अमिताभ सरन |
यह कंपनी भारतीय बाजार की जरूरतों और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए ऐसे वाहन बना रही है जो सिर्फ पर्यावरण के लिए ही नहीं, बल्कि व्यवसायिक उपयोग के लिए भी फायदेमंद साबित हो रहे हैं। अल्टिग्रीन का नवीनतम प्रोडक्ट 'अल्टिग्रीन neEV' भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में एक क्रांतिकारी कदम है। यह वाहन एक बार चार्ज होने पर 150 किमी तक का सफर तय कर सकता है, जो व्यावसायिक परिवहन में भारी सामान ढोने के लिए पर्याप्त है। भारतीय सड़कों की विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इसे तैयार किया गया है, ताकि यह हर प्रकार के मार्ग और मौसम में सहजता से संचालित हो सके। यह न सिर्फ संचालन में किफायती है, बल्कि पर्यावरण को भी शून्य उत्सर्जन से बचाने में सहायक है, जो इसे व्यवसायिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण बनाता है।
इसके साथ ही, अल्टिग्रीन ने एक और क्रांतिकारी पहल की है जिसे 'फिट एंड फॉरगेट' किट के नाम से जाना जाता है। इस किट की मदद से पुरानी गाड़ियों को हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन में परिवर्तित किया जा सकता है। यह किट उन लोगों के लिए बहुत ही लाभकारी है जो अपनी पुरानी गाड़ियों को छोड़ना नहीं चाहते लेकिन पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभाना चाहते हैं। इस प्रकार, अमिताभ सरन की यह पहल पुराने और नए दोनों प्रकार के वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रही है।
अमिताभ सरन का सपना है कि भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में एक सुपरपावर बने। वे मानते हैं कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का बड़ा बाजार है और यदि सही दिशा में प्रयास किए जाएं, तो देश इस क्षेत्र में अग्रणी बन सकता है। उनका यह लक्ष्य न केवल व्यावसायिक दृष्टिकोण से महत्व रखता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दिशा में अग्रसर हो रहा है। अल्टिग्रीन जैसे नवाचार भारत को इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं, जो न केवल स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देंगे, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की छवि को मजबूत करेंगे।
इस तरह की तकनीकी और सोच से, अमिताभ सरन और उनकी कंपनी 'अल्टिग्रीन' न केवल भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य बदल रहे हैं, बल्कि दुनिया भर में स्थायी परिवहन की दिशा में एक मजबूत उदाहरण भी प्रस्तुत कर रहे हैं। यह न केवल एक स्वप्नदृष्टा का सपना है, बल्कि यह एक ऐसे भविष्य की दिशा में एक ठोस कदम है जहां पर्यावरण और विकास साथ-साथ चलते हैं।
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