गुरुवार, 9 मार्च 2023

पत्र-लेखन: अनौपचारिक और औपचारिक



परिचय - पत्र लेखन एक ऐसी कला है जिसमें व्यक्ति अपने विचार, अभिव्यक्ति, अनुभव या जानकारी को लिखित रूप में दूसरों के साथ साझा करता है। यह एक प्रकार का संवाद है जो कि दो या उससे अधिक व्यक्तियों के बीच लिखित रूप में होता है।

पत्र लेखन अभिव्यक्ति के लिए, जानकारी साझा करने, व्यक्तिगत संदेश भेजने या किसी काम के लिए निवेदन करने आदि उद्देश्यों से लिखा जाता है।

पत्र लेखन बहुत से विषयों पर लिखा जा सकता है, जैसे व्यक्तिगत जीवन, राजनीति, समाज, शिक्षा, कला आदि। व्यक्ति अपने लक्ष्य और उद्देश्य के अनुसार अपने पत्र में उचित शब्दों का चयन करता है ताकि उसका पत्र पाठक को समझ में आ सके। इसके द्वारा लोग व्यक्तिगत संदेशों, विचारों और जानकारियों को आसानी से साझा कर सकते हैं। इसी का इलेक्ट्रोनिक रूप 'ई-मेल' है। जैसे - पहले लोग एक तल से दूसरे ताल तक जान के लिए सीढ़ियों का प्रयोग करते थे, आज उद्वाहक (elevators/escalators) का उपयोग कराते हैं। एस्केलेटर्स (लिफ़्ट) आदि सीढ़ियों का ही इलेक्ट्रोनिक रूप है। तमाम विकास के बाद भी पत्र लेखन अब भी एक महत्वपूर्ण संचार का माध्यम है। 

पत्र के प्रकार: विद्वानों ने पत्रों को उनकी उपयोगिता के आधार पर उनके कई प्रकार बताएं हैं। जैसे -  

  1. निजी पत्र - ये पत्र व्यक्तिगत होते हैं जो दो व्यक्तियों के बीच संवाद को व्यक्त करते हैं। ये पत्र परिवार, मित्रों आदि के बीच भेजे जाते हैं।
  2. सार्वजनिक पत्र - ये पत्र लोगों के बीच साझा की जाने वाली संवाद को व्यक्त करते हैं। उदाहरण के लिए, सरकारी पत्र, बैंक पत्र, व्यावसायिक पत्र आदि।
  3. अधिकारिक पत्र - ये पत्र अधिकारिक लेखों जैसे सरकारी नोटिस, विद्यालय (स्कूल) या महाविद्यालय (कॉलेज) के नोटिस, संस्थाओं आदि के बीच भेजे जाते हैं।
  4. व्यावसायिक पत्र - ये पत्र व्यवसाय के सम्बन्ध में होते हैं, जो उत्पादों की खरीदारी और बिक्री, वित्तीय सूचना, आर्थिक प्रबंधन, आदि के बारे में होते हैं।
  5. अकादमिक पत्र - ये पत्र विद्यालय (स्कूल) या महाविद्यालय (कॉलेज) में छात्रों के बीच संवाद के लिए होते हैं, जैसे छात्रवृत्ति (Scholarship), छात्रावास (हॉस्टल) आदि से संबंधित विषयों पर पत्र।

इनके अलावा अन्य प्रकार के पत्र होते हैं जैसे प्रेम-पत्र, शोक-पत्र, शिकायत-पत्र, आदि। 

साधारणतया पत्रों को दो प्रमुख भागों मे वर्गीकृत किया जा सकता हैं- 

क) अनौपचारिक पत्र - ऐसे पत्र होते हैं जो निजी तौर पर दो व्यक्तियों के बीच भेजे जाते हैं और इन पत्रों का उद्देश्य निजी विषयों पर चर्चा करना होता है। इन पत्रों में अधिकतर आपसी संबंधों, शुभकामनाओं, स्नेह भावनाओं और आमंत्रणों को व्यक्त किया जाता है।

इन पत्रों को अनौपचारिक कहा जाता है क्योंकि इन पत्रों का उपयोग आधिकारिक संदर्भों के लिए नहीं किया जाता है, बल्कि इन पत्रों में साधारण वार्तालाप विषय होते हैं। यह पत्र व्यक्तिगत होते हैं और इन पत्रों को शामिल करने के लिए कोई निश्चित प्रोटोकॉल नहीं होता है।

  • उदाहरण - अपने मित्र/सहेली को आपके घर के पास खुले नए रेस्तराँ के बारे में जानकारी देते हुए पत्र लिखना। 
उत्तर -   

आपका पता :

------------------------------

-----------------------------,

दिनांक : ------------------,

प्रिय मित्र/सहेली _________ (नाम),

नमस्ते, 

मुझे आपको बताते हुए बड़ी खुशी हो  हूँ कि हमारे घर के पास एक नए रेस्तराँ का उद्घाटन हुआ है। यह रेस्तराँ बहुत ही अच्छे खाने के लिए जाना जाता है और उसका वातावरण भी बहुत ही आरामदायक है।

इस नए रेस्तराँ का नाम है [रेस्तराँ का नाम] और इसकी स्थिति हमारे घर से करीब [नंबर] किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ पर आपको भोजन के साथ-साथ उनकी विशेषताओं और मुख्य विवरणों के बारे में भी बताया जाएगा।

यह रेस्तराँ विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों का विस्तृत विकल्प प्रदान करता है, जिसमें से अधिकतर खाद्य स्वस्थ और गुणवत्ता से भरपूर और पारंपरिक भी हैं। इसके साथ ही, यहाँ आप बार, कैफे और रेस्तराँ का संगम भी देख सकते हैं।

आपको यह जानकर ख़ुशी होगी कि इस रेस्तराँ के डेजर्ट्स भी बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट हैं।  तुम्हें यहाँ एक बार आकार जरूर इसे आजमाना चाहिए।

आशा है जल्द मिलेंगे। 

धन्यवाद।

तुम्हारी/तुम्हारा सहेली/मित्र (नाम)

ख) औपचारिक पत्र - औपचारिक पत्र ऐसे पत्र होते हैं जो आधिकारिक तौर पर विभिन्न संस्थाओं, संगठनों, सरकारी विभागों अथवा अधिकारियों के बीच भेजे जाते हैं। इन पत्रों का उद्देश्य आधिकारिक विषयों पर चर्चा करना होता है। औपचारिक पत्रों का उपयोग किसी व्यवसाय, संस्था या सरकारी संगठन की आधिकारिक व्यवस्था को संबोधित करने के लिए किया जाता है।

इन पत्रों में संबंधित विषयों पर जानकारी, प्रगति रिपोर्ट, प्रश्नों के उत्तर, शिकायतें और उनके जवाब, नियोजन, आदि का वर्णन होता है। औपचारिक पत्र आमतौर पर एक निश्चित स्वरूप के अनुसार लिखे जाते हैं जो आधिकारिक संदर्भों के लिए उपयुक्त होते हैं।

औपचारिक पत्रों के कुछ उदाहरण देखिए -  

i) व्यावसायिक पत्र - विषय : ऑनलाइन गलत उत्पाद मिलने के लिए शिकायती पत्र लिखिए। 

प्रिय मैडम/सर,

मैं [अपना नाम] इस पत्र के माध्यम से आपको मेरी शिकायत करना चाहता हूं। मैंने हाल ही में आपके प्रतिष्ठित मेरीशोप्पिंगडॉटकॉम के पोर्टल से ऑनलाइन शॉपिंग की थी, कूरियर डेलीवरी में मुझे एक गलत जूता प्रपट हुआ है।

मैंने जूते को खरीदने से पहले उसे अच्छी तरह से जाँचा था, लेकिन अब उसे पहनने पर मुझे यह पता चला कि वह मेरी साइज से बहुत छोटा है। मैंने फिर ऑनलाइन और कस्टमर केयर पर जाकर अपनी समस्या साझा की लेकिन उन्होंने मुझे कोई समाधान नहीं दिया।

मुझे इस तरह के समस्याओं का सामना पहले भी करना पड़ा है और इस समय मैं इसे स्वीकार नहीं सकता हूँ। मुझे यह उम्मीद है कि आप मेरी समस्या को जल्द से जल्द हल करेंगे और एक संतोषजनक समाधान प्रदान करेंगे।

मेरी संपर्क जानकारी नीचे दी गई है:

खरीददारी की रसीद : _______________

[अपना नाम]

[अपना पता]

[अपना फोन नंबर]

[अपना ईमेल]

अगली कार्यवाही के लिए मैं आपके उत्तर की प्रतीक्षा कर रहा हूं।

धन्यवाद,

(अपका नाम)  


ii) आवेदन पत्र - नौकरी के रिक्त पद हेतु आवेदन पत्र। 

प्रिय सर/मैडम,

मैं इस पत्र के माध्यम से आपके संगठन में नौकरी के लिए आवेदन करना चाहता हूँ। मैं इस संगठन में नौकरी करना चाहता हूँ क्योंकि यह एक अच्छा कार्य स्थल है जो मेरी करियर के लिए अच्छी नौकरी के अवसर प्रदान करता है।

मैंने आपकी वेबसाइट देखी है और उसमें आपके संगठन की नीतियों और मिशन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की है। मुझे लगता है कि मैं आपके संगठन में एक उपयोगी सदस्य बन सकता हूँ जो अपनी संभावनाओं को बढ़ाने और आपके संगठन की वृद्धि में मदद करने में सक्षम होगा।

मैंने अपना रेज्यूमे संलग्न किया है जिसमें मेरी शिक्षा, अनुभव, कौशल और सम्पर्क जानकारी है। मैं आशा करता हूँ कि आप मेरे रेज्यूमे को ध्यान से देखेंगे और मुझे आपके संगठन में एक संभावित उम्मीदवार के रूप में चुनेंगे।

धन्यवाद,

आपका नाम

iii) प्रार्थना पत्र : 

दिनांक : 10 मार्च 20xx

विषय -विद्यालय से एक दिवसीय अवकाश हेतु प्रार्थना-पत्र। 

प्रिय माननीय प्रधानाध्यापक,

मैं ____________(नाम) आपके विद्यालय में कक्षा 8वीं का/की नियमित (छात्र/छात्रा) हूँ। मैं इस पत्र के माध्यम से आपसे अनुरोध करना चाहता/ती हूँ कि मुझे विद्यालय से एक दिन के अवकाश की आवश्यकता है।

मैंने पिछले कुछ दिनों से निरंतर अध्ययन कर रहा/रही हूँ अतः थोड़ा आराम लेने के लिए मुझे एक दिन के अवकाश लेना जरूरी है। मुझे अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए यह समय चाहिए। यह अवकाश मुझे मुझे इस संदर्भ में बहुत मददगार सिद्ध होगा।

आशा है कि आप मेरी इस विनती को समझते हुए मुझे एक दिन का अवकाश देने की कृपा करेंगे।

धन्यवाद,

आपका शिष्य/शिष्या,

[अपना नाम व अनुक्रमांक]

 


सोमवार, 6 मार्च 2023

साक्षात्कार लेखन (interview)

साक्षात्कार क्या है?

स्रोत : गूगल इमेज 

साक्षात्कार एक विशिष्ट तरीके से एक व्यक्ति से प्रश्नों के माध्यम से उनके बारे में जानने की प्रक्रिया है, जो विभिन्न उद्देश्यों के लिए की जा सकती है। इस बातचीत में अतिथि (जिसका साक्षात्कार कर रहे हो) की व्यक्तित्व, कृतित्व, क्षमताओं, अनुभवों और भावी योजनाओं के बारे में जानने का प्रयास किया जाता है।

उदाहरण :-  

  1. किसी छात्र द्वारा किसी प्रिय लेखक से उनके साहित्य के विषय में जानकारी और विचारों को समझने का प्रयास करना।
  2. आपके किसी पसंदीदा (favorite)  फिल्म कलाकार (Actor), खिलाड़ी, संगीतकार, उद्योगपति (Industrialist) से मिलकर उनका साक्षात्कार कर उनके विषय में और अधिक जानना।  

साक्षात्कार के लिए आवश्यक सामग्री:

  1. साक्षात्कारदाता - जिस अतिथि का साक्षात्कार किया जाता है। इसे 'साक्षात्कारदाता' कहते हैं।  
  2. साक्षात्कारकर्ता - जो साक्षात्कार लेता है, वह साक्षात्कारकर्ता कहलाता है। 
  3. प्रश्नावली - यह पहले से तैयार किए गए प्रश्नों की सूची होती हैं, जिसके आधार पर साक्षात्कार होता हैं। 
  4. लेखन / रिकार्डिंग सामग्री - इन्हें साक्षात्कार की सम्पूर्ण जानकारी सँजोने के लिए प्रयोग करते हैं। जैसे - कागज़, कलम, डायरी, रिकार्डिंग सिस्टम अथवा मोबाइल आदि।  
उपरोक्त के अतिरिक्त साक्षात्कार करते समय उचित और शांतिपूर्ण स्थान और कुछ जलपान की व्यवस्था की जा सकती है।
 

प्रश्नावली कैसे बनाए? 

अपने प्रिय लेखक का आपको साक्षात्कार करना है, उसके लिए कुछ प्रश्नावली बनाइए?

उत्तर - 

  1. आपका पहला लेख किस विषय पर था और इसे प्रकाशित करने का क्या कारण था?
  2. आपके लेखन का शैली क्या है और यह किस तरह से उनकी प्रेरणा से प्रभावित होता है?
  3. आप अपनी लेखनी के लिए क्या जिम्मेदारियाँ समझते हैं?
  4. आप अपने लेखन के लिए कौन से साधनों और तकनीकों का उपयोग करते हैं?
  5. आपका सबसे मनपसंद लेख कौन सा है और इसके पीछे क्या कारण है?
  6. आप लेखन में नए कल्पनाशील तत्वों को कैसे शामिल करते हैं और इसमें नए संकल्प कैसे जुटाते हैं?
  7. आप अपनी रचनाओं में क्या किसी सामाजिक संदेश को बताने का प्रयास करते हैं? अगर हां, तो यह किस प्रकार संदेश होता है?
  8. आप किन-किन भाषाओं में लेखन कार्य कैसे कर लेते हैं?
  9. आपके लेखन का निर्माण करने की प्रक्रिया क्या होती है?
  10. आप अपनी रचनाओं में संवेदनशील विषयों को कैसे लिखते हैं?
  11. आपके विचारों के आधार पर, आपके लेखन में सफलता के लिए क्या महत्वपूर्ण तत्व कौन से हैं?
  12. आप वर्तमान पीढ़ी के लेखकों में किसे पसंद करते हैं और क्यों?
  13. अगर आप लेखक नहीं होते तो क्या होते?
  14. लेखन में करियर बनाने वाले युवकों के लिए आपका संदेश क्या हैं?
  15. आगामी भविष्य में आप अपने आपको कहाँ देखते हैं? 

उदाहरण 1) मैंने हाल ही में अपने प्रिय लेखक से साक्षात्कार लिया। उनसे मुलाकात करके मुझे अत्यंत खुशी हुई। यह रहा हमारा संवाद -

मैं -  "नमस्ते सर, यह बहुत खुशी की बात है कि मैं आपसे मिल पा रहा हूँ। मैं आपकी सभी किताबें पढ़ता हूँ और आपके लेखन शैली (स्टाइल ऑफ राइटिंग) से बहुत प्रभावित हूँ।"

लेखक - (मेरे अभिवादन के जवाब में) "नमस्ते, आपसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई। यह जानकार बहुत अच्छा लगता है कि आप मेरी किताबें पढ़ते हैं और मेरे लेखन शैली से प्रभावित होते हैं।"

मैं - "आपके लेखन शैली में से क्या बात मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित करती है?"

लेखक ने उत्तर दिया, "मेरी लेखन शैली में मैं खुश हूँ कि मैं अपने पाठकों को एक नयी दृष्टि देता हूँ। मैं जो विषयों पर लिखता हूँ उन्हें एक नये आयाम से देखने की कोशिश करता हूँ।"

मैंने उनसे पूछा, "अपनी अगली किताब के बारे में बताइए। क्या यह आपकी पहली उपन्यास थी?"

लेखक ने उत्तर दिया, "हाँ, जैसा कि आप जानते हाँ मैं उपन्यासकार हूँ, तो यह किताब भी मेरी उपन्यास ही है।" और यह मेरे लेखन की पहली सीढ़ी है। 

मैं - आपका बहुत बहुत धन्यवाद। 

पर्यावरण मंत्री जी साक्षात्कार देते हुए
अभ्यास 2) आपके विद्यालय में पर्यावरण मंत्री आये थे। आपने उनका साक्षात्कार लिया है। उसे विद्यालय पत्रिका में छपवाने के लिए प्रश्नोत्तर शैली में साक्षात्कार लेखन कीजिए- आपके लेखन में निम्नलिखित बिन्दु अवश्य शामिल करें। आपका लेखन 200 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिए। 
  • आपके क्षेत्र की मुख्य पर्यावरण समस्या 
  • इस समस्या से होने वाले प्रभाव 
  • समस्या को दूर करने के उपाय 
आपके लेखन में सभी मुद्दे शामिल होने चाहिए और उचित भाषा और वाक्य रचना का प्रयोग अपेक्षित है। 

उत्तर -              पर्यावरण मंत्री से साक्षात्कार (1)

विद्यार्थी: माननीय मंत्री जी, आपका स्वागत है हमारे विद्यालय में।

मंत्री: धन्यवाद, मुझे यहाँ आकर बहुत खुशी हुई।

विद्यार्थी: महोदय, हमारे क्षेत्र में सबसे बड़ी पर्यावरण समस्या क्या है?

मंत्री: आपके क्षेत्र में सबसे बड़ी पर्यावरण समस्या कूड़ा-कचरा का अत्यधिक मात्रा में जमा होना और उसका उचित निपटान न होना है।

विद्यार्थी: क्या इससे आम जनता को इस समस्या से कुछ प्रभाव पड़ेगा?

मंत्री: क्यों नहीं, इस समस्या से कई नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं, जैसे - प्रदूषण में वृद्धि, दुर्गंध, बीमारियों का प्रसार, जलभराव, मच्छर-मक्खियों का का प्रसार आदि। 

विद्यार्थी: तो मंत्री जी इस समस्या को दूर करने के लिए जनता को क्या उपाय अपनाने चाहिए?

मंत्री: इस समस्या को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • कूड़े-कचरे का उचित वर्गीकरण
  • खाद बनाने की प्रक्रिया को बढ़ावा देना
  • प्लास्टिक का उपयोग कम करना
  • लोगों में जागरूकता फैलाना

विद्यार्थी: धन्यवाद महोदय, आपने हमें बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी।

मंत्री: आपका स्वागत है, मुझे उम्मीद है कि हम सभी मिलकर इस समस्या के समाधान पर काम करेंगे और जल्द ही इससे निजात पा सकेंगे। आपको मेरे शुभकामना। 

विद्यार्थी: हम निश्चित रूप से ऐसा ही करेंगे। बहुत-बहुत धन्यवाद। 

(प्रस्तुत साक्षात्कार काल्पनिक है तथा विद्यालय पत्रिका में प्रकाशनार्थ हेतु।)

[शब्द संख्या - 201]

पर्यावरण मंत्री का साक्षात्कार (2)

प्रश्न: माननीय मंत्री जी, नमस्कार। क्या आप बता सकते हैं कि आपके क्षेत्र की मुख्य पर्यावरण समस्या क्या है?

उत्तर: देखिए, यहाँ की मुख्य पर्यावरण समस्या 'जल प्रदूषण' है। इस क्षेत्र की नदियों में जनता द्वारा कचरा फेंकना, औद्योगिक अपशिष्ट का अनुचित निपटान, और कृषि में रसायनों का अत्यधिक उपयोग जल प्रदूषण की समस्या बढ़ा रहा हैं।

प्रश्न: क्या इस  समस्या से कोई दूष्प्रभाव भी होते हैं?

उत्तर: जल प्रदूषण के कई नकारात्मक प्रभाव हैं। यह जलजनित बीमारियों का कारण बन सकता है, जलीय जीवन को नुकसान पहुंचा सकता है, और कृषि के लिए पानी की उपलब्धता को कम कर सकता है।

प्रश्न: इस समस्या को दूर करने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं?

उत्तर: हम जल प्रदूषण को कम करने के लिए कई पहल कर रहे हैं। हम नदियों की सफाई, औद्योगिक अपशिष्ट के उपचार, और किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

प्रश्न: नागरिक इस समस्या को दूर करने में कैसे योगदान दे सकते हैं?

उत्तर: नागरिक जल प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वे घरों में पानी का दुरुपयोग कम कर सकते हैं, कचरा उचित तरीके से निपटा सकते हैं, और जल संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता फैला सकते हैं।

प्रश्न: युवा पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?

उत्तर: हम स्कूलों में पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रहे हैं। हम युवाओं को प्रकृति से जुड़ने और पर्यावरण संरक्षण के लिए सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

प्रश्न: आपके पास युवा पीढ़ी के लिए क्या संदेश है?

उत्तर: युवा पीढ़ी ही हमारे ग्रह का भविष्य है। उनसे मेरा अनुरोध है कि वे पर्यावरण के प्रति जागरूक रहें और इसे बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करें।

इस साक्षात्कार से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हम सभी मिलकर जल प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या को दूर कर सकते हैं। यदि हम सब मिलकर प्रयास करें तो हमारा क्षेत्र स्वच्छ और सुंदर बन सकता है।

अन्य अध्ययन सहायक सामग्री - 

शनिवार, 4 मार्च 2023

नवाचार से बदलती जीवन शैली

नवाचार (Innovation) : पठन अभ्यास हेतु 

                                                                                                                                    स्रोत - एबीपी न्यूज 

नवाचार (नव+आचार) का अर्थ किसी उत्पाद, प्रक्रिया या सेवा में थोडा या बहुत बडा परिवर्तन लाने से है। नवाचार के अन्तर्गत कुछ नया और उपयोगी तरीका अपनाया जाता है, जैसे- नयी विधि, नयी तकनीक, नयी कार्य-पद्धति, नयी सेवा, नया उत्पाद आदि। नवाचार को अर्थतंत्र का सारथी माना जाता है। किसी भी समाज और अर्थव्यवस्था के विकास में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नवाचार एक नयी विचारधारा, प्रणाली, तकनीक, वस्तु या कार्यक्रम को कहते हैं जो किसी क्षेत्र में पहली बार आयोजित होता है या पूर्व से मौजूद तकनीक को संशोधित या नए रूप में उपयोग किया जाता है। यह एक नया सोचने का तरीका होता है जो एक नए या विभिन्न दृष्टिकोण से एक विषय को देखने की क्षमता प्रदान करता है। नवाचार के माध्यम से, लोग नए उत्पादों, सेवाओं या तकनीकों को बनाने या संशोधित करने में सक्षम होते हैं जो अधिक उपयोगी और अधिक प्रभावी हो सकते हैं। जैसे - 

  • स्मार्टफोन: स्मार्टफोन एक वहन है जो नवाचार का एक शानदार उदाहरण है। इसने संचार और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अनेक नए उत्पादों को जन्म दिया है।
  • सोशल मीडिया: सोशल मीडिया एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म होता है जो उपयोगकर्ताओं को अन्य उपयोगकर्ताओं से संचार करने और साझा करने की अनुमति देता है। यह उन वेबसाइटों और एप्लिकेशनों के रूप में उपलब्ध होता है जो उपयोगकर्ताओं को अन्य उपयोगकर्ताओं से जोड़ते हैं जिन्हें वे जानते हैं या नहीं जानते हैं। इसके उदाहरण में फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, यूट्यूब, स्नैपचैट, टिकटॉक और व्हाट्सएप शामिल हैं। 
  • आईपॉड: आईपॉड नवाचार का बेहतरीन उदाहरण है। इसे एक नवीन संचार के उपकरण के रूप में उत्पन्न किया गया था, जो बाद में संगीत सुनने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।
  • वेब सर्च इंजन: गूगल सर्च इंजिन नवाचार का बेहतरीन उदाहरण है। यह इंटरनेट पर सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले सर्च इंजनों में से एक है।
  • ई-कॉमर्स वेबसाइट: आजकल ई-कॉमर्स वेबसाइट नवाचार बतौर प्रयोग होने वाला पोर्टल है जोसबसे अधिक व्यापकता और सुविधा उपयोगकर्ताओं के लिए प्रदान करता है।
  • रोबोट: एक आधुनिक रोबोटिक उपकरण है जो ज्ञान, विवेक, और कुशलता के साथ कार्य करने में सक्षम होता है। यह आमतौर पर इंसान के कुछ काम को स्वतंत्र रूप से करने में सक्षम होता है, जैसे कि उत्पादन, विनिर्माण, चिकित्सा, सेवा संगठन आदि में बहुत सारे काम करता है। 
  • ड्रोन: यह एक रोबोटिक उपकरण है जो वायुमंडल में उड़ता है और दूरस्थ स्थानों से वीडियो, तस्वीरें, डेटा और अन्य विवरणों को संग्रहित करता है। यह उपकरण एक रिमोट कंट्रोल के माध्यम से या स्वचालित रूप से काम करता है।
  • आर्टिफिसियल इंटेलिजेंट (ए.आइ.):: इसे 'एकांत बुद्धि' अथवा 'आभासी बुद्धि' कहते हैं जो कंप्यूटर विज्ञान, मशीन लर्निंग और अन्य इंटेलिजेंट तकनीकों का एक शाखा है। एआई उन कंप्यूटर प्रोग्रामों के लिए होता है जो इंसानों के जैसे कुछ काम करने में सक्षम होते हैं, जैसे कि विचार करना, सीखना, निर्णय लेना, समस्याओं को हल करना, आभासी बुद्धि, और भाषा का अनुवाद करना। जैसे - चैटजीपीटी (माइक्रोसॉफ़्ट) व बार्ड एआई (गूगल) आदि।  

  • ब्लॉकचेन: एक डिजिटल लेजर होता है जो कि डेटा रिकॉर्ड करने की एक तकनीक होती है। यह तकनीक एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को डेटा को भेजने के लिए सक्षम बनाती है। यह लेजर ब्लॉक कहलाता है और हर ब्लॉक में डेटा एक तरीके से सुरक्षित होता है जिसे उन्हें नहीं बदला जा सकता। बैंकिंग, शैक्षणिक प्रमाण-पत्र, जमीन-जायदाद का लेखा-जोखा आदि रखने की सर्वाधिक सुरक्षित व्यवस्था। 
  • ई-करेंसी: एक्सचेंज पर व्यापार करने योग्य आभासी डिजिटल मुद्राओं को ई-करेंसी (E-Currency) कहा जाता है। जैसे - बिटकोइन, इथेरियम, ट्रोन, ई-रुपी, ई-दिरहम आदि। 


आभासी संसार में बिखरता समाज  

(सूचना क्रांति और तकनीकी विकास ने एक कृत्रिम दुनिया (Virtual world) खड़ी कर दी है।)
    आभासी दुनिया से आमतौर पर हम ऑनलाइन दुनिया को समझते हैं, जहां लोग इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर संचार करते हैं और अपने विचारों, अनुभवों, और ज्ञान को साझा करते हैं। इस आभासी दुनिया में समाज भी मौजूद होता है जो इंटरनेट के माध्यम से संचार करता है। लोग सोशल मीडिया जैसे प्लेटफॉर्म पर ग्रुप, कम्युनिटी, फोरम और अन्य सामुदायिक स्थानों में शामिल होते हैं जहां वे अपने इंटरेस्ट से संबंधित लोगों से बातचीत करते हैं।
      आभासी दुनिया में समाज की विशेषताएं वास्तविक दुनिया से भिन्न होती हैं। यहां समाज बहुत विस्तृत होता है और लोग अपनी आवाज़ को सुनवाने के लिए आमंत्रित होते हैं। लोग विभिन्न धर्म, राजनीति, संस्कृति और भाषाओं से जुड़े समाजों में शामिल होते हैं जो आमतौर पर वास्तविक दुनिया में संभव नहीं होते हैं। आज की आभासी दुनिया क्या वास्तव में समाज और परिवार के अंत की तैयारी है? क्या लोग परिवार, विवाह, रिश्तेदारी जैसी अनौपचारिक संस्थाओं से इतना त्रस्त हो चुके हैं कि उनका इन संस्थाओं पर से विश्वास उठ गया है, या फिर ये सामाजिक संस्थाएं जिन भूमिकाओं का निर्वहन करने के लिए निर्मित की गई थीं, उनका सही से निर्वहन कर पाने में असमर्थ हो गई हैं?

        सूचना क्रांति और तकनीकी विकास ने एक कृत्रिम दुनिया खड़ी कर दी है। एक ऐसी दुनिया जहां कुछ भी वास्तविक नहीं है, सब कुछ आभासी। कृत्रिम समाज, कृत्रिम मनुष्य, कृत्रिम रिश्ते, कृत्रिम भावनाएं, कृत्रिम बुद्धि, कृत्रिम सुंदरता और यहां तक कि कृत्रिम जीवन, कृत्रिम सांसें और ऐसी ही हंसी भी। इसका ही नतीजा है कि आभासी वस्तुओं के साथ रहते हुए मनुष्य वास्तविक जीवन से दूर होता जा रहा है। आभासी दुनिया में हर चीज अस्थायी है, यहां तक कि सामाजिक और निकट संबंध भी अस्थायी और बनावटी होते जा रहे हैं। जब तक उपयोगी हैं इन संबंधों का इस्तेमाल करो, जब जरूरत न रह जाए, इन्हें खत्म कर दो।

      दरअसल आज जीवन कंप्यूटर के एक क्लिक की तरह आसान हो गया है। एक क्लिक पर मनचाही चीजें आपके पास पहुंच जाती हैं। कह सकते हैं कि नई से नई प्रौद्योगिकी यानी कंप्यूटर, स्मार्टफोन आदि आधुनिक दुनिया के ऐसे जिन हैं जो इच्छा जाहिर करते ही अपने आका का हुक्म पूरा करने को तैयार रहते हैं। अंतर केवल इतना है कि पहले का जिन सिर्फ दादी-नानी की कहानियों में ही होता था, जबकि आज का आधुनिक जिन वास्तविक दुनिया का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। समाज विज्ञानी हेबरमास ने कहा भी है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में हुई अप्रत्याशित प्रगति के कारण तार्किकता का महत्त्व दिन-प्रतिदिन घटता जा रहा है।

      अब मनुष्य की तार्किकता उसे लक्ष्यों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित नहीं करती, अपितु केवल साधनों को एकत्र करने में सहायता करती है। इसी का परिणाम है कि मनुष्य द्वारा निर्मित आधुनिक तकनीक ने स्वयं मनुष्य को ही अपना गुलाम बना लिया है। दुर्भाग्य तो यह है कि आधुनिक मनुष्य स्वयं को पूर्व की तुलना में अधिक स्वतंत्र मानने लगा है, जबकि हकीकत यह है कि वह पहले से भी कहीं अधिक पराधीन होता जा रहा है।

      यहां कुछ समय पहले की एक घटना का जिक्र करना प्रासंगिक ही होगा। असम के एक नवविवाहित दंपति ने अपने विवाह समारोह के बाद एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस अनुबंध में दोनों ने कुछ शर्तें निर्धारित कीं, जैसे महीने में केवल एक पिज्जा खाना, हमेशा घर के खाने को हां कहना, प्रतिदिन साड़ी पहनना, देर रात पार्टी करने की सहमति परंतु केवल एक दूसरे के साथ, प्रतिदिन जिम जाना, रविवार की सुबह का नाश्ता पति द्वारा बनाया जाना, हर पंद्रह दिन में खरीदारी आदि।

      हैरत की बात है कि संबंधों में इतनी कृत्रिमता और अविश्वास कि लिखित में समझौता करने की आवश्यकता अनुभव होने लगे! कुछ समय पहले भी एक महानगर में इसी तरह की घटना हुई थी जिसमे विवाह समारोह में फेरे लेते समय वर-वधु ने ऐसे अनुबंध की बात की जिसके अनुसार वे छह महीने तक साथ रहेंगे और अगर उनमें नहीं बनी तो वे बिना किसी कानूनी कार्यवाही के पारस्परिक सहमति से अलग हो जाएंगे। एक समय था जब विवाह को संस्कार और पवित्र बंधन माना जाता था, आज वही विवाह नाम की संस्था आधुनिक समाज में हाशिए पर आ गई है। यह आभासी दुनिया की ही देन है।

      प्राकृतिक गतिविधियों के साथ छेड़छाड़ करना मानव जीवन के सामने किस तरह की चुनौतियां पैदा कर सकता है या आनुवंशिक परिवर्तनों वाले शिशु आने वाली पीढ़ियों को किस तरह प्रभावित कर सकते हैं, यह कहना कठिन है। इसलिए यह सवाल आखिरकार यह सोचने को विवश तो करता ही है कि यह कैसी दुनिया उभर कर आ रही है जहां विवाह के लिए एक पुतला, यौन इच्छाओं के लिए रोबोट और सिलिकान बच्चा लोगों की पसंद बनते जा रहे हैं। यानी एक ऐसी आभासी दुनिया जहां कुछ भी असली नहीं है। विवाह, पति-पत्नी के रिश्ते से लेकर बच्चे तक, सब कुछ नकली।

      आभासी दुनिया का एक और हैरान वाला उदाहरण है। इस वर्ष के प्रारंभ में तमिलनाडु के एक युवक-युवती के विवाह के लिए आभासी विश्व का निर्माण किया गया। इसमें वर के मृत पिता का एक आभासी किरदार बनाया गया जो वर-वधु को आशीर्वाद भी दे सकते हैं। साथ ही वर-वधु, उनके दोस्तों और रिश्तेदारों के भी आभासी अवतार (Avatars) बनाए गए। इस विवाह में शामिल होने के लिए वास्तविक दुनिया से आभासी दुनिया में जाना पड़ेगा। कितना हास्यास्पद है कि जीवित होते हुए भी मृत समाज (काल्पनिक दुनिया) में सम्मिलित होने का विकल्प चुनना भ्रम में जीना नहीं है, तो क्या है? इस तकनीकी दुनिया में मृत्यु को झुठलाने वाली तकनीक भी उभार ले चुकी है। कितना बड़ा दुर्भाग्य है कि मनुष्य वास्तविक संबंधों की उपेक्षा करने और आभासी संबंधों की तलाश में वास्तविक जीवन जीना ही छोड़ने को आतुर है।

                                                                                                                                                    सौजन्य : यू-ट्यूब (DNA चैनल)

      सवाल है कि ऐसे में विवाह, परिवार, नातेदारी और समाज की परिभाषा क्या हो? समाजशास्त्रियों को इन परिभाषाओं को नए सिरे से गढ़ना होगा। आज की आभासी दुनिया क्या वास्तव में समाज और परिवार के अंत की तैयारी है? क्या लोग अनौपचारिक संस्थाओं (परिवार, विवाह, रिश्तेदारी) से इतना त्रस्त हो चुके हैं कि उनका इन संस्थाओं पर से विश्वास उठ गया है, या फिर ये सामाजिक संस्थाएं जिन भूमिकाओं का निर्वहन करने के लिए निर्मित की गई थीं, उनका सही से निर्वहन कर पाने में असमर्थ हो गई हैं? समाज विज्ञान के शोधार्थियों को इन मुद्दों पर शोध करने की आवश्यकता है, ताकि इनके पीछे छिपे कारण-परिणाम संबंधों को ज्ञात करके उनके समाधान के प्रयास किए जा सकें।

      यहां एक बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर कोई किसी कमी को पूरा करने के लिए इस तरह की प्रौद्योगिकी का प्रयोग करता है तो एक सीमा तक स्वीकारा भी जा सकता है जैसे कृत्रिम ह्रदय, कृत्रिम आंख, कृत्रिम हाथ-पैर इत्यादि। लेकिन वास्तविक समाज और वास्तविक संबंधों के होते हुए भी अगर व्यक्ति आभासी समाज और रिश्तों की ओर अग्रसर हो रहे हैं तो यह मानसिक दिवालियापन का ही संकेत है।
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      अभ्यास : 
      किसी एक नवाचार के बारे में अपने मित्र/सहेली से चर्चा करते हुए संवाद लेखन कीजिए। अपने उत्तर में आप निम्नलिखित बिन्दुओं को अवश्य शामिल करें। 
      1. नवाचार का नाम और उसकी उपयोगिता 
      2. उस नवाचार से होने वाले खतरे
      आपके संवाद मौलिक और ज्ञानप्रद होने चाहिए। इसकी शब्द सीमा 200 शब्दों से अधिक न हो।

      उत्तर - कल मैं अपने अपनी सहेली टीना से मिली उससे मिलकर हमने एक नवाचार पर चर्चा की। उसका संवाद निम्नलिखित है। 
      मीना - क्या तुम्हें पता है टीना आज कल विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नए-नए नवाचार उभर रहे हैं। 
      टीना - नही मुझे इतना अधिक  तो नहीं पता है। हाँ, कुछ मोबाइल एप के बारे में सुनी हूँ। 
      मीना - मेरा भाई इंजीनियर है। उसने मुझे "स्वरचित्र दर्पण" नामक एक नवाचार के बारे में बताया। 
      टीना - अच्छा, मुझे भी बताओ न, क्या है ये? 
      मीना - 'स्वचित्र दर्पण' एक नई तकनीक है जिससे शब्दों को चित्रों में बदला जा सकता है। 
      टीना - अरे वाह! वो कैसे? जल्दी बताओ न। 
      मीना - इस तकनीक का उपयोग कला और शिक्षा के क्षेत्र में किया जाता है। इससे बच्चों को समझने में आसानी होती है और उनकी रुचि भी बढ़ती है।
      टीना - अच्छा, क्या इससे कोई नुकसान भी है?  
      मीना - हाँ टीना, 'स्वरचित्र दर्पण' से होने वाले कुछ खतरे भी हैं। जैसे-जैसे लोग इस तकनीक का उपयोग करते जाएंगे, उनके संग्रहित जानकारी को हैक करने का खतरा बढ़ सकता है। 
      टीना - अरे! यह तो बहुत खतरनाक होगा। 
      मीना - इसके अलावा, इस तकनीक का उपयोग ज्ञानोपयोगी शब्दों और चित्रों को बनाने में किया जाना चाहिए, जो आमतौर पर सीखने या सीखने में काम आते हों।
      टीना - फिर तो इस नवाचार का उपयोग शिक्षा और विज्ञान और कला के क्षेत्र में हो सकता है लेकिन हमें इसके खतरों के बारे मे सचेत रहना चाहिए। 
      मीना - बिलकुल सही। 




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