शुक्रवार, 24 अक्टूबर 2025

📖अभ्यास 2 — वाचन कौशल (नवीन पाठ्य क्रमानुसार 2026–27)

होमवर्क बनाम प्रोजेक्ट आधारित शिक्षा - अभ्यास 2 | IndiCoach

📚 होमवर्क बनाम प्रोजेक्ट आधारित शिक्षा

अभिभावकों के विचार और इंटरैक्टिव अभ्यास

अभ्यास 2 — होमवर्क बनाम प्रोजेक्ट आधारित शिक्षा (MCQ)

📖 निर्देश: नीचे चार अभिभावकों (A–D) के विचार दिए गए हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें, फिर अभ्यास शुरू करें।

अभिभावक के विचार:

  • A — मि. नायडू (होमवर्क के समर्थक):
    मेरा मानना है कि गृहकार्यघर पर किया जाने वाला काम (होमवर्क) बच्चे को रोज़ अभ्यास में लगाए रखता है। स्कूल में सीखी हुई बातों को यदि उसी दिन घर पर दोहराया न जाए तो वह भूलने की संभावना बढ़ जाती है। हर पाठ के बाद नियमित लिखित अभ्यास दिमाग में स्थायित्वहमेशा के लिए याद रहने वाला लाता है। प्रोजेक्ट आधारित कार्य आकर्षक होते हैं, पर वे कभी-कभी टीम-डिपेंडेंट और समय-खाऊ हो जाते हैं, और रोज़ाना पुनरावृत्तिदोहराना, फिर से अभ्यास करना का विकल्प नहीं बन सकते।
  • B — मिसेज मलिक (प्रोजेक्ट के समर्थक):
    मैं प्रोजेक्ट आधारित शिक्षा का समर्थक हूँ। आज के समय में बच्चों को शोध, समस्या-समाधान, प्रस्तुति और सहकार्यतामिलकर काम करना, टीमवर्क जैसी जीवन-योग्यताएँ चाहिए — जो होमवर्क नहीं देता। प्रोजेक्ट बच्चे को सोचने, खोजने, बनाने और साझा करने की प्रक्रिया में ले जाता है; किताब का अभ्यास 'याद करो और लिखो' तक सीमित रह जाता है, जबकि वास्तविक जीवन में बच्चों को रचनात्मक और अनुप्रयोग-युक्तव्यावहारिक उपयोग में लाने वाला दिमाग चाहिए।
  • C — मो. आबिद (संतुलन के समर्थक):
    मेरी राय में दोनों का संतुलन जरूरी है। केवल होमवर्क देने से बच्चे बोझ महसूस करते हैं और रटने की आदत पड़ती है, जबकि केवल प्रोजेक्ट देने से बुनियादीमूल, आधारभूत भाषा और गणना जैसी मूल दक्षताओं का अभ्यास कम हो जाता है। रोज़ की थोड़ी पुनरावृत्ति और समय-समय पर सोच आधारित प्रोजेक्ट — यही संयोजन टिकाऊलंबे समय तक चलने वाला सीखने का तरीका है। शिक्षा में एक ही पद्धति का वर्चस्वप्रभुत्व, एकाधिकार नहीं होना चाहिए।
  • D — मि. जेकब (गुणवत्ता के समर्थक):
    इस बहस का असली पहलू "गुणवत्ता" है, न कि "रूप"। बहुत-सा होमवर्क सिर्फ़ पन्ने भरने की औपचारिकतारस्म अदायगी, दिखावटी कार्य है — उसमें सीख कहाँ है? वैसे ही, कई प्रोजेक्ट माता-पिता पूरा कर देते हैं, बच्चे नहीं। परिणाम यह कि दोनों रूपों का उद्देश्य खो जाता है। यदि होमवर्क कम पर सारयुक्तअर्थपूर्ण, मूल्यवान हो और प्रोजेक्ट ऐसी रचना हो जो विद्यार्थी स्वयं करे, तभी दोनों सार्थक हैं — वरना रूप बदलने से कुछ नहीं बदलेगा।

💡 शैक्षिक दृष्टिकोण:

होमवर्क के लाभ: नियमित अभ्यास, अवधारणाओं का सुदृढ़ीकरण, स्व-अनुशासन का विकास, और समय प्रबंधन कौशल।

प्रोजेक्ट आधारित शिक्षा के लाभ: रचनात्मकता, समस्या-समाधान कौशल, सहयोगात्मक कार्य, और वास्तविक जीवन अनुप्रयोग।

संतुलित दृष्टिकोण: दोनों पद्धतियों का समन्वय आधुनिक शिक्षा की आवश्यकता है जो बच्चों को सर्वांगीण विकास प्रदान करती है।

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