शनिवार, 15 अप्रैल 2023

अंतरिक्ष पर्यटन Space Tour

अंतरिक्ष पर्यटन एक नया उद्योग है जिसमें लोग अंतरिक्ष में यात्रा करने का मजा लेते हैं। यह एक विशेष प्रकार का पर्यटन है जिसमें यात्रियों को उन्नत रॉकेट वाहनों का उपयोग करके अंतरिक्ष के बाहर ले जाया जाता है। इस प्रकार की यात्रा को पूरा करने के लिए लोगों को सारे विश्व में कुछ ही उच्च सुरक्षा मानकों का पालन करना पड़ता है। अंतरिक्ष पर्यटन एक बड़ा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का क्षेत्र है, जो भविष्य में मानव जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है।

                                                              साभार - एआई इमजिंग
अंतरिक्ष पर्यटन में दुनिया को कई तरह से बदलने की क्षमता है। यहाँ कुछ संभावित तरीके दिए गए हैं जिनसे अंतरिक्ष पर्यटन पर प्रभाव पड़ सकता है:

  • अंतरिक्ष अन्वेषण को आगे बढ़ाना: अंतरिक्ष पर्यटन अंतरिक्ष अन्वेषण में अधिक रुचि और निवेश ला सकता है, जिससे तकनीकी प्रगति हो सकती है जो पूरे समाज को लाभान्वित कर सकती है।
  • आर्थिक प्रभाव: अंतरिक्ष पर्यटन एक नया उद्योग सृजित कर सकता है, राजस्व उत्पन्न कर सकता है और रोजगार सृजित कर सकता है। इससे उन क्षेत्रों में आर्थिक विकास हो सकता है जहां अंतरिक्ष पर्यटन होता है।
  • पर्यावरणीय लाभ: अंतरिक्ष पर्यटन से अधिक स्थायी प्रौद्योगिकियों का विकास हो सकता है जिसका उपयोग पृथ्वी पर मानव गतिविधियों के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए किया जा सकता है।
  • प्रेरणा और शिक्षा: अंतरिक्ष पर्यटन लोगों को विज्ञान और इंजीनियरिंग में करियर बनाने के लिए प्रेरित कर सकता है, और अंतरिक्ष अन्वेषण और इसके संभावित लाभों के बारे में जनता को शिक्षित करने के लिए एक उपकरण के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अंतरिक्ष पर्यटन का प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि इसे कैसे कार्यान्वित और विनियमित किया जाता है। किसी भी संभावित नकारात्मक प्रभाव, जैसे पर्यावरणीय नुकसान या सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर सावधानीपूर्वक विचार करने और उन्हें संबोधित करने की आवश्यकता होगी।

सोमवार, 10 अप्रैल 2023

लेख (Article)

लेख लेखन क्या होता है? 

लेख लिखना एक लेखन कौशल है जिसमें किसी व्यक्ति द्वारा विभिन्न विषयों पर लिखा गया लेख होता है। इसमें व्यक्ति किसी विषय पर अपने विचारों को उभारता है तथा इसका उद्देश्य सामाजिक या व्यावसायिक उद्देश्यों की पूर्ति करना होता है।

लेख लेखन कई विषयों पर किया जा सकता है जैसे कि सामाजिक मुद्दों, साहित्य, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कला, स्वास्थ्य, व्यापार, वित्त और बाजार आदि। लेख लेखन आमतौर पर अखबार और पत्रिकाओं जैसी प्रिंट मीडिया के साथ ही साथ ऑनलाइन के अन्य मीडिया मंचों (प्लेटफॉर्म्स) जैसे इंटरनेट वेबसाइट, ब्लॉग एवं अन्य सोशल मीडिया पर भी  प्रकाशित होता है।

लेख लेखन एक महत्वपूर्ण लेखन कौशल होता है जो लेखकों को समाज और उद्योगों में सूचना और ज्ञान प्रसार के लिए आवश्यक होता है। एक अच्छा लेखक विषय के बारे में विस्तृत ज्ञान रखता है और अपने लेख में स्पष्ट विचार प्रस्तुत करता है जो पाठकों को समझ में आता होता है। 

लेख, आलेख और 'सुलेख' में अंतर

छात्र-छात्राएँ अज्ञानतावश इन एक जैसे उच्चरित होने वाले शब्दों से अकसर भ्रमित हो जाते हैं। अतः इनके अंतर को जान लेना अत्यन्त आवश्यक है। "लेख", "आलेख" और "सुलेख" तीनों शब्द लिखने के लिए ही उपयोग किए जाते हैं। हालांकि, इनके अर्थ में काफी अंतर होता है।

लेख - एक विषय पर लिखा गया लंबा टेक्स्ट होता है जिसमें यह लेखक के व्यक्तिगत विचारों के आधार पर लिखा जाता है और उसे अपनी रचनात्मक बुद्धिमत्ता के द्वारा पेश किया जाता है। इस तरह के लेख में लेखक अपनी सोच को व्यक्त करता है और वह पाठकों को अपनी समझ के अनुसार विषय को समझाने का प्रयास करता है। यह टेक्स्ट सामान्यतया एक पत्रिका, अखबार, ब्लॉग, वेबसाइट या किसी अन्य प्रकार के मीडिया में प्रकाशित किया जाता है। 

आलेख - यह एक संक्षिप्त लेखन होता है जो किसी विषय पर लिखा जाता है और इसमें संक्षेप में उपयोगकर्ता अपने विचारों को व्यक्त करता है। आमतौर पर, आलेख सामान्यतः अखबारों या पत्रिकाओं (मैगजीनों) में प्रकाशित किए जाते हैं और वे अकसर विशिष्ट समाचार विषयों, कुछ नई तकनीकी विकासों, समाज के विषयों, विपणन या वित्तीय बाजार आदि के बारे में होते हैं।

सुलेख -  यह विद्यार्थियों में अच्छे और सुंदर लिखावट (हस्ताक्षर) लिखने के उद्देश्य से अभ्यास कराया जाने वाला लेखन अभ्यास होता है। जैसे अंग्रेज़ी में प्राथमिक कक्षाओं में 'Cursive writing' कराई जाती है। वैसे ही हिंदी में 'सुलेख लेखन' कराया जाता है। इससे छात्रों में अच्छी हैंड राइटिंग लिखने में मदद मिलती है।  

लेख लेखन प्रारूप - 

  1. शीर्षक 
  2. लेखक का नाम व परिचय की पंक्ति
  3. लेख का मुख्य भाग - 
3.1  प्रस्तावना - लेख के विषय 
3.2 विषय विस्तार (लेख का मुख्य भाग, 2 - 3 पैराग्राफ)
3.3 निष्कर्ष (राय या सिफारिश, प्रत्याशा या अपील के साथ लेख का अंतिम अनुच्छेद)

 अभ्यास प्रश्न 

1. क्या शैक्षणिक संस्थाएँ युवाओं के आजीविका सृजन में सक्षम हैं? आप इस कथन से कहाँ तक सहमत हैं? स विंदु पर अपने विचारों को समझाते हुए स्कूल की पत्रिका के लिए अपना लेख लगभग 200 शब्दों में लिखिए। आपका लेख विषय से संबंधित जानकारी पर केंद्रित होना चाहिए।

  • बहुत - सी शिक्षण संस्थाएँ छात्र की व्यवहारिक और व्यावसायिक कुशलता विकास पर कार्य कर रही हैं ।
  • अधिकांश युवक शिक्षा के उपरांत भी रोजगार से वंचित हैं।

ऊपर दिए गए बिंदु आपके लेखन को दिशा प्रदान कर सकते हैं। इनके माध्यम से आप अपने विचारों को विस्तार दीजिए। विषय संबंधी अंतर्वस्तु के लिए 8 तथा उपयुक्त भाषा के लिए भी 8 अंक निर्धारित हैं।

उत्तर - 

 शीर्षक :  युवाओं की आजीविका सृजन में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका

- अरविंद बारी, 

(शिक्षक और हिंदी सेवी) 

प्रस्तावना / विषय प्रवेश - आज के समय में युवाओं की आजीविका सृजन के लिए शिक्षण संस्थानों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। शैक्षणिक संस्थानों की यह जिम्मेदारी होती है कि वे छात्रों को व्यावसायिक तथा व्यवहारिक कुशलता के साथ-साथ उनके रुचि के क्षेत्र में अधिक से अधिक जानकारी प्रदान करें।

विषय विस्तार - शिक्षण संस्थानों का मुख्य उद्देश्य होता है छात्रों को शिक्षा प्रदान करना जो उनकी सोच, उनके जीवन और उनकी आजीविका को सुधार सके। शिक्षा संस्थानों को युवाओं को व्यावसायिक और व्यवहारिक कुशलता के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। आज के समय में जहां तक नौकरियों की बात है, वहाँ शिक्षा अधिकांश विषयों में आवश्यक है।

अधिकांश युवक या तो नौकरियों से वंचित हो जाते हैं या फिर उन्हें बेहतर आय की खोज करनी पड़ती है। ऐसे में दोष उन युवाओं की काबिलीयत पर आ जाता है? लोग उन्हें नकारा समझते हैं। पर उन संस्थाओं को कोई नहीं पूछता जिनके साये में ये शिक्षित हुए हैं। ये संस्थाएं भी उतनी ही जिम्मेदार हैं। शैक्षणिक संस्थाएं उन्हें विभिन्न डिग्री और प्रमाणपत्र प्रदान करती हैं, जो उन्हें उनके विभिन्न करियर के लिए अधिक उचित बनाते हैं। उनके विभिन्न क्षेत्रों में योग्यता होने से युवाओं के विकास और करियर के अवसरों में उन्हें इसी तरह की सुविधाएं देनी चाहिए।

                                                                                         साभार - पराग डॉट इन

शैक्षणिक संस्थानों में युवाओं को नए कौशल, जैसे कि तकनीकी ज्ञान, व्यावसायिक कौशल, सामाजिक और आधारभूत कौशल आदि सिखाया जाता है। इससे युवाओं को नए क्षेत्रों में अवसर मिलते हैं और वे आज की तकनीकी और तकनीकी दुनिया में अधिक सक्षम बनते हैं। 

निष्कर्ष/उपसंहार -  शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका युवाओं की आजीविका सृजन में बहुत महत्वपूर्ण है। शिक्षा न केवल युवाओं को ज्ञान और विद्या प्रदान करती है, बल्कि उन्हें व्यावसायिक कौशल भी सिखाती है। शैक्षणिक संस्थानों के अध्ययन कार्यक्रम उन्हें उनकी रुचि के अनुसार चुनने का अवसर देते हैं और उन्हें व्यवसायों में सफल होने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करते हैं। शैक्षणिक संस्थानों के अलावा, युवाओं को स्वयं के लिए ज्ञान और कौशल प्राप्त करने के लिए नए तकनीकी उपकरण भी उपलब्ध हैं। इन तकनीकी उपकरणों में ऑनलाइन शिक्षा के लिए मंच भी शामिल हैं जो उन्हें अपनी रुचि के अनुसार अध्ययन करने का अवसर देते हैं। इसलिए, शैक्षणिक संस्थानों और तकनीकी उपकरणों दोनों का मिशन युवाओं की आजीविका सृजन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है।


शुक्रवार, 31 मार्च 2023

प्रतिवेदन (Report) लेखन

"किसी घटना, कार्य-योजना, समारोह अथवा शोध आदि के बारे में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से देखकर या छानबीन करके तैयार की गई लिखित सामग्री को 'प्रतिवेदन' (रिपोर्ट) कहते हैं।"

प्रतिवेदन को अंग्रेजी में 'रिपोर्ट' के नाम से जानते हैं। यह एक लिखित विवरण होता है जो किसी घटना, स्थिति या समस्या के बारे में सार्वजनिक अथवा गोपनीय सूचना देने के लिए लिखा जाता है। यह रिपोर्ट उस संगठन, संस्था, या अन्य संबंधित पक्ष द्वारा इस घटना की जानकारी साझा करने अथवा समस्या को हल करने के लिए उचित कदमों को उठाने में मदद करता है। प्रतिवेदन आमतौर पर व्यवसाय, शिक्षा, सरकार, और अन्य संगठनों द्वारा उपयोग किया जाता है। 

हम कह सकते हैं कि 'प्रतिवेदन (रिपोर्ट) लेखन एक ऐसी विधि है जिसमें लेखक किसी घटना, उत्पाद या सेवा के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता है। यह जानकारी किसी विशिष्ट विषय के बारे में होती है जैसे कि कोई कार्यक्रम, घटना, दुर्घटना, नीति, प्रकल्प, उत्पाद विकसित करने के बारे में रिपोर्ट लिखा जाता है। 

प्रतिवेदन (रिपोर्ट) लेखन में सामान्यतया इस्तेमाल किए जाने वाले तकनीकी शब्दों का उपयोग किया जाता है। इसके लेखन का मुख्य उद्देश्य जानकारी का सही और सुगम तरीके से संचार करना होता है।

रिपोर्ट लिखने का प्रारूप : - 

  1. शीर्षक: रिपोर्ट का शीर्षक देखने वाले को आपके रिपोर्ट का मुख्य विषय पता चल जाता है।
  2. रिपोर्ट लिखने वाले का नाम: रिपोर्ट के प्रारंभ में रिपोर्ट लिखने वाले व्यक्ति (आपका नाम) का नाम उल्लेख करना चाहिए।
  3. तारीख: रिपोर्ट लिखने की तारीख दर्शाना आवश्यक है।
  4. संक्षिप्त सारांश (प्रस्तावना): रिपोर्ट के मुख्य विषय, मुख्य संदेश और मुख्य निष्कर्ष को संक्षिप्त में दर्शाना चाहिए।
  5. विस्तृत विवरण: रिपोर्ट के अंतर्गत विषय से संबंधित जानकारी के बारे में काल-क्रमानुसार सविस्तार लिखना चाहिए।
  6. संदर्भ: यदि आपने उपयोग की गई संदर्भ पुस्तकें, जानकारी, अध्ययन आदि का उल्लेख करना चाहिए।
  7. निष्कर्ष और सुझाव: रिपोर्ट के अंत में आपका निष्कर्ष और उन सुझावों को दर्शाना चाहिए जो समस्या को हल करने में मदद करें।
साभार - www.hindi0549.com

अभ्यास कार्य  -
 
अभ्यास 1 - कल रात आपने अपने क्षेत्र में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए। जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6 थी। किसी के हताहत होने अथवा कहीं कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। इस घटना का  एक प्रतिवेदन (रिपोर्ट) लगभग 150 शब्दों में लिखिए।

उत्तर - शीर्षक - भूकंप से दहली धरती
________ (आपका नाम),
दिनांक : XX माह, 20XX
  
कल रात मुझे अपने क्षेत्र गांधी नगर में एक भूकंप के हल्के झटके महसूस हुए। जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6 थी। यह भूकंप मध्य रात्रि में आया था। विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि इसमें किसी व्यक्ति को कोई चोट नहीं पहुंची है और कोई भी जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है।
भूकंप से गिरे मकान  

        भूकंप के बाद, लोग डर से थोड़े सहमें लग रहे थे, लेकिन जल्द ही वे सामान्य रूप से अपनी गतिविधियों में वापस लौट गए। अधिकतर लोग घरों में ही रहे थे और कुछ लोगों ने उनके बाहर जाने से पहले ध्यान दिया कि उनके घरों के अंदर चीजें सुरक्षित हैं या नहीं?

        स्थानीय अधिकारियों ने भूकंप के बाद स्थिति का निरीक्षण किया और बताया कि हमारे यहाँ जान-माल का कोई विशेष नुकसान नहीं हुआ है। वे लोगों को सलाह दे रहे हैं कि वे अपने घरों में ही रहें और बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें। इस भूकंप से लोगों में थोड़े डर और दहशत का माहौल है, लोग हर समय अगले भूकंप के आने के इंतजार में बैठे रहते हैं। बताते चल कि भूकंप के आने के बाद अथवा उसके दौरान ही नुकसान संभव होता है, वो भी तब जब उसकी तीव्रता अधिक हो। उसके आने की कोई सटीक सूचना दे पाना संभव नहीं है।  
अतः आम जनता से निवेदन है कि सतर्क रहे, सावधान रहे, अपने और अपने परिवार की सुरक्षा का ख्याल रखें।  धन्यवाद। 

अभ्यास 2 

आपके विद्यालय में कल वार्षिकोत्सव (Annual day function) मनाया गया। समाचार पत्र में छपवाने के लिए उसकी एक प्रतिवेदन (रिपोर्ट) लेखन कीजिए। आपके लेखन में निम्नलिखित बिन्दु अवश्य शामिल होने चाहिए। आपका लेखन कार्य 200 शब्दों तक सीमित होना चाहिए। 
  1. उत्सव का स्थान, दिनांक और समय
  2. उत्सव में हुए कार्यक्रमों की जानकारी 
  3. उत्सव में आपकी भूमिका और अनुभव
आपको उचित विषय वस्तु के लिए 8 अंक तथा उचित भाषा के लिए 8 अंक मिल सकते हैं। 

साभार - गूगल इमेज 
उत्तर - हिंदवी अंतर्राष्ट्रीय विद्यालय, यवतमाल का वार्षिकोत्सव हर्षोल्लास से सम्पन्न
यवतमाल के 'हिंदवी अंतर्राष्ट्रीय विद्यालय' में कल दिनांक 30 मार्च 20XX को शाम को वार्षिकोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम में संस्था संस्थापक श्री बाजीराव पाटील ने मुख्य अतिथि सिने कलाकर नाना पाटेकर और उद्योगपति श्री अनुपम गुप्ता के साथ मिलकर माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप-प्रज्ज्वलन के साथ वार्षिकोत्सव कार्यक्रम की शुरुवात की। उसके बाद प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना समूहिक गीत के माध्यम से प्रस्तुति दी। सभी अतिथियों और अभिभावकों के सभागार में आ जाने के बाद कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।
      
कार्यक्रम में विद्यालय के सभी बच्चों ने बड़े ही उत्साह के साथ भाग लिया। सर्वप्रथम कक्षा 10वीं के विद्यार्थियों द्वारा देश के शहीदों की याद में एक नाटक प्रस्तुत किया गया। दर्शक उनकी संवाद कुशलता और अभिनय के लिए तालियों से उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया। कक्षा 9वीं और 8वीं का सामूहिक नृत्य की सुमधुर प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।      
        
        तदनंतर कक्षा 6वीं और 7 वीं के विद्यार्थियों ने फिल्मी गीतों पर आधारित अंत्याक्षरी से समां बांधा। उन्होने बड़े ही उत्साह से एक दूसरे के हराने के चक्कर में इतने अच्छे-अच्छे गीत सुनाये कि दर्शक भी उनके साथ लय में लय मिलाते गीत गुनगुनाते नजर आए। 

अंत में अतिथियों के हाथों मेधावी छात्र-छात्राओ का सम्मान स्मृति-चिह्न और प्रमाण-पत्र देकर से किया गया।  फिर राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ। सभी ने बड़े ही हर्षोल्लास के साथ इस सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। 

 
अभ्यास प्रश्न 3.
आपके विद्यालय में आज सांसद निधि से एक नए खेल के मैदान का उद्घाटन हुआ है। इस कार्यक्रम का प्रतिवेदन (रिपोर्ट) लेखन कीजिए। अपने लेखन में आप निम्नलिखित मुद्दों को अवश्य शामिल करें। 
  1. खेल का मैदान न रहने से बच्चों को समस्या होती थी। 
  2. सांसद जी ने अपने हाथों से इस मैदान का उद्घाटन किया। 
  3. विद्यालय को नया खेल का मैदान मिलने से बच्चों पर होने वाला प्रभाव क्या होगा?   
आपका लेखन कार्य 200 शब्दों से अधिक न हो। आपको उपयुक्त विषय-वस्तु के लिए 3 अंक और सही भाषा-शैली के लिए 5 अंक मिलेंगे। 
उत्तर - आज पुणे के शिवाजी रोड स्थित, नवोदय विद्यालय में सांसद निधि से वित्तपोषित एक नए खेल के मैदान का उद्घाटन किया गया। इस उद्घाटन में विद्यालय के प्रधानाचार्य जी श्री नीरज कुमार ने हमारे माननीय सांसद श्री सतीश केवट को पुष्पगुच्छ, शाल और श्रीफल देकर उनका स्वागत किया। फिर सांसद महोदय ने अपने  कर-कमलों से हमारे नए खेल के मैदान का उद्घाटन किया गया। सभी बच्चों ने इस अवसर पर तालियाँ बचाकर खुशियाँ जताई। दरअसल  पहले, विद्यालय के बच्चों के लिए कोई खेल का मैदान नहीं था, जिससे वे बहुत दुःखी रहते थे। लेकिन सांसद जी की मेहनत और उनके संसाधनों से नया मैदान उपलब्ध हो गया है। अब बच्चों को खेलने का उचित अवसर व स्थान मिल सकेगा और उनके मानसिक के साथ-साथ शारीरिक विकास को भी बल मिलेगा। वे तरह-तरह के खेल पाएँगे। 
                                                                                     साभार - Image by upklyak on Freepik 
इस मैदान से विद्यालय के बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव होगा। वे अब खेल का मैदान मिलने से न तो केवल खुश होंगे, बल्कि ये मैदान उनके शारीरिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा। इसके अलावा, बच्चों की मनोदशा भी खुशहाल होगी।

संक्षिप्त में कहा जाए तो, इस उद्घाटन कार्यक्रम से सांसद निधि जी ने विद्यालय के बच्चों को बहुत सम्मानित किया और उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने में बहुत मदद की।

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