'आतंकवाद' का अर्थ होता है 'किसी समूह या व्यक्ति द्वारा हिंसा और दहशत फैलाने के लिए लोगों के जीवन पर हमला करना। इसका उद्देश्य समाज में भय का माहौल पैदा करना और राजनीतिक, धार्मिक या वैचारिक लक्ष्यों को जबरन प्राप्त करना होता है।'
This page offers high-quality educational resources for Hindi learners, teachers, and enthusiasts. Its goal is to support success, which is the greatest reward for our efforts. Jai Hind, Jai Hindi! यह पृष्ठ हिंदी शिक्षार्थियों, शिक्षकों और उत्साही जनों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री प्रदान करता है। यदि यह किसी की सफलता में योगदान दे सके, तो यही हमारे प्रयासों का पुरस्कार होगा। जय हिंद, जय हिंदी!
बुधवार, 30 अक्टूबर 2024
आतंकवाद: एक गंभीर खतरा और हमारी ज़िम्मेदारी
आज जब हम अपने घरों में सुरक्षित महसूस करते हैं, तब भी दुनिया के कई हिस्सों में आतंकवाद जैसी गंभीर समस्या समाज, देश और विश्व की शांति को बुरी तरह से प्रभावित कर रही है। आतंकवाद कोई सामान्य अपराध नहीं है। यह मानवता के खिलाफ एक हिंसक कदम है, जिसका मकसद होता है डर और दहशत फैलाना। इसका कोई धर्म, जाति या राष्ट्र नहीं होता। आतंकवाद के कई रूप हो सकते हैं - धार्मिक, राजनीतिक, जातीय, लेकिन इसके नतीजे हमेशा एक जैसे होते हैं: मानवता का विनाश।
आतंकवाद का मूल अर्थ यही है कि कुछ लोग या संगठन अपनी सोच, विचारधारा या राजनीतिक उद्देश्य को हिंसा और भय के माध्यम से थोपते हैं। हम देख चुके हैं कि 9/11 जैसे हमलों में हज़ारों निर्दोष लोगों की जान गई। भारत ने भी 26/11 के मुंबई हमले, संसद पर हुए हमले और पुलवामा जैसी दिल दहला देने वाली घटनाओं का सामना किया है। ये घटनाएं यह बताती हैं कि आतंकवाद कितना भयावह हो सकता है और इसका प्रभाव कितनी गहराई तक समाज को चोट पहुंचा सकता है।
आतंकवाद की जड़ें कई गहरे मुद्दों में छिपी होती हैं - गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, धार्मिक कट्टरता और राजनीतिक अस्थिरता। ये समस्याएं लोगों को आतंकवादी विचारधाराओं की ओर खींचती हैं। जब किसी के पास रोजगार नहीं होता, जब वे अपने जीवन में असफल होते हैं या जब उनकी शिक्षा अधूरी रह जाती है, तो उन्हें लगता है कि आतंकवाद उनके लिए एकमात्र रास्ता है। इसके अलावा, कई बार वैश्विक स्तर पर कुछ देश भी इन संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं या राजनीतिक संरक्षण देते हैं, जिससे यह समस्या और बढ़ती है।
युवाओं को भी अक्सर इस दलदल में फंसा लिया जाता है। सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से कट्टरपंथी विचारधाराएं फैलाकर उन्हें गुमराह किया जाता है। एक बार जब युवा इस जाल में फंस जाते हैं, तो उन्हें बाहर निकालना बेहद मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि हमें इस समस्या को जड़ से समाप्त करना होगा, और इसके लिए सभी का सहयोग जरूरी है।
आतंकवाद का प्रभाव न केवल समाज पर, बल्कि देश और पूरी दुनिया पर पड़ता है। जब भी कोई आतंकवादी हमला होता है, सबसे पहले मासूम लोगों की जान जाती है। इसके साथ ही समाज में भय का माहौल बनता है। लोग असुरक्षित महसूस करने लगते हैं, जिससे उनकी दिनचर्या पर असर पड़ता है। न केवल आम लोग, बल्कि देश की आर्थिक स्थिति भी प्रभावित होती है। आतंकवाद के कारण कई बार पर्यटन, व्यापार और शिक्षा जैसे क्षेत्र भी बुरी तरह प्रभावित होते हैं। विकास की गति धीमी हो जाती है और सरकार को अपने संसाधनों का बड़ा हिस्सा सुरक्षा व्यवस्था पर खर्च करना पड़ता है।
आतंकवाद जैसी गंभीर समस्या से लड़ने के लिए केवल सैन्य उपाय पर्याप्त नहीं होते। इसके लिए हमें एक समग्र दृष्टिकोण अपनाना होगा। सबसे पहले, हमें समाज में शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना होगा। अशिक्षा और बेरोजगारी से लड़ाई लड़नी होगी, ताकि लोग आतंकवादी संगठनों के बहकावे में न आएं। इसके अलावा, सरकारी एजेंसियों को आधुनिक तकनीक से लैस करना होगा, ताकि वे आतंकवादी गतिविधियों का जल्द पता लगाकर उन्हें रोक सकें।
इसके साथ ही, अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी बेहद जरूरी है। आतंकवाद का जाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ है, इसलिए सभी देशों को एकजुट होकर इस समस्या का समाधान ढूंढ़ना होगा। आतंकवादी संगठनों की वित्तीय सहायता को रोकना, उनकी भर्ती प्रक्रिया को बाधित करना और उनके प्रचार-प्रसार पर रोक लगाना ऐसे कुछ कदम हैं जो हमें मिलकर उठाने होंगे।
युवाओं को विशेष रूप से जागरूक रहना चाहिए। इंटरनेट और सोशल मीडिया जैसे प्लेटफार्मों पर अक्सर कट्टरपंथी संगठनों का प्रचार होता है, जो युवाओं को गुमराह कर सकता है। ऐसे में यह जरूरी है कि युवा खुद सतर्क रहें और दूसरों को भी सतर्क करें। अपनी सोच को सकारात्मक दिशा में ले जाएं और शांति, सद्भाव और शिक्षा को बढ़ावा दें। युवाओं के पास एक ताकत होती है - वे समाज का भविष्य होते हैं। अगर वे आतंकवाद से दूर रहें और अपनी भावी पीढ़ी को भी इससे दूर रखें, तो समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। युवाओं को यह समझना चाहिए कि आतंकवाद से न केवल व्यक्तिगत नुकसान होता है, बल्कि यह पूरी मानवता को हानि पहुंचाता है। हमें अपने समाज और देश को सुरक्षित रखने के लिए सतर्क और जागरूक रहना चाहिए।
आखिरकार, हमें यह याद रखना चाहिए कि आतंकवाद से न केवल निर्दोष लोग मारे जाते हैं, बल्कि यह पूरी मानवता को नुकसान पहुंचाता है। यह समस्या किसी एक व्यक्ति या एक देश की नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया की है। ऐसे में हर एक नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि वह जागरूक बने और अपने समाज, अपने देश और अपनी भावी पीढ़ी को इस खतरे से दूर रखें।
आइए, हम सब मिलकर आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए एकजुट हों और शांति की राह पर चलें। यही हमारी सबसे बड़ी जीत होगी।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों में है भविष्य के यातायात का सुख...
अमिताभ सरन |
यह कंपनी भारतीय बाजार की जरूरतों और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए ऐसे वाहन बना रही है जो सिर्फ पर्यावरण के लिए ही नहीं, बल्कि व्यवसायिक उपयोग के लिए भी फायदेमंद साबित हो रहे हैं। अल्टिग्रीन का नवीनतम प्रोडक्ट 'अल्टिग्रीन neEV' भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में एक क्रांतिकारी कदम है। यह वाहन एक बार चार्ज होने पर 150 किमी तक का सफर तय कर सकता है, जो व्यावसायिक परिवहन में भारी सामान ढोने के लिए पर्याप्त है। भारतीय सड़कों की विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इसे तैयार किया गया है, ताकि यह हर प्रकार के मार्ग और मौसम में सहजता से संचालित हो सके। यह न सिर्फ संचालन में किफायती है, बल्कि पर्यावरण को भी शून्य उत्सर्जन से बचाने में सहायक है, जो इसे व्यवसायिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण बनाता है।
इसके साथ ही, अल्टिग्रीन ने एक और क्रांतिकारी पहल की है जिसे 'फिट एंड फॉरगेट' किट के नाम से जाना जाता है। इस किट की मदद से पुरानी गाड़ियों को हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन में परिवर्तित किया जा सकता है। यह किट उन लोगों के लिए बहुत ही लाभकारी है जो अपनी पुरानी गाड़ियों को छोड़ना नहीं चाहते लेकिन पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभाना चाहते हैं। इस प्रकार, अमिताभ सरन की यह पहल पुराने और नए दोनों प्रकार के वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रही है।
अमिताभ सरन का सपना है कि भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में एक सुपरपावर बने। वे मानते हैं कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का बड़ा बाजार है और यदि सही दिशा में प्रयास किए जाएं, तो देश इस क्षेत्र में अग्रणी बन सकता है। उनका यह लक्ष्य न केवल व्यावसायिक दृष्टिकोण से महत्व रखता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दिशा में अग्रसर हो रहा है। अल्टिग्रीन जैसे नवाचार भारत को इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं, जो न केवल स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देंगे, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की छवि को मजबूत करेंगे।
इस तरह की तकनीकी और सोच से, अमिताभ सरन और उनकी कंपनी 'अल्टिग्रीन' न केवल भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य बदल रहे हैं, बल्कि दुनिया भर में स्थायी परिवहन की दिशा में एक मजबूत उदाहरण भी प्रस्तुत कर रहे हैं। यह न केवल एक स्वप्नदृष्टा का सपना है, बल्कि यह एक ऐसे भविष्य की दिशा में एक ठोस कदम है जहां पर्यावरण और विकास साथ-साथ चलते हैं।
सोमवार, 28 अक्टूबर 2024
लक्ष्मी चायवाला, बनारसी जायके की अनोखी मिसाल
साभार - गूगल चित्र |
संस्कृति और परंपरा के प्रदेश, उत्तर प्रदेश के वाराणसी की तंग गलियों में बसे 'लक्ष्मी चायवाले' आज एक ऐसी पहचान बन चुके हैं जिसे लगभग 70 साल से भी अधिक समय से लोग अपने दिल से संजोए हुए हैं। वैसे तो बनारस जिसे आज वाराणसी भी कहा जाता है, यह भारत के प्राचीनतम शहरों में से एक है। गंगा के पावन तट पर बसा यह शहर अपनी गलियों, घाटों, साधु-संन्यासियों, साड़ी, पान, चाट और लस्सी के साथ मोक्षधाम के लिए प्रसिद्ध रहा है।
लक्ष्मी चायवाले की चाय की चुस्की के लिए लोग यहां सुबह-सुबह 4बजे से से ही खींचे चले आते हैं। इस चाय की दुकान की खास बात यह है कि इसके मसालेदार चाय की महक दूर-दूर तक लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। चाय में अदरक, इलायची और पारंपरिक मसालों का ऐसा अनूठा संगम है कि एक बार पीने के बाद इसका स्वाद जुबां से नहीं हटता। साथ ही, दूध की गाढ़ी मलाई जो इस चाय के लिए लगातार गर्म किया जाता रहता है उसके ऊपर बनती है, इसे और भी खास बना देती है। यही कारण है कि हर उम्र के लोग यहां आकर चाय का लुत्फ उठाते हैं।
लक्ष्मी चायवाले की दुकान बनारस के पुराने हिस्से में स्थित है, जहां गली के दोनों ओर छोटे-छोटे घर और दुकानें सजी रहती हैं। पर इन तंग गलियों और संकरे रास्तों के बावजूद लोग यहां पहुंचने में कोई कसर नहीं छोड़ते। जैसे ही आप इस गली में कदम रखते हैं, एक खास खुशबू आपकी नाक में प्रवेश करती है जो लक्ष्मी चाय की है। लोग कहते हैं कि यहां की चाय में बनारसी अंदाज का एक अलग ही जादू है। यही वजह है कि हर दिन यहां सुबह से ही ग्राहकों की भीड़ लग जाती है।
चाय के साथ यहां मिलने वाले टोस्ट की भी अपनी अलग पहचान है। ये टोस्ट दूध की मलाई के साथ परोसे जाते हैं और इनकी कुरकुरी बनावट चाय के साथ खाने का मजा दोगुना कर देती है। बनारस के लोगों के लिए यह केवल नाश्ता नहीं, बल्कि एक परंपरा है, जो सालों से चली आ रही है। लक्ष्मी चायवाले के यहाँ आने वाले लोग अपने अनुभव साझा करते हुए कहते हैं कि यह चाय पीकर ऐसा लगता है मानो एक नई ताजगी और ऊर्जा मिल रही हो।
यहां हर रोज़ सुबह छोटे बच्चे से लेकर बूढ़े तक, महिलाएं और पुरुष, सभी लक्ष्मी चायवाले की दुकान पर पहुंचते हैं। बच्चों के लिए यह चाय मीठी और मजेदार होती है, जबकि बूढ़े लोगों के लिए यह एक पुरानी यादों की तरह होती है। यहां के निवासी कहते हैं कि लक्ष्मी चायवाले की चाय उनके जीवन का हिस्सा बन गई है। चाहे मौसम गर्म हो या सर्द, चाय की यह दुकान कभी खाली नहीं रहती।
ल
क्ष्मी चायवाले का 70 साल पुराना यह सफर किसी चमत्कार से कम नहीं है। लोगों का इस चाय दुकान के प्रति जो प्रेम और जुड़ाव है, वह इसे वाराणसी के दिल में एक खास जगह बनाता है। यह न केवल एक चाय की दुकान है, बल्कि बनारस की आत्मा का हिस्सा है, जो सुबह की शुरुआत को खास और यादगार बना देती है।
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
प्रचलित पोस्ट
-
छात्रों को निम्नलिखित लेखन विधाओं का अभ्यास करना अपेक्षित है - क) लेखन विधाएँ पत्र लेखन : (अनौपचारिक, औपचारिक और कार्यालयीन (व्यावसायिक) प...
-
परिचय - पत्र लेखन एक ऐसी कला है जिसमें व्यक्ति अपने विचार, अभिव्यक्ति, अनुभव या जानकारी को लिखित रूप में दूसरों के साथ साझा करता है। यह एक प...
-
नोट लेखन किसे कहते हैं? जब आप किसी विषय विशेष पर कोई महत्त्वपूर्ण सूचना, जानकारी अथवा विचारों संक्षिप्त रूप में लिखते हैं ताकि आप उन्हें बाद...
-
ईमेल किसे कहते हैं? ईमेल एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम है जिसका उपयोग विशिष्ट एक्सेस कोड का प्रयोग करते हुए दूरस्थ स्थानों (distanced places) ...
-
"किसी घटना, कार्य-योजना, समारोह अथवा शोध आदि के बारे में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से देखकर या छानबीन करके तैयार की गई लिखित सामग्री...
-
" विभिन्न ऑनलाइन मीडिया मंचों पर साझा की जानी वाली हर एक प्रविष्टि (पोस्ट), 'संचार-प्रविष्टि' कहलाती है।" सोशल मीडिया ...
-
'ब्लॉग' को हिंदी में चिट्ठाकारी कहा जाता हैं। यह इंटरनेट आधारित एक ऑनलाइन मंच (प्लेटफ़ॉर्म) होता है। 'ब्लॉगिंग' शब्द की उत्...
-
समीक्षा लेखन के तहत किसी विषय, वस्तु, सेवा अथवा उत्पाद के बारे में विस्तार से अपने विचार व राय दी जाती है ताकि इससे उसके गुणों, दोषों, फायदो...
-
लेख लेखन क्या होता है? लेख लिखना एक लेखन कौशल है जिसमें किसी व्यक्ति द्वारा विभिन्न विषयों पर लिखा गया लेख होता है। इसमें व्यक्ति किसी विषय...
-
श्रवण कौशल हिंदी भाषा को सीखने में महत्वपूर्ण अंग है। यह छात्रों को हिंदी भाषा की ध्वनियों, शब्दों, वाक्यों और भाषा के नियमों को सही ढंग स...
विशिष्ट पोस्ट
भाषण - "सपनों को सच करने का हौसला" – मैत्री पटेल
प्रिय दोस्तों, मैं मैत्री पटेल, आज आपके समक्ष खड़े होकर गौरवान्वित...
हमारी प्रसिद्धि
Google Analytics Data