मंगलवार, 26 नवंबर 2024

भाषण - "सपनों को सच करने का हौसला" – मैत्री पटेल

प्रिय दोस्तों,

मैं मैत्री पटेल, आज आपके समक्ष खड़े होकर गौरवान्वित महसूस कर रही हूँ। मैं आपसे अपनी कहानी सुनाकर  अपने मन की बात साझा करने आई हूँ। यह कहानी सिर्फ मेरी नहीं है, यह उन सपनों की कहानी है, जिन्हें पूरा करने के लिए मैंने और मेरे परिवार ने हर चुनौती का सामना किया।

मैत्री अपने माता-पिता के साथ
मैं गुजरात के सूरत के एक साधारण परिवार से हूँ। मेरे पिता किसान हैं और मेरी माँ नगर निगम में काम करती हैं। हमारे पास बहुत सीमित साधन थे, लेकिन मेरे सपने आसमान जितने बड़े थे। बचपन से ही मैं आसमान में उड़ने वाले विमानों को देखकर सोचती थी कि एक दिन मैं भी वही करूँगी। लेकिन सच कहूँ, तो उस समय यह सपना मुझे भी दूर और मुश्किल लगा करता था।

हमारे समाज में अक्सर हमें सिखाया जाता है कि बड़े सपने देखना अमीरों का काम है। लेकिन दोस्तों, यह सच नहीं है। सपने देखना हमारा अधिकार है। हाँ, उन्हें पूरा करना मेहनत और हौसले की मांग करता है।

जब मैंने पायलट बनने का फैसला किया, तो मेरे परिवार ने इसे पूरा करने के लिए सबकुछ दांव पर लगा दिया। मेरे पिता ने अपनी जमीन बेच दी। सोचिए, एक किसान के लिए यह कितना बड़ा फैसला होता है। लेकिन उन्होंने मुझ पर विश्वास किया। और दोस्तों, यही विश्वास मेरे लिए सबसे बड़ा सहारा बन गया।

मैंने अमेरिका में 18 महीने का पायलट कोर्स मात्र 11 महीनों में पूरा किया। इसके पीछे सिर्फ मेरी मेहनत नहीं थी, बल्कि मेरे परिवार का विश्वास और उनकी कुर्बानी थी। हर दिन मैं अपने माता-पिता के चेहरे और उनकी उम्मीदों को याद करती थी। यही याद मुझे कभी हारने नहीं देती थी।

आज, जब मैं 3500 फीट की ऊँचाई पर विमान उड़ाती हूँ, तो मुझे केवल एक बात समझ आती है—सपनों की ऊँचाई कोई सीमा नहीं जानती। हमें ही यह तय करना है कि हम अपने सपनों को कैसे पूरा करेंगे। दोस्तों, हमारी परिस्थितियाँ हमारे सपनों को रोक नहीं सकतीं, अगर हम उन्हें रोकने न दें।

मैं आप सबको यह कहना चाहती हूँ - "डरो मत, अपने सपनों को छोटा मत करो। अगर आप किसी चीज़ को पूरी शिद्दत से चाहते हो, तो पूरी कायनात आपको उसे हासिल करने में मदद करेगी। हाँ, रास्ता कठिन होगा। हाँ, आपको बार-बार असफलता का सामना करना पड़ेगा। लेकिन यही असफलताएँ आपको मजबूत बनाएंगी।"

मेरे हम उम्र साथियों! आप चाहे किसी गाँव से हों या किसी बड़े नगर से, सपनों को पूरा करने का हौसला सभी में होना चाहिए। आपको केवल खुद पर विश्वास करना होगा और हर दिन उस दिशा में एक और कदम बढ़ाना होगा।

मुझे यह भी समझ आया कि जब कोई आपके लिए त्याग करता है, तो उसकी मेहनत की कद्र करना आपका कर्तव्य बन जाता है। मेरे पिता ने मेरी शिक्षा के लिए अपनी जमीन बेच दी। उनके इस त्याग ने मुझे कभी हार नहीं मानने दी। जब आप अपने परिवार या अपने देश के लिए कुछ करते हैं, तो आपके सपनों का महत्व और बढ़ जाता है।

दोस्तों! मेरी कहानी आपके लिए एक प्रेरणा हो सकती है। लेकिन याद रखें, आपकी अपनी कहानी है। उसे ऐसा बनाइए कि लोग उसे सुनकर गर्व महसूस करें। अपने सपनों को उड़ान दीजिए, और अगर कभी रास्ता कठिन लगे, तो यह सोचना कि आप अकेले नहीं हैं। आपके हौसले के साथ पूरा ब्रह्मांड है।

मैं आपसे अपने इसी शब्दों से अपने इस वक्तव्य को विराम देती हूँ कि, "चलो, सपनों को सच करते हैं।"

आप सभी को शुभकामना, "धन्यवाद।"

मैत्री पटेल के हिंदी भााषण की ऑडियो सुनिए

समीक्षा: प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ (पुस्तक)

आपने हाल ही में एक पुस्तक पढ़ी थी, जो आपको बहुत पसंद आई उसके बारे में आपको अपने मित्रों को बताना है उसकी समीक्षा लिखिए करते हुए बताइए कि आपको यह पुस्तक विशेष रूप से क्यों पसंद आई। अपने लेखन में आप निम्नलिखित बिंदुओं को सामिल करते हुए (IGCSE-200) / (IBDP-450) शब्दों में 'पुस्तक समीक्षा' लिखिए। 
      • पुस्तक का सारांश 
      • पुस्तक के गुण और दोष 
      • आपकी राय 
आदर्श उत्तर - (IGCSE हेतु 200 शब्दों में)
दिनांक: 15-नवं. 202X 

पुस्तक समीक्षा:  प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ

      • पुस्तक का नाम: प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ   
      • लेखक: मुंशी प्रेमचंद  
      • प्रकाशन: राजपाल एंड संस, दिल्ली
      • मूल्य: ₹150 (संकेतात्मक)  
      • पृष्ठ संख्या: 200  
पुस्तक का सारांश:
प्रेमचंद की कहानियों का यह संग्रह भारतीय समाज और मानवीय संवेदनाओं का अद्वितीय चित्रण करता है। इसमें "ईदगाह," "पंच परमेश्वर," "नमक का दरोगा," और "कफन" जैसी प्रसिद्ध कहानियां शामिल हैं। इन कहानियों में प्रेमचंद ने गरीबी, नैतिकता, रिश्तों और सामाजिक असमानताओं को सरल और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया है। हर कहानी एक महत्वपूर्ण संदेश और गहरी सीख प्रदान करती है।  

पुस्तक के गुण और दोष:
इस पुस्तक की सबसे बड़ी विशेषता है इसकी भाषा की सरलता और पात्रों की यथार्थता। प्रेमचंद ने समाज की समस्याओं और मानवीय कमजोरियों को इतनी गहराई से प्रस्तुत किया है कि पाठक पात्रों और उनके संघर्ष से स्वयं को जुड़ा हुआ महसूस करता है। हालांकि, कुछ कहानियों में पुरानी हिंदी का प्रयोग आधुनिक पाठकों को कठिन लग सकता है।  

पुस्तक क्यों पसंद आई:
यह पुस्तक इसलिए विशेष रूप से पसंद आई क्योंकि यह न केवल समाज की वास्तविकताओं को दर्शाती है, बल्कि उसमें सुधार के लिए प्रेरित भी करती है। कहानियों में मानवीय संबंधों और संवेदनाओं का चित्रण पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करता है।  

पुस्तक पढ़ने की सिफारिश (अनुशंसा):
यह पुस्तक साहित्य प्रेमियों और समाज के यथार्थ को समझने वालों के लिए अनमोल है। यह न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि पाठकों को जीवन और समाज के प्रति एक नई दृष्टि भी प्रदान करती है।

समीक्षक: [आपका नाम]

आदर्श उत्तर (IBDP हेतु 450 शब्दों में)

दिनांक: 15-नवं. 202X
पुस्तक समीक्षा: प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ 
  • पुस्तक का नाम: प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ   
  • लेखक: मुंशी प्रेमचंद  
  • प्रकाशन: राजपाल एंड संस  
  • मूल्य: ₹150 (संकेतात्मक)  
  • पृष्ठ संख्या: 200  
पुस्तक का सारांश:
प्रेमचंद की यह कहानी-संग्रह भारतीय समाज और मानवीय संवेदनाओं का दर्पण है। "ईदगाह," "पंच परमेश्वर," "नमक का दरोगा," और "कफन" जैसी कहानियां इस संग्रह की प्रमुख रचनाएं हैं। ये कहानियां गरीबी, ईमानदारी, न्याय और मानवीय रिश्तों की गहराई को छूती हैं। उदाहरण के लिए, "ईदगाह" में छोटे हामिद का अपनी दादी के प्रति प्यार और त्याग दिखाया गया है। "पंच परमेश्वर" न्याय और सच्चाई की अहमियत सिखाती है, जबकि "नमक का दरोगा" ईमानदारी के मूल्य को उजागर करती है। "कफन" गरीबी और नैतिक पतन पर तीखा प्रहार करती है।  

पुस्तक के गुण अथवा दोष:
प्रेमचंद की लेखनी की सबसे बड़ी खूबी उनकी सरल भाषा और यथार्थवादी दृष्टिकोण है। उनकी कहानियों के पात्र और स्थितियां आम जीवन से ली गई लगती हैं। उनके माध्यम से सामाजिक समस्याओं और मानवीय कमजोरियों को बेहद प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है।  
हालांकि, कुछ स्थानों पर कहानियों की धीमी गति और पुरानी भाषा आधुनिक पाठकों को चुनौतीपूर्ण लग सकती है।  

पुस्तक पसंद आने का कारण: 
यह पुस्तक मुझे इसलिए पसंद आई क्योंकि इसमें हर कहानी जीवन का एक मूल्यवान सबक देती है। यह न केवल समाज की सच्चाई को सामने रखती है, बल्कि हमें आत्मविश्लेषण और सुधार के लिए प्रेरित करती है।  

कहानियों की सीख का मेरे अनुभवों से मेल: 
प्रेमचंद की कहानियों ने मुझे मेरे जीवन के कई अनुभवों से जोड़ने का अवसर दिया। उदाहरण के लिए, "ईदगाह" पढ़ते समय मुझे अपने बचपन का वह समय याद आया जब मैंने अपनी मां के लिए पहली बार कुछ खरीदा था। हामिद की तरह, उस दिन मैंने पैसे से ज्यादा भावनाओं को महत्व दिया था।  
"पंच परमेश्वर" ने मुझे एक घटना की याद दिलाई जब मुझे दोस्तों के बीच न्याय करना था। प्रेमचंद की इस कहानी ने सिखाया कि न्याय हमेशा सच्चाई पर आधारित होना चाहिए, भले ही फैसला अपनों के खिलाफ क्यों न हो।  
"नमक का दरोगा" से मैंने सीखा कि ईमानदारी के रास्ते पर चलना मुश्किल हो सकता है, लेकिन यह हमेशा सम्मान और आत्मसंतुष्टि देता है। मेरी नौकरी के शुरुआती दिनों में, मैंने भी कई बार ईमानदारी के साथ अपने काम को प्राथमिकता दी, भले ही परिस्थितियाँ प्रतिकूल रहीं।  
"कफन" ने मुझे गरीबी और उसके प्रभावों को गहराई से समझने का अवसर दिया। मैंने अपने आस-पास ऐसे लोगों को देखा है जो कठिन परिस्थितियों में भी मानवीयता बनाए रखते हैं, जबकि कुछ लोग मजबूरी में नैतिकता से समझौता करते हैं।  

पुस्तक पढ़ने की अनुशंसा:
प्रेमचंद की यह पुस्तक हर व्यक्ति को पढ़नी चाहिए, क्योंकि यह जीवन और समाज की सच्चाइयों को गहराई से समझने का अवसर देती है। यह न केवल पाठकों को प्रेरित करती है, बल्कि उन्हें समाज और मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील भी बनाती है।

समीक्षक: [आपका नाम]

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प्रकृति के सुरम्य आंचल में एक अद्भुत गांव पंगोट (यात्रा वृतांत)

पंगोट गाँव का दृश्य 
एक ठंडी सुबह, जब सूरज की पहली किरणें नैनीताल की वादियों को सुनहरे रंग में रंग रही थीं, मैंने अपनी यात्रा शुरू की। मेरा गंतव्य था पंगोट, नैनीताल से लगभग 15 किलोमीटर दूर बसा एक छोटा, शांत और सुंदर गाँव। हर कदम पर हिमालय की ठंडी हवा और हरे-भरे जंगलों की महक मेरे उत्साह को और बढ़ा रही थी।

जैसे ही मैंने 'पंगोट' की ओर बढ़ना शुरू किया, रास्ते में ऊंचे-ऊंचे पेड़ों से घिरी घाटियां और पक्षियों की मीठी चहचहाहट ने मेरा स्वागत किया। यह अनुभव शहरी भाग-दौड़ से कोसों दूर किसी और ही दुनिया का प्रतीत हो रहा था। सड़कें पतली और घुमावदार थीं, लेकिन हर मोड़ पर प्रकृति की एक नई तस्वीर मेरी आँखों के सामने आ जाती।

'पंगोट' पहुँचते ही, मुझे यह समझ आ गया कि इसे पक्षी प्रेमियों का स्वर्ग क्यों कहा जाता है। होम-स्टे पर चाय की चुस्कियाँ लेते हुए मैंने दूरबीन उठाई और आस-पास के पेड़ों पर नज़र डाली। मेरी नज़रें रंग-बिरंगे पक्षियों पर टिक गईं — चीयर फीजेंट, हिल पार्ट्रिज, और काली बैकड टिट जैसे पक्षी हर तरफ अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे थे। पक्षियों के फोटोग्राफर वहाँ पहले से ही अपनी जगह ले चुके थे। उनके विशाल लेंस और गहरे ध्यान को देखकर पता चल रहा था कि वे भी इन दुर्लभ पलों को कैमरे में कैद करने का इंतजार कर रहे हैं।

पक्षियों को देखने के बाद मैंने आस-पास के जंगलों की सैर करने का मन बनाया। एक स्थानीय गाइड के साथ मैंने 'किलबरी ट्रेल' पर कदम रखा। यह ट्रेकिंग पथ ओक, चीड़ (पाइन) और बुरांस (रोडोडेंड्रॉन) के पेड़ों से भरा हुआ था। चलते-चलते मुझे चारों ओर हरियाली और पक्षियों की आवाजें सुनाई देती रहीं। यह नज़ारा इतना मंत्रमुग्ध कर देने वाला था कि मैं इस यात्रा को और लंबा करना चाहता था। गाइड ने मुझे यहाँ के पेड़-पौधों और उनकी खासियतों के बारे में बताया, जिससे यह यात्रा और भी ज्ञानवर्धक बन गई।

शाम होते-होते मैं गाँव लौट आया। 'पंगोट' के छोटे-छोटे होम-स्टे स्थानीय संस्कृति और जीवनशैली का सटीक परिचय कराते हैं। मैंने अपने मेजबान से बातचीत की और यहाँ के खाने का आनंद लिया। गरमागरम पहाड़ी आलू के गुटके और मंडुए की रोटी ने मेरी भूख को शांत किया। गाँव के लोगों की सादगी और आवभगत (मेहमाननवाजी) ने मेरा दिल छू लिया।

अगली सुबह सूरज की किरणों के साथ पंगोट और भी सुंदर लग रहा था। मैंने अपने कैमरे से घाटियों के नज़ारे कैद किए। यह जगह हर मायने में खास है — शांत, सुंदर और प्रकृति से भरपूर। यहाँ बिताए गए पल मुझे लंबे समय तक याद रहेंगे।

'पंगोट' की इस यात्रा ने मुझे न केवल प्रकृति के करीब आने का मौका दिया, बल्कि मुझे यह भी सिखाया कि असली शांति कहां मिलती है। पक्षियों की चहचहाहट, हरे-भरे जंगल, और स्थानीय लोगों की सरल जीवनशैली ने मुझे भीतर तक छू लिया। अगर आप भी शहरी शोरगुल से दूर, प्रकृति के बीच सुकून के पल बिताना चाहते हैं, तो पंगोट से बेहतर जगह नहीं हो सकती।

इस यात्रा ने मुझे एहसास कराया कि कभी-कभी सच्ची खुशी और शांति दूर-दराज के गांवों में ही छुपी होती है। पंगोट की इस अद्भुत यात्रा को मैं हमेशा अपने दिल में सँजोकर रखूँगी ।

फिर मिलेंगे ऐसी ही किसी और रोचक यात्रा पर..।


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