूं।
धन्यवाद,
(अपका नाम)
ii) आवेदन पत्र - नौकरी के रिक्त पद हेतु आवेदन पत्र।
प्रिय सर/मैडम,
मैं इस पत्र के माध्यम से आपके संगठन में नौकरी के लिए आवेदन करना चाहता हूँ। मैं इस संगठन में नौकरी करना चाहता हूँ क्योंकि यह एक अच्छा कार्य स्थल है जो मेरी करियर के लिए अच्छी नौकरी के अवसर प्रदान करता है।
मैंने आपकी वेबसाइट देखी है और उसमें आपके संगठन की नीतियों और मिशन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की है। मुझे लगता है कि मैं आपके संगठन में एक उपयोगी सदस्य बन सकता हूँ जो अपनी संभावनाओं को बढ़ाने और आपके संगठन की वृद्धि में मदद करने में सक्षम होगा।
मैंने अपना रेज्यूमे संलग्न किया है जिसमें मेरी शिक्षा, अनुभव, कौशल और सम्पर्क जानकारी है। मैं आशा करता हूँ कि आप मेरे रेज्यूमे को ध्यान से देखेंगे और मुझे आपके संगठन में एक संभावित उम्मीदवार के रूप में चुनेंगे।
धन्यवाद,
आपका नाम
iii) प्रार्थना पत्र :
दिनांक : 10 मार्च 20xx
विषय -विद्यालय से एक दिवसीय अवकाश हेतु प्रार्थना-पत्र।
प्रिय माननीय प्रधानाध्यापक,
मैं ____________(नाम) आपके विद्यालय में कक्षा 8वीं का/की नियमित (छात्र/छात्रा) हूँ। मैं इस पत्र के माध्यम से आपसे अनुरोध करना चाहता/ती हूँ कि मुझे विद्यालय से एक दिन के अवकाश की आवश्यकता है।
मैंने पिछले कुछ दिनों से निरंतर अध्ययन कर रहा/रही हूँ अतः थोड़ा आराम लेने के लिए मुझे एक दिन के अवकाश लेना जरूरी है। मुझे अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए यह समय चाहिए। यह अवकाश मुझे मुझे इस संदर्भ में बहुत मददगार सिद्ध होगा।
आशा है कि आप मेरी इस विनती को समझते हुए मुझे एक दिन का अवकाश देने की कृपा करेंगे।
धन्यवाद,
आपका शिष्य/शिष्या,
[अपना नाम व अनुक्रमांक]
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