शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2025

अभ्यास 5 (नए पाठ्यक्रमानुसार) अत्याधुनिक मार्गदर्शिका

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📧 अभ्यास 5: पूर्ण मार्गदर्शिका

IGCSE हिंदी | Email लेखन | इंडिकोच

📝 1. अभ्यास प्रश्न

साइकिल चलाते समय आप अपनी साइकिल से गिर गए। अपने मित्र को यह बताने के लिए एक ईमेल लिखें।

आपके ईमेल में निम्नलिखित बातें सम्मिलित होनी चाहिए:
  • वर्णन करें कि आप क्या कर रहे थे
  • क्या हुआ
  • आपने स्थिति का सामना कैसे किया
ईमेल लगभग 120-160 शब्दों में लिखिए।
अधिकतम 6 अंक: विषयवस्तु | अधिकतम 9 अंक: भाषा

🎯 2. प्रश्न की समझ

  • स्पष्ट, सूचनात्मक और अपने अनुभव के अनुसार लिखें
  • तीनों निर्देशों को अलग-अलग अनुच्छेद/वाक्य में रखें
  • अनौपचारिक, दोस्ताना शैली / सरल-मिश्र वाक्य
  • कोई भी घटनाक्रम स्पष्ट, क्रम में

🗂️ 3. लेखन योजना

  1. मित्रवत अभिवादन (प्रिय ...)
  2. क्या कर रहे थे (समय/स्थान/गतिविधि)
  3. क्या हुआ (घटना विस्तार से)
  4. कैसे संभाला (दर्द/मदद/सीखा/अब कैसा लगा)
  5. समापन (शुभकामना/मिलने की बात)
  6. हस्ताक्षर

🌟 4. आदर्श उत्तर

इंडिकोच
प्रिय अंशु,
कल दोपहर जब मैं अपनी साइकिल स्कूल से लौट रहा था, तब मैं अपनी पसंदीदा गली में साइकिल चला रहा था। मौसम बड़ा सुहाना था और मन बहुत अच्छा था। मैं हल्के से गुनगुनाता जा रहा था। तभी अचानक एक कुत्ता सामने आ गया और बाइक का संतुलन बिगड़ गया। मैं धड़ाम से नीचे गिर पड़ा। घुटने और कोहनी में काफी दर्द हुआ। कुछ पलों के लिए तो समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ!
पर मैंने हिम्मत नहीं हारी और धीरे-धीरे उठने की कोशिश की। पास की दुकान के मालिक दौड़े आए और उन्होंने मुझे पानी पिलाया। उन्होंने कहा, "संकट में साहस ही असली साथी है।" थोड़ी देर में मैं संभल गया। अब मैं बिल्कुल ठीक हूँ, लेकिन आगे से और सावधान रहूँगा क्योंकि समझदारी में ही भलाई है।
जल्दी मिलने की उम्मीद में,
तुम्हारा मित्र,
अमित
🔍 उत्तर की जांच:
■ पीला: तीनों मुख्य मुद्दे | ■ हरा: मुहावरे व भाषा-शैली | ■ नारंगी: संरचना/समापन | ■ नीला: प्रारूप/व्याकरण
इंडिकोच
प्रिय अंशु,
कल दोपहर जब मैं अपनी साइकिल स्कूल से लौट रहा था, तब मैं अपनी पसंदीदा गली में साइकिल चला रहा था। मौसम बड़ा सुहाना था और मन बहुत अच्छा था। मैं हल्के से गुनगुनाता जा रहा था। तभी अचानक एक कुत्ता सामने आ गया और बाइक का संतुलन बिगड़ गया। मैं धड़ाम से नीचे गिर पड़ा। घुटने और कोहनी में काफी दर्द हुआ। कुछ पलों के लिए तो समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ!
पर मैंने हिम्मत नहीं हारी और धीरे-धीरे उठने की कोशिश की। पास की दुकान के मालिक दौड़े आए और उन्होंने मुझे पानी पिलाया। उन्होंने कहा, "संकट में साहस ही असली साथी है।" थोड़ी देर में मैं संभल गया। अब मैं बिल्कुल ठीक हूँ, लेकिन आगे से और सावधान रहूँगा क्योंकि समझदारी में ही भलाई है।
जल्दी मिलने की उम्मीद में,
तुम्हारा मित्र,
अमित
प्रिंट करने के लिए: ब्राउज़र का Print कमांड (Ctrl+P), या कॉपी करें।
  • क्या तीनों निर्देश स्पष्ट/अलग हुए?
  • क्या दो मुहावरे?
  • क्या संवाद/शैली प्राकृतिक है?
  • क्या व्याकरण/शब्द सीमा ठीक है?
  • क्या सकारात्मक समापन?
  • निर्देश में से कोई छूटना
  • बहुत औपचारिक भाषा
  • 120-160 शब्दों से कम या अधिक
  • मुहावरों/लोकोक्तियों की कमी
  • बहुत साधारण/टूटी भाषा
  • क्या सभी संकेत पूरे किए?
  • क्या भाषा सहज व प्रभावशाली है?
  • क्या अनुच्छेद/संगठन सही है?
  • क्या और सुधार की आवश्यकता है?
बारिश में स्कूल जाते समय आप फिसल गए—मित्र को ईमेल लिखें।
क्या कर रहे थे | क्या हुआ | कैसे संभाला
परीक्षा के दौरान आपकी कलम टूट गई—मित्र को स्थिति बताएं।
क्या कर रहे थे | क्या हुआ | कैसे संभाला
खेलते समय आपके पैर में चोट लग गई—मित्र को घटना का वर्णन करें।
क्या कर रहे थे | क्या हुआ | कैसे संभाला
स्कूल जाते समय आपकी बस छूट गई—मित्र को बताएं कि क्या किया।
क्या कर रहे थे | क्या हुआ | कैसे संभाला
लाइब्रेरी में आपकी किताब गुम हो गई—मित्र को बताएं आपने क्या किया।
क्या कर रहे थे | क्या हुआ | कैसे संभाला
इंडिकोच | अरविंद बारी | ब्लॉगस्पॉट Blogger-सेफ संस्करण | किसी भी JS की आवश्यकता नहीं — पूरी तरह मोबाइल अनुकूल
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