शुक्रवार, 7 जुलाई 2023

मोबाइल का उपयोग और बच्चों पर उसका प्रभाव

गेम खेलने के लिए मोबाइल फोन का उपयोग और एप्स का उपयोग बच्चों को पर्याप्त मात्रा में मनोरंजन प्रदान कर सकते हैं, मोबाइल उपकरणों के अत्यधिक उपयोग से उनके शारीरिक और मनोवैज्ञानिक विकास पर प्रभाव पड़ सकता है।

                                                                                          स्रोत-कश्मीर ओब्सर्वर

जब बच्चे लकड़ी और मिट्टी के खिलौनों से खेलते हैं तो उन्हें अपने हाथों, आंखों, दिमाग और शरीर का कई तरह से इस्तेमाल करना पड़ता है। यह उन्हें फेंकने, पकड़ने, धक्का देने और खींचने जैसे कौशल विकसित करने में मदद करता है, जो उनके सकल मोटर कौशल के विकास को बढ़ावा देता है। इसके अतिरिक्त, जब बच्चे अपने हमउम्र साथियों के साथ खेलते हैं, तो उन्हें साझा अनुभवों और अंतः क्रियाओं के माध्यम से सामाजिक और भावनात्मक विकास के अवसर मिलते हैं।

दूसरी ओर, मोबाइल उपकरणों पर खेलना बच्चों की शारीरिक गतिविधियों को सीमित कर सकता है और उन्हें अधिक गतिहीन बना सकता है। इसके अलावा, यह उनके मस्तिष्क के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है क्योंकि उनके मस्तिष्क को उतनी उत्तेजना नहीं मिलती जितनी कि भौतिक खिलौनों के साथ खेलने पर मिलती है। अत्यधिक स्क्रीन टाइम ध्यान देने की समस्या पैदा कर सकता है और लंबे समय में बौद्धिक विकास को प्रभावित कर सकता है।

उदाहरण के लिए, यदि कोई बच्चा बाहर या भौतिक खिलौनों के साथ खेलने के बजाय अपने मोबाइल डिवाइस पर वीडियो गेम खेलने में घंटों बिताता है, तो उसके पास कमजोर सकल मोटर कौशल, खराब आंखों-हाथ का समन्वय हो सकता है, और विभिन्न भौतिक वातावरणों को अपनाने में कठिनाई हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अत्यधिक स्क्रीन टाइम का उनके सामाजिक कौशल, संचार और भाषा के विकास पर भी प्रभाव पड़ सकता है।

अंत में, जबकि मोबाइल उपकरण बच्चों के लिए मनोरंजन का एक स्रोत हो सकते हैं, माता-पिता को उन्हें अपने शारीरिक और मनोवैज्ञानिक विकास को बढ़ावा देने के लिए लकड़ी और मिट्टी के खिलौनों के साथ खेलने सहित विभिन्न प्रकार की शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।


प्रसिद्ध विभूतियाँ : समाज के पथ-प्रदर्शक

किसी ने ठीक ही कहा है कि संसार का इतिहास कभी भी वीरों से खाली नहीं रहा है। कोई न कोई प्रत्येक काल में अपनी बुद्धि, प्रतिभा, नेकनीयती, विचार अथवा शौर्य का लोहा मनवाता रहा है। ऐसे कुछ लोग अपनी इन्हीं योग्यताओं के बल पर समाज के नेता, योद्धा एवं धार्मिक या सामाजिक प्रवर्तक बने। उनके सहारे समाज में कई बदलाव आए। कुछ ने आजादी दिलाई, भटके लोगों को ईश्वर की राह दिखाई तो कुछ ने वैज्ञानिक अथवा साहित्यिक नई रीति चलाई। ऐसे ही महान व्यक्तित्व हमारे लिए 'विभूतियों' के रूप में जाने जाते हैं।      

                                                                 स्रोत: Pinterest

शब्द "विभूति" संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है "महान व्यक्ति" या "प्रतिष्ठित व्यक्ति"।

विभूतियाँ ऐसे व्यक्तित्व को कहते हैं जिनका प्रभाव और योगदान सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक या ऐतिहासिक मान्यताओं अथवा परिवर्तनों में महत्वपूर्ण होता है। हो सकते हैं कि उन्होंने अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता दिखलाई हो या महत्वपूर्ण सामरिक या सामाजिक आंदोलनों में सहभाग लिया हो। विभूतियाँ वैज्ञानिक, लेखक, कलाकार, नेता, धर्मगुरु, महान सामाजिक क्रांतिकारी, वीरगाथा के नायक और ऐतिहासिक नेताओं को शामिल कर सकती हैं। वे व्यक्तित्व होते हैं जिनकी खुद की अलौकिकता, करिश्मा और प्रभावशाली प्रतिभा उन्हें दुनिया भर में मशहूर और प्रसिद्ध करती है।

दुनिया में कई प्रसिद्ध व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने अपनी अद्भुत प्रभावशाली प्रतिभा और योगदान के कारण मान्यता प्राप्त की है। यहाँ कुछ प्रमुख प्रसिद्ध व्यक्तित्वों का उल्लेख किया गया है:

  1. महात्मा गांधी: भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और अधिकारियों के महात्मा के रूप में जाने जाने वाले मोहनदास करमचंद गांधी को दुनिया भर में शांति, अहिंसा और सत्य के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
  2. विलियम शेक्सपियर: एक मशहूर अंग्रेज़ी नाटककार, कवि और लेखक, विलियम शेक्सपियर ने अपनी साहित्यिक योगदान से विश्व साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। उनकी प्रसिद्ध नाटकों में "हैमलेट," "रोमियो और जूलिएट," और "मैकबेथ" शामिल हैं।
  3. एल्बर्ट आइंस्टीन: एक प्रमुख भौतिक विज्ञानी, एल्बर्ट आइंस्टीन को उनके सापेक्षता सिद्धांत और विश्वस्तरीय सापेक्षता के सिद्धांत के लिए पहचाना जाता है। उन्होंने ईन्स्टीनियन भौतिकी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  4. मैडम क्यूरी: मारी क्यूरी एक प्रमुख वैज्ञानिक थीं और वे पहली महिला हैं जिन्होंने नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया। उन्होंने रेडियोएक्टिविटी की खोज की और रेडियोथेरेपी के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया।
  5. नेलसन मंडेला: दक्षिण अफ्रीका के प्रमुख नेता और आदिवासी मुक्ति आंदोलन के प्रमुख, नेलसन मंडेला को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आदार्शवादी, लोकतांत्रिकता, और समानता के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त है। उन्होंने अपार योगदान देकर अपार्थेयदंड को समाप्त करने में मदद की।
  6. रवींद्रनाथ टैगोर: रवींद्रनाथ टैगोर एक मशहूर भारतीय कवि, लेखक, और फिलॉसफर थे। उन्हें गीतांजलि के लिए 1913 में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया। उनकी कविताओं और नाटकों में उनकी शानदार कला, साहित्यिक दर्शन और विचारधारा व्यक्त होती है।
  7. जवाहरलाल नेहरू: जवाहरलाल नेहरू भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्रपति, और पहले प्रधानमंत्री थे। वे भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे और पूरे देश के विकास, शिक्षा, और आर्थिक प्रगति के लिए कार्य किया।
  8. सरोजिनी नायडू: सरोजिनी नायडू भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, कविता और समाजसेवी थीं। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से लोगों को प्रभावित किया और महिला अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष भी बनाया गया।
  9. अपजय चांद्र चौधरी: अपजय चांद्र चौधरी एक प्रमुख भारतीय वैज्ञानिक और गणितज्ञ थे। उन्होंने भारतीय गणितीय राष्ट्रीय मेडल (Indian National Science Medal) जैसे सम्मानित पुरस्कार जीते और गणित शिक्षा को प्रोत्साहित किया।
  10. मदर टेरेसा: वे एक महान विभूति थीं जिन्होंने अपने सेवाभाव, दया और गरीबों के प्रति प्यार के लिए प्रसिद्धता प्राप्त की। उन्होंने कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) में मिशनरी ऑफ चैरिटी (Missionaries of Charity) स्थापित की थी, जहां उन्होंने गरीब, असहाय और अस्पतालों में छोड़े गए बच्चों की सेवा की।

ये केवल कुछ उदाहरण हैं और दुनिया में और भी अनेक प्रसिद्ध व्यक्तित्व हैं जिन्होंने अपनी खुद की श्रेष्ठता और प्रभावशाली कार्यों के कारण पहचान प्राप्त की है। भारतीय इतिहास में भी अनेक प्रमुख व्यक्तियाँ हैं जिन्होंने अपनी योगदान दिए हैं और देश और समाज के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

प्रसिद्ध विभूतियों का महत्त्व विभिन्न कारणों से होता है:

  1. प्रेरणा का स्रोत: प्रसिद्ध विभूतियाँ हमें प्रेरित करती हैं और हमारी जिंदगी में आदर्शों के साथ रहती हैं। उनके कार्य और योगदान हमें संघर्ष करने, समाधान ढूंढने, साहसिकता दिखाने और सामरिक अवसरों से निपटने की प्रेरणा प्रदान करते हैं।
  2. ऐतिहासिक महत्व: प्रसिद्ध विभूतियों के कार्य और योगदान ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण होते हैं। उनके माध्यम से हम अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को समझते हैं और उनकी महत्त्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानते हैं।
  3. विश्वसामरिकता: प्रसिद्ध व्यक्तित्व भाषा, साहित्य, विज्ञान, कला, राजनीति, धर्म आदि के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण हैं। उनका कार्य और योगदान सीमापार करके समस्त मानवीय समुदाय को प्रभावित करता है और हमें विश्वसामरिकता की दृष्टि से उनके बारे में जानने की आवश्यकता होती है।
  4. शिक्षा और संशोधन: प्रसिद्ध विभूतियों की जीवनी और योगदान शिक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण स्रोत होते हैं। उनके अनुभव, विचार और अद्भुत कार्य हमें नई विचारधारा, विज्ञान, प्रगति, साहित्य और विचार की गहराई को समझने में मदद करते हैं।
  5. अदालतीकरण और सामरिक अवसर: प्रसिद्ध विभूतियाँ समाज में न्याय और समानता के लिए लड़ने के उदाहरण प्रदान करती हैं। उनकी कठोरता, साहस, और समर्पण हमें अपार्थेयदंड के खिलाफ लड़ने और समर्पित होने के लिए प्रेरित करते हैं।

इसलिए, हमें प्रसिद्ध विभूतियों के बारे में पढ़ने की जरूरत होती है ताकि हम उनके अद्भुत योगदान को समझ सकें, उनसे प्रेरणा ले सकें, ऐतिहासिक महत्त्व को समझ सकें, और अपनी व्यक्तिगत और सामाजिक विकास को संवार सकें।


सहायक सामग्री : -

  1. विश्व की महान विभूतियाँ : लेखन -सीताराम शर्मा आचार्य, पीडीएफ़
  2. विश्व की महान नारियाँ : भाग 1 व 2 पीडीएफ़ पुस्तक
  3. विज्ञान उपवन के महकते पुष्प 

आहार विचार : हम क्या खा रहे हैं और हमें क्या खाना चाहिए?

स्वागत हैं, आपका हमारे स्वास्थ्य संबंधी नए ब्लॉग - 'आहार विचार: हम क्या खा रहे हैं और हमें क्या खाना चाहिए?' आज की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में हम इतने व्यस्त रहते हैं कि अकसर खाने के लिए हमारे पास समय ही नहीं बचाता है। इसी व्यस्तता के चलते अब घरों में भोजन बनाने का चलन भी धीरे-धीरे बदलता जा रहा है। या तो किसी नौकर-नौकरानी के हाथों का भोजन करते हैं या अपने पसंदीदा (favorite) रेस्तराँ का, उसे भी ऑनलाइन पहुँचाने वाली कंपनियों की मदद से मँगवाते हैं। अतः हम कह सकते हैं कि खाद्य-पदार्थों के चुनाव में हम तेज़ (fast) और गुणात्मक (quantitative) प्रक्रिया अपनाने लगे हैं, लेकिन विचारणीय यह है कि क्या हम वास्तव में हम एक स्वास्थ्य और संतुलित आहार खा रहे हैं? आपको जानकार हैरानी होगी कि हममें से अधिकतर लोग जाने अनजाने में कहीं न कहीं, अपने चहेते फास्टफूड / जंकफूड की आड़ में "कचरा" खा रहे हैं। जी हाँ, कचरा!

इस ब्लॉग में हम स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर विचार करेंगे और जानेंगे कि कैसे हम अपने आहार को स्वस्थ और पोषण पूर्ण कैसे बना सकते हैं? हम बात करेंगे खाद्य पदार्थों के गुणों, प्रकारों और उनके प्रभावों के बारे में, साथ ही इस बात पर भी ध्यान देंगे कि विभिन्न खाद्य पदार्थों का सांप्रदायिक (communal) और सांस्कृतिक (cultural) प्रभाव (effect) क्या होता है।

हम यहाँ आपको आपकी सेहत को बढ़ावा देने वाली सलाह, संग्रहीत और नवीनतम जानकारी, स्वस्थ रेसिपीज़, और साझा करने के लिए उपयोगी टिप्स प्रदान करेंगे। हम सभी को स्वस्थ जीवनशैली की ओर बढ़ने आग्रह करते हैं और साथ में स्वस्थ रहने के लिए आपके लिए सही आहार का हमारे शरीर और स्वास्थ्य पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है।

हम क्या खा रहे हैं?

हमारा आहार विचार हमें स्वस्थ और तंदुरुस्त बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आधुनिक जीवनशैली और खाद्य विकल्पों की उपलब्ध विविधता के कारण, हमें कई बार अपने आहार के बारे में संदेह होते हैं। आखिर विचार कर देखिए कि हम खा क्या रहे हैं? 

हम वर्तमान में आम तौर पर खाए जाने वाले आहार के बारे में समझने का प्रयास करें तो हम जानेंगे कि हम अलस में हमारे भोजन, नाश्ता और पेय के खाद्य पदार्थों में विदेशी स्नैक्स जैसे - पिज़्ज़ा, बर्गर, नूडल्स, पास्ता, फ्रेंच-फ्राइज़, और चाउमीन आदि। प्रोसेस्ड एवं डिब्बाबंद (packed) खाद्य पदार्थों में बिस्कुट, चिप्स और नमकीन आदि। युवाओं में प्रचलित चाय, कॉफी कफ़ेचीनो, शेक, कॉकटेल-मॉकटेल और बोतलबंद कार्बोनेटेड ड्रिंक्स आदि के साथ ही धूम्रपान, मदिरा जैसे नशीले पदार्थों का भी सेवन आम है। क्या आप जानते हैं कि ये आहार हमारे स्वास्थ्य के लिए कितने उपयोगी या हानिकारक हैं?

दरअसल ये सब हमारे स्वास्थ्य के लिए पूर्णतः अस्वास्थ्यकर (unhealthy) हैं। इनमें अधिकतर अप्राकृतिक तत्व, खतरनाक रासायनिक तत्व, उच्च तेल, अतिरिक्त शर्करा (aided sugar), अधिक नमक (salt) और प्रसंस्कृत अणुबंधन (processed binding material) की मात्रा पर आधारित होती है। जिससे अपच (indigestion), मोटापा (obesity), मधुमेह (diabetes), हृदय रोग (heart disease), अनिद्रा (insomnia), मानसिक रोग (mental illness), कर्क रोग (cancer) और अन्य चिकित्सकीय समस्याएँ (medical problems) की संभावना लगातार बढ़ रही है।

हमें क्या खाना चाहिए?

हमारे आहार का हमारे शरीर और स्वास्थ्य पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। अतः हमें सोचना चाहिए कि कौन से आहार और पेय हमें स्वस्थ और संतुलित रखने में मदद कर सकते हैं। मौसम के ताजे फल और सब्जियों, पूर्ण संतुलित अनाज, प्रोटीन, फ़ाइबर, हेल्दी तेल और पर्याप्त मात्र में पानी का हमारे दैनिक आहार में होना आवश्यक है। इसके अलावा, यदि आवश्यकता पड़े तो स्वस्थ बने रहें के लिए हम अपने आहार में आवश्यकतानुसार कुछ सूपरफ़ूड्स, प्री और प्रोबायोटिक्स के साथ  विटामिन और मिनरल पदार्थ शामिल कर सकते हैं।  

स्वस्थ आहार का चुनाव कैसे करें? 

आज का बाज़ार तो आकर्षक उत्पादों और मोहक विज्ञापनों से भरा पड़ा है। जिसमें हम जैसे ग्राहक लुभावने ऑफ़र्स के चक्कर में अनावश्यक छीजे खरीद लाते हैं। हमें स्वस्थ आहार और संतुलित भोजन के लिए थोड़ा मितव्ययी और चूजी बनने की जरूरत है। इसके साथ ही, हमें अपनी पाचन शक्ति के अनुसार अपनी खरीदारी के दौरान स्वस्थ आहार की पहचान कर खरीदने होंगे। स्वास्थ्य के लिए, निम्नलिखित चीजों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है जब हम आहार का चयन करते हैं:

  1. पूरे अन्न (Whole grains): अपने भोजन में सबूत अन्न शामिल करें जैसे गेहूं, चावल, जौ, बाजरा, आदि। ये अन्न अधिक फाइबर, प्रोटीन और विटामिन बी का अच्छा स्रोत होते हैं।
  2. सब्जियाँ और फल: विभिन्न प्रकार की ताजी और मौसमी सब्जियों और फलों को अपने भोजन में शामिल करने चाहिए । जिससे हमें उचित मात्र में विटामिन, मिनरल और फाइबर प्राप्त हो सके।
  3. हरे पत्तेदार शाक (Leafy Vegetable) : हरे पत्ते जैसे पालक (spinach), मेथी, चौलाई (Amaranth) आदि को भी शामिल करें। ये पौधे विटामिन, मिनरल, और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
  4. प्रोटीन: हमें मांस, मछली, अंडे, दही, दाल, अखरोट, और तोफू जैसे प्रोटीन स्रोत वाले पदार्थ लेने चहिए। जिससे हमारे शरीर की मांसपेशियाँ मजबूत और स्वस्थ बनाने में मदद मिले।
  5. पौष्टिक तेल: तेल का चयन करते समय सत्यापित करें कि आप स्वस्थ तेल जैसे जैतून तेल, नारियल तेल, और तिल का तेल का उपयोग कर रहे हैं। इनमें अधिकतर मोनोयनसेचुरेटेड और पोलियनसेचुरेटेड फैट्स पाए जाते हैं, जो स्वस्थ होते हैं।
  6. घी (Ghee): शुद्ध देसी घी भारतीय रसोई में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। जिसे उच्च तापमान पर पकाने के कारण और अपने औषधीय गुणों के कारण प्रसिद्ध है। यह शरीर को ऊर्जा देता है, स्वास्थ्यप्रद है, रोगप्रतिकारक क्षमता और पाचन तंत्र को समृद्ध रखता है।
  7. मसाले (Spices): भारतीय मसाले हमारे खाने को स्वादिष्ट और आकर्षक बनाने के साथ ही स्वास्थ्यवर्धक भी बनाते हैं। हमारी हल्दी, जीरा, हिंग, धनिया, मिर्च... आदि सभी अपने स्वाद, रंग, सुगंध के साथ औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इनका संयमित उपयोग सदैव लाभकारी रहा है। 
  8. शुद्ध पानी: पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पानी पीएं, क्योंकि यह आपके शरीर के लिए आवश्यक है और आपको भोजन को पचाने में मदद करता है। यह ऊर्जा स्तर को बढ़ाने, पाचन को सुधारने, और  विषाणुओं को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।
  9. वजन पर नियंत्रण: वजन पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए अतिरिक्त शक्ति संक्रमण से बचने के लिए मनोरंजक खाद्य पदार्थों की बजाय स्वस्थ और संतुलित भोजन चुनें।                  
    इन सामग्रियों को स्वस्थ भोजन के रूप में शामिल करने का प्रयास करें और बाजार में खरीदारी के समय पैकेटेड और प्रक्रामित खाद्य पदार्थों (processed foods) की जगह उपायुक्त आहार को चुनें। इसके अलावा, संतुलित और नियमित भोजन, उचित निद्रा, व्यायाम और स्ट्रेस को कम करने के लिए संतुलित जीवनशैली भी महत्वपूर्ण हैं। किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या है या आप व्यक्तिगत पोषण की आवश्यकताओं को ध्यान में रखना चाहते हैं, तो एक पौष्टिक आहार योजना तैयार करें और इसे संयोजित करने के लिए एक पोषण विशेषज्ञ की सलाह लेना भी सर्वोत्तम होगा। आप स्वस्थ रहें, सुखी रहें, यही कामना है। 

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