अहिल्यानगर के एक छोटे से गाँव में 74 वर्षीय सुमन आजी अपनी छोटी-सी रसोई में व्यस्त थीं। मिट्टी की चूल्हे पर खदकती कढ़ाई में पकती पाव भाजी की सुगंध पूरे आँगन में फैल रही थी। उनका 12 वर्षीय पोता, यश, मोबाइल फोन लेकर उनके पास आया और उत्साहित स्वर में बोला, "आजी, आप इतनी अच्छा खाना बनाती हैं, क्यों न हम इसका वीडियो बनाकर यूट्यूब पर डालें?"
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सुमन आजी रसोई में अपने पोते के साथ |
सुमन आजी ने हँसते हुए कहा, "बेटा, मुझे तो यह यूट्यूब और इंटरनेट के बारे में कुछ पता ही नह; यह सब बड़े लोगों के लिए होता होगा।" लेकिन यश ने उन्हें समझाया कि सोशल मीडिया अब हर किसी के लिए एक आम मंच बन चुका है, जहाँ कोई भी अपनी कला और हुनर को पूरी दुनिया तक पहुँचा सकता है। थोड़ी झिझक के बाद, सुमन आजी ने हामी भर दी और अगले ही दिन, यश ने उनका पहला वीडियो रिकॉर्ड किया।
नवंबर 2019 में उनका चैनल "आपली आजी" लॉन्च हुआ। दिसंबर में उन्होंने "करलाची भाजी" (करैले की सब्जी) नामक एक पारंपरिक महाराष्ट्रीयन डिश की रेसिपी का वीडियो डाला। यह वीडियो कुछ ही दिनों में वायरल हो गया और लाखों लोगों ने इसे देखा। धीरे-धीरे, सुमन आजी ने कैमरे के सामने आत्मविश्वास के साथ बोलना सीख लिया। वह नई-नई रेसिपी लेकर आने लगीं और देखते ही देखते उनके चैनल के प्रशंसक लाखों में पहुँच गए। आज उनके यूट्यूब चैनल पर 1.76 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं और वे हर महीने 5-6 लाख रुपये कमा रही हैं।
हालांकि, यह सफर इतना आसान नहीं था। अक्टूबर 2020 में उनका चैनल हैक हो जाने से उन्हें गहरा झटका लगा। लेकिन यश ने हिम्मत नहीं हारी और यूट्यूब की मदद से चार दिनों में चैनल वापस पा लिया। इस घटना ने सुमन आजी का हौसला और बढ़ा दिया। अब वे केवल रेसिपी ही नहीं, बल्कि अपने ब्रांड के मसाले और अन्य उत्पाद भी बेचने लगीं। उनकी सफलता यह साबित करती है कि उम्र या शिक्षा, कुछ भी मेहनत और लगन के आड़े नहीं आता। सुमन आजी की तरह, सोशल मीडिया ने कई अन्य लोगों की जिंदगी बदली है। असम की रानू मंडल रेलवे स्टेशन पर गाना गाकर जीवनयापन कर रही थीं। किसी ने उनका वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर डाल दिया, और वह रातोंरात प्रसिद्ध हो गईं। बाद में उन्हें बॉलीवुड में गाने का अवसर भी मिला।
हालांकि, सोशल मीडिया का दूसरा पक्ष भी है। जहाँ यह लोगों को पहचान और अवसर दिला सकता है, वहीं कई लोग घंटों इसे अनावश्यक रूप से इस्तेमाल करके अपना समय नष्ट कर देते हैं। गलत सूचनाओं और साइबर अपराधों का खतरा भी बढ़ गया है। अधिक स्क्रीन टाइम के कारण मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, सोशल मीडिया एक दोधारी तलवार की तरह है। यदि इसका सही उपयोग किया जाए, तो यह किसी के जीवन को बदल सकता है। वहीं, यदि इसे लापरवाही से इस्तेमाल किया जाए, तो यह समय और मानसिक शांति दोनों को बर्बाद कर सकता है। हमें इसे एक साधन के रूप में देखना चाहिए, न कि समय व्यर्थ करने के लिए। सुमन आजी की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर हम सोशल मीडिया का रचनात्मक और सकारात्मक उपयोग करें, तो यह हमारी जिंदगी को नई ऊँचाइयों तक पहुँचा सकता है।