सोमवार, 17 जुलाई 2023

श्रवण अभ्यास (Listening practice) हेतु महत्त्वपूर्ण सामग्री

श्रवण कौशल हिंदी भाषा को सीखने में महत्वपूर्ण अंग है। यह छात्रों को हिंदी भाषा की ध्वनियों, शब्दों, वाक्यों और भाषा के नियमों को सही ढंग से सुनने और समझने में मदद मिलती है। इससे छात्रों को स्वर, व्यंजन, मात्राएँ, नवीन शब्दावली और उच्चारण के नियमों को समझने में सहायता मिलती है। श्रवण कौशल परीक्षा में निर्धारित पाठ्यक्रम पर आधारित विभिन्न इकाइयों और उप-इकाइयों पर आधारित मानक हिंदी भाषा में निर्देश, सूचनाएँ, उद्घोषणाएँ (announcements), बातचीत, साक्षात्कार आदि सुनाए जाते हैं। छात्रों से अपेक्षा होती है कि वे शब्दों गिनतियों, महीनों, दिनों के नाम, वाक्यांशों और विचारों आदि को सुनकर समझने का कौशल विकसित कर सकें। ऐसा करने से वे नई शब्दावली और सही उच्चारण की क्षमता को विकसित करते हैं। 

श्रवण अभ्यास के दौरान शिक्षकों को भी सही शब्दों का चयन, सामग्री के स्पष्टीकरण और भाषा के नियमों को सिखाने में मदद करता है। इससे शिक्षक छात्रों की सुनने की क्षमता को विकसित करके उन्हें भाषा के विभिन्न पहलुओं को समझने और सही प्रतिक्रिया करने की क्षमता प्रदान करते हैं। 
श्रवण कौशल का महत्व 

श्रवण भाषा के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। श्रवण का मतलब होता है सुनना या सुनने की क्रिया। यह एक महत्वपूर्ण संचार कौशल है जो हमें अपने समाज में संप्रदायों, समुदायों, परिवारों, दोस्तों और संबंधित लोगों के साथ संवाद करने की अनुमति देता है। श्रवण का महत्वपूर्ण भूमिका भाषा सीखने और संचार करने में होती है। जब हम सुनते हैं, तो हम भाषा के विभिन्न पहलुओं को समझते हैं, जैसे कि उच्चारण, वाक्य-रचना, व्याकरण नियम, शब्दावली आदि। यह हमें अन्य लोगों के विचारों, विचारधाराओं, अनुभवों और ज्ञान को समझने में मदद करता है। श्रवण माध्यम से हम अधिक सीखते हैं, अवधारणाएँ (concepts) और ज्ञान प्राप्त करते हैं। इसके माध्यम से हम विभिन्न प्रकार की सूचनाओं, संदेशों, कथाओं, विचारों, प्रेरणादायक बातचीतों आदि को समझते हैं। यह हमें सामाजिक संबंधों का निर्माण करने, नए विचारों और धारणाओं को स्वीकार करने, अभिभावकों, शिक्षकों, नेताओं और आदर्शों के साथ सीधे संवाद करने में मदद करता है। श्रवण का महत्वपूर्ण अंग होने के कारण ही, विभिन्न क्षेत्रों में सुनने का कौशल, जैसे कि संवाद, नेतृत्व, शिक्षण, व्यापार, साहित्य, संगीत, समाचार पत्रिका आदि, विकसित किया जाता है। इस प्रकार, श्रवण भाषा के महत्वपूर्ण पहलू है जो हमें समाज में संवाद करने और अधिक सीखने में मदद करता है। यह हमारे व्यक्तिगत (personal) और पेशेवर विकास (professional development) के लिए महत्वपूर्ण है।

श्रवण कौशल अभ्यास की कुछ महत्वपूर्ण सामग्री

यहाँ हम इंटरनेट पर उपलब्ध कुछ महत्वपूर्ण और स्तरीय श्रवण सामग्री की जानकारी साझा कर रहे हैं जिन्हें आप अपने अभ्यास में उपयोग कर सकते हैं।

साभार : बीबीसी न्यूज हिन्दी

बीबीसी हिंदी पॉडकास्ट एकऑनलाइन आवेदन है जो ब्रिटिश ब्राडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। इस पॉडकास्ट के माध्यम से हिंदी भाषा में विभिन्न विषयों पर चर्चाएं, साक्षात्कार और कथाएं प्रस्तुत की जाती हैं। यह पॉडकास्ट बीबीसी के पत्रकार और विशेषज्ञों की आवाज सुनाने का अवसर प्रदान करता है। यहाँ समाचार, साहित्य, संगीत, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर विचारों का प्रस्तुतिकरण मिलता है। इस पॉडकास्ट में अनुभवी पत्रकारों द्वारा तैयार की जाने वाली सामग्री श्रोताओं को नवीनतम समाचार, मनोरंजन, साहित्य, और विचारधारा से अवगत कराती है। इन्हें आप अपने स्मार्टफोन, कंप्यूटर या अन्य संचार उपकरणों के माध्यम से पॉडकास्ट सुन सकते हैं और खुद को नवीनतम ज्ञान के साथ अद्यतित रख सकते हैं। यह पॉडकास्ट आपको एक संवेदनशील और ज्ञानवर्धक सुनने का अनुभव प्रदान करता है। इनके कुछ महत्तवपूर्ण औडियो लिंक्स निम्नलिखित हैं

 
सौजन्य - नवभारत गोल्ड

यह एक ऑनलाइन पत्रिका है जो नवभारत टाइम्स द्वारा प्रकाशित की जाती है। जिसे पढ़ने के साथ साथ सुमधुर आवाज में सुनने का भी आनन्द ले सकते हैं। यह भारतीय समाचार, राजनीति, वित्त, बाजार, मनोरंजन, खेल, साहित्य, सामाजिक मुद्दों, और विचारधारा पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करती है। इसमें विश्वसनीय रिपोर्टिंग, व्यापक संगठनिक कवरेज, विशेष रिपोर्टेज, व्यापक साक्षात्कार, लेखकों के विचार और नवीनतम विचारधारा शामिल होती है। यह पत्रिका उच्चतम उपयोगिता, गुणवत्ता, और गहनता की प्रतीक है और विभिन्न शहरों में उपलब्ध है। जिसे आप हिंदी श्रावण कौशल अभ्यास में उपयोग कर सकते हैं। कुछ महत्वपूर्ण लिंक निम्नलिखित हैं। इसकी विशेषता यह है कि यहाँ आपको आडिओ एक्सटी के साथ टेक्स्ट भी मिल जाता है।

                                    सौजन्य-https://www.amarujala.com/podcast

यह 'अमर उजाला' नामक समाचार पत्र का ऑनलाइन पॉडकास्ट है। जहाँ से आप अपनी हिंदी में विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, व्यापार, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, शिक्षा, और अन्य विषयों पर खबरें, समाचार और विचारों पर ऑडिओ सुन सकते हैं। यह पत्रिका दिन भर की ताज़ा और गहराई से छानी गई खबरों का विस्तृत संग्रह प्रदान करती है और अपने पाठकों को देश और विदेश की महत्वपूर्ण घटनाओं से अवगत रखती है। यह एक Paid application है, जिसके इस्तेमाल के लिए आपको सदस्यता लेने का आग्रह किया जा सकता है। उनमें से कुछ महत्वपूर्ण विषयों को यहाँ साझा कर रहे हैं, जिन्हें आप अपने अभ्यास के लिए प्रयोग कर सकते हैं।


सौजन्य - पुलयाबाजी डॉट इन 

'पुलियाबाजी' एपल का एक हिंदी पॉडकास्ट है जो मनोरंजन, साहित्य, कला, संगीत, समाजशास्त्र, इतिहास, प्रौद्योगिकी और कई अन्य विषयों पर चर्चा करता है। इस पॉडकास्ट का मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज में मज़ेदार, उपयोगी और ज्ञानवर्धक सामग्री प्रदान करना है। इसके अच्छे अनुभव के लिए आपको एपल म्यूसिक की iTunes की सुविधा आपके सिस्टम में जरूरत पड़ सकती है। इसकी सदस्यता का आग्रह भी संभव है। इसका संचालन कुशल प्रवक्ता, लेखक, इतिहासवेत्ता और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ आदि की टीम के द्वारा किया जाता है। प्रत्येक धारावाहिक में, वे विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं और उनके प्रतिष्ठित मेहमानों को भी बुलाते हैं जो अपने विषय के बारे में अपने दृष्टिकोण साझा करते हैं। इस पॉडकास्ट का मुख्य लक्ष्य अपने श्रोताओं को ज्ञान, मनोरंजन और सूचना की एक अद्वितीय मिश्रण प्रदान करना है। पुलियाबाजी का अपना विशेष अंदाज़ है जो इसे दर्शकों के लिए अनूठा बनाता है। कुछ महत्वपूर्ण लिंक निम्नलिखित हैं। जिन्हें आप आसानी से download भी कर सकते हैं।

इसी तरह से आप आकाशवाणी, विविधभारती, गूगल पॉडकास्ट, Sportify गानाडॉटकॉम  आदि के और भी उपयोगी शिक्षण साहित्य से दो-चार होने के लिए आप हमें फॉलो करके जुड़े रहिए हमारे ब्लॉग से और यदि आप चाहे तो आप इस जानकारी को अपने मित्रों, सहयोगियों अथवा छात्रों में साझा कर सकते हैं। अपने महत्वपूर्ण और प्रतिक्रियाओं से हमें कृतार्थ करते रहने के लिए धन्यवाद।

शुक्रवार, 14 जुलाई 2023

साक्षात्कार : मानव विकास और प्राकृतिक आपदाओं का सह संबंध - जाने पर्यावरणविद् से...

पर्यावरणविद: नमस्ते! कैसे हैं आप?

विद्यार्थी : नमस्ते! मैं ठीक हूँ, धन्यवाद। आपसे मुलाकात करके खुशी हुई। जैसा कि आप जानते ही हैं कि हमारे देश मे लगातार विकास हो रहा है। लेकिन इसके साथ ही साथ भारत में लगातार प्राकृतिक आपदाओं दौर भी बढ़ रहा हैं। क्या आप इस बारे में आप हमें और अधिक मार्गदर्शन कर सकते हैं?

पर्यावरणविद: जरूर, इस विषय पर मेरे पास कुछ संदर्भ हैं। पहले ही से स्पष्ट कर दें कि प्राकृतिक आपदाएँ हमारे विकास की एक मात्र बाधा नहीं हैं, बल्कि यह कई कारकों के संयोजन का परिणाम (result of many factors) हैं। विकास योजनाओं का मानवीय प्रभाव एकमात्र उदाहरण है जिसमें हम सब देख पा रहे हैं।

विद्यार्थी: हाँ, इसलिए यह कहा जाता है कि मानव विकास योजनाएँ ही प्राकृतिक आपदाओं की प्रमुख कारण हैं। तो इनके अतिरिक्त क्या कुछ और भी कारण हैं? कृपया सविस्तार समझाएँ। 

पर्यावरणविद: सही कहा आपने। विकास योजनाएँ जिसमें मानवीय गतिविधियों का विस्तार होता है, उनके लिए जमीन, जल, और ऊर्जा जैसे संसाधनों की आवश्यकता होती है। इसके लिए अक्सर जंगलों का काटना, नदियों का बाँधना, खनन और औद्योगिकीकरण की व्यवस्थाएँ करनी पड़ती हैं। जिससे प्राकृतिक परस्थितिक तंत्र में बड़ा बदलाव हो जाता है जिससे ये बाढ़, भूस्खलन, बादल फटना, सूखा, अतिवृष्टि आदि आपदाएं पैदा हो सकती हैं। दिल्ली, मुंबई, असम, बिहार और उत्तराञ्चल आदि इसके सक्षात् उदाहरण हैं।   

विद्यार्थी : कृपया प्राकृतिक आपदाओं पर थोड़ा विस्तार से बताएं कि यह अन्य कारक क्या हो सकते हैं?

पर्यावरणविद: विकास योजनाएं जैसे कि नगरीकरण, औद्योगिकीकरण, और अर्थव्यवस्था की प्रगति के साथ, मानव भूमि के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग बढ़ता है। इसके परिणामस्वरूप, जंगलों का कटाव, जलस्रोतों का प्रदूषण, मिट्टी की उपजाऊता की कमी और बाढ़, भूकंप, और जलवायु परिवर्तन जैसी प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ती है। इसके अलावा, अवैध वनस्पति विकास, जलमार्ग निर्माण, और बांधों का निर्माण भी प्राकृतिक संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं। इन सभी कारकों के मिलने से प्राकृतिक आपदाएं और मानव के विकास के बीच एक संबंध स्थापित होता है।

विद्यार्थी: क्या आप हमें समझने के लिए कुछ उदाहरण दे सकते हैं?

पर्यावरणविद: जी हाँ, क्या नहीं? उदाहरण के रूप में लेते हैं देश के राजमार्गों (highways) का निर्माण कार्य ही देख लीजिए। इसके लिए रास्ते में आने वाले पहाड़ों और जंगलों का कटाव, जिससे जलवायु परिवर्तन और बाढ़ जैसे प्राकृतिक आपदाएँ इन क्षेत्रों में आम बात है। जंगलों के कटने से  मुख्य वनस्पति और जन-वनस्पतियों की विविधता के कमीं से जैव-विविधता और प्राकृतिक प्रक्रियाओं का संतुलन भंग होती है और आपदाएं घटने के बजाय बढ़ती हैं।

विद्यार्थी: जी बिलकुल, मैं यह समझ पा रहा है। क्या मानव जनसंख्या का भी आपदाओं से कोई रिश्ता है?

पर्यावरणविद: बेशक! हमारी जनसंख्या वृद्धि तो विकासी योजनाओं के साथ-साथ आपदाओं की महत्वपूर्ण कारक है। बढ़ती जनसंख्या के साथ आवास, पोषण, ऊर्जा और संसाधनों की मांग (demand) भी बढ़ती है, जिसके लिए विकास की योजनाएँ और व्यवस्थाएँ बदलनी पड़ती हैं। इसके परिणामस्वरूप, अतिरिक्त दबाव पड़ता है जो प्राकृतिक संसाधनों का आवश्यकता से अधिक दोहन होने से और अधिक संकटों का कारण बनने के लिए मानवों को मजबूर करता है।

विद्यार्थी : यह बहुत रोचक है। धन्यवाद इतनी स्पष्ट जानकारी देने के लिए। यह समझने में मेरे लिए बहुत मददगार था।

पर्यावरणविद: आपका स्वागत है। मुझे खुशी हुई कि मैं आपके सवालों का समाधान कर सका। क्या मैं आपकी किसी और प्रश्न में मदद कर सकता हूँ?

विद्यार्थी : नहीं, धन्यवाद। यह बहुत सहायक रहा है।

पर्यावरणविद: मुझे खुशी हो रही है। यदि आपको और कोई प्रश्न हो तो कृपया मुझसे पूछें।

विद्यार्थी : जरूर, धन्यवाद। अलविदा!

पर्यावरणविद: अलविदा! ध्यान रखें और पर्यावरण की सुरक्षा में अपना योगदान देते रहें।

(नोट: यह काल्पनिक साक्षात्कार है, जिसका उद्देश्य  विद्यार्थी व शिक्षकों हेतु सहायक सामग्री तक सीमित है। इसका  किसी घटना, व्यक्ति अथवा स्थान से संबंध केवल संयोग मात्र है। )

अन्य अध्ययन सामग्री - 

गुरुवार, 13 जुलाई 2023

लेखन विधाएँ (Writing formats)

छात्रों को निम्नलिखित लेखन विधाओं का अभ्यास करना अपेक्षित है - 

क) लेखन विधाएँ

  1. पत्र लेखन : (अनौपचारिक, औपचारिक और कार्यालयीन (व्यावसायिक) पत्र) 
  2. ई-मेल : (अनौपचारिक, औपचारिक और कार्यालयीन (व्यावसायिक) पत्र)
  3. अनुच्छेद: (विषय केंद्रित सरल, मिश्र और संयुक्त वाक्यों का अभ्यास) 
  4. निबंध : (वर्णनात्मक, विवरणात्मक, भावनात्मक और आलोचनात्मक/साहित्यिक)  
  5. संवाद : (नाटक, फिल्म, रेडियो वार्ता, साक्षात्कार आदि में प्रयुक्त) 
  6. साक्षात्कार : (लेखक, नेता, अभिनेता, खिलाड़ी, व्यवसायी, चिकित्सक वैज्ञानिक आदि) 
  7. भाषण : विभिन्न समसामयिक विषयों पर मौलिक व लिखित अभिव्यक्ति
  8. वाद-विवाद : तथ्यात्मक जानकारी के साथ अपनी मौखिक क्षमता का विकास।
  9. सूचना लेखन 
  10. टिप्पणी ; (नोटिंग/नोट लेखन) ;  
  11. समीक्षा ; (पुस्तक, फिल्म, रेस्तरां, उत्पाद अथवा सेवाएँ आदि पर)
  12. ब्लॉग लेखन ; (चिट्ठाकारी)
  13. लेख लेखन (आर्टिकल) 
  14. दैनंदिनी (डायरी)
  15. यात्रा वृत्तांत (ट्रवेलॉग)
  16. प्रतिवेदन : (रिपोर्ट लेखन)
  17. सार-लेखन : (एक तिहाई सार)
  18. प्रचार सामग्री : विवरणिका, विवरणी और विवरण पत्र / प्रचार-पुस्तिका एवं विज्ञापन  

शुक्रवार, 7 जुलाई 2023

मोबाइल का उपयोग और बच्चों पर उसका प्रभाव

गेम खेलने के लिए मोबाइल फोन का उपयोग और एप्स का उपयोग बच्चों को पर्याप्त मात्रा में मनोरंजन प्रदान कर सकते हैं, मोबाइल उपकरणों के अत्यधिक उपयोग से उनके शारीरिक और मनोवैज्ञानिक विकास पर प्रभाव पड़ सकता है।

                                                                                          स्रोत-कश्मीर ओब्सर्वर

जब बच्चे लकड़ी और मिट्टी के खिलौनों से खेलते हैं तो उन्हें अपने हाथों, आंखों, दिमाग और शरीर का कई तरह से इस्तेमाल करना पड़ता है। यह उन्हें फेंकने, पकड़ने, धक्का देने और खींचने जैसे कौशल विकसित करने में मदद करता है, जो उनके सकल मोटर कौशल के विकास को बढ़ावा देता है। इसके अतिरिक्त, जब बच्चे अपने हमउम्र साथियों के साथ खेलते हैं, तो उन्हें साझा अनुभवों और अंतः क्रियाओं के माध्यम से सामाजिक और भावनात्मक विकास के अवसर मिलते हैं।

दूसरी ओर, मोबाइल उपकरणों पर खेलना बच्चों की शारीरिक गतिविधियों को सीमित कर सकता है और उन्हें अधिक गतिहीन बना सकता है। इसके अलावा, यह उनके मस्तिष्क के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है क्योंकि उनके मस्तिष्क को उतनी उत्तेजना नहीं मिलती जितनी कि भौतिक खिलौनों के साथ खेलने पर मिलती है। अत्यधिक स्क्रीन टाइम ध्यान देने की समस्या पैदा कर सकता है और लंबे समय में बौद्धिक विकास को प्रभावित कर सकता है।

उदाहरण के लिए, यदि कोई बच्चा बाहर या भौतिक खिलौनों के साथ खेलने के बजाय अपने मोबाइल डिवाइस पर वीडियो गेम खेलने में घंटों बिताता है, तो उसके पास कमजोर सकल मोटर कौशल, खराब आंखों-हाथ का समन्वय हो सकता है, और विभिन्न भौतिक वातावरणों को अपनाने में कठिनाई हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अत्यधिक स्क्रीन टाइम का उनके सामाजिक कौशल, संचार और भाषा के विकास पर भी प्रभाव पड़ सकता है।

अंत में, जबकि मोबाइल उपकरण बच्चों के लिए मनोरंजन का एक स्रोत हो सकते हैं, माता-पिता को उन्हें अपने शारीरिक और मनोवैज्ञानिक विकास को बढ़ावा देने के लिए लकड़ी और मिट्टी के खिलौनों के साथ खेलने सहित विभिन्न प्रकार की शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।


प्रसिद्ध विभूतियाँ : समाज के पथ-प्रदर्शक

किसी ने ठीक ही कहा है कि संसार का इतिहास कभी भी वीरों से खाली नहीं रहा है। कोई न कोई प्रत्येक काल में अपनी बुद्धि, प्रतिभा, नेकनीयती, विचार अथवा शौर्य का लोहा मनवाता रहा है। ऐसे कुछ लोग अपनी इन्हीं योग्यताओं के बल पर समाज के नेता, योद्धा एवं धार्मिक या सामाजिक प्रवर्तक बने। उनके सहारे समाज में कई बदलाव आए। कुछ ने आजादी दिलाई, भटके लोगों को ईश्वर की राह दिखाई तो कुछ ने वैज्ञानिक अथवा साहित्यिक नई रीति चलाई। ऐसे ही महान व्यक्तित्व हमारे लिए 'विभूतियों' के रूप में जाने जाते हैं।      

                                                                 स्रोत: Pinterest

शब्द "विभूति" संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है "महान व्यक्ति" या "प्रतिष्ठित व्यक्ति"।

विभूतियाँ ऐसे व्यक्तित्व को कहते हैं जिनका प्रभाव और योगदान सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक या ऐतिहासिक मान्यताओं अथवा परिवर्तनों में महत्वपूर्ण होता है। हो सकते हैं कि उन्होंने अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता दिखलाई हो या महत्वपूर्ण सामरिक या सामाजिक आंदोलनों में सहभाग लिया हो। विभूतियाँ वैज्ञानिक, लेखक, कलाकार, नेता, धर्मगुरु, महान सामाजिक क्रांतिकारी, वीरगाथा के नायक और ऐतिहासिक नेताओं को शामिल कर सकती हैं। वे व्यक्तित्व होते हैं जिनकी खुद की अलौकिकता, करिश्मा और प्रभावशाली प्रतिभा उन्हें दुनिया भर में मशहूर और प्रसिद्ध करती है।

दुनिया में कई प्रसिद्ध व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने अपनी अद्भुत प्रभावशाली प्रतिभा और योगदान के कारण मान्यता प्राप्त की है। यहाँ कुछ प्रमुख प्रसिद्ध व्यक्तित्वों का उल्लेख किया गया है:

  1. महात्मा गांधी: भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और अधिकारियों के महात्मा के रूप में जाने जाने वाले मोहनदास करमचंद गांधी को दुनिया भर में शांति, अहिंसा और सत्य के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
  2. विलियम शेक्सपियर: एक मशहूर अंग्रेज़ी नाटककार, कवि और लेखक, विलियम शेक्सपियर ने अपनी साहित्यिक योगदान से विश्व साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। उनकी प्रसिद्ध नाटकों में "हैमलेट," "रोमियो और जूलिएट," और "मैकबेथ" शामिल हैं।
  3. एल्बर्ट आइंस्टीन: एक प्रमुख भौतिक विज्ञानी, एल्बर्ट आइंस्टीन को उनके सापेक्षता सिद्धांत और विश्वस्तरीय सापेक्षता के सिद्धांत के लिए पहचाना जाता है। उन्होंने ईन्स्टीनियन भौतिकी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  4. मैडम क्यूरी: मारी क्यूरी एक प्रमुख वैज्ञानिक थीं और वे पहली महिला हैं जिन्होंने नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया। उन्होंने रेडियोएक्टिविटी की खोज की और रेडियोथेरेपी के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया।
  5. नेलसन मंडेला: दक्षिण अफ्रीका के प्रमुख नेता और आदिवासी मुक्ति आंदोलन के प्रमुख, नेलसन मंडेला को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आदार्शवादी, लोकतांत्रिकता, और समानता के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त है। उन्होंने अपार योगदान देकर अपार्थेयदंड को समाप्त करने में मदद की।
  6. रवींद्रनाथ टैगोर: रवींद्रनाथ टैगोर एक मशहूर भारतीय कवि, लेखक, और फिलॉसफर थे। उन्हें गीतांजलि के लिए 1913 में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया। उनकी कविताओं और नाटकों में उनकी शानदार कला, साहित्यिक दर्शन और विचारधारा व्यक्त होती है।
  7. जवाहरलाल नेहरू: जवाहरलाल नेहरू भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्रपति, और पहले प्रधानमंत्री थे। वे भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे और पूरे देश के विकास, शिक्षा, और आर्थिक प्रगति के लिए कार्य किया।
  8. सरोजिनी नायडू: सरोजिनी नायडू भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, कविता और समाजसेवी थीं। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से लोगों को प्रभावित किया और महिला अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष भी बनाया गया।
  9. अपजय चांद्र चौधरी: अपजय चांद्र चौधरी एक प्रमुख भारतीय वैज्ञानिक और गणितज्ञ थे। उन्होंने भारतीय गणितीय राष्ट्रीय मेडल (Indian National Science Medal) जैसे सम्मानित पुरस्कार जीते और गणित शिक्षा को प्रोत्साहित किया।
  10. मदर टेरेसा: वे एक महान विभूति थीं जिन्होंने अपने सेवाभाव, दया और गरीबों के प्रति प्यार के लिए प्रसिद्धता प्राप्त की। उन्होंने कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) में मिशनरी ऑफ चैरिटी (Missionaries of Charity) स्थापित की थी, जहां उन्होंने गरीब, असहाय और अस्पतालों में छोड़े गए बच्चों की सेवा की।

ये केवल कुछ उदाहरण हैं और दुनिया में और भी अनेक प्रसिद्ध व्यक्तित्व हैं जिन्होंने अपनी खुद की श्रेष्ठता और प्रभावशाली कार्यों के कारण पहचान प्राप्त की है। भारतीय इतिहास में भी अनेक प्रमुख व्यक्तियाँ हैं जिन्होंने अपनी योगदान दिए हैं और देश और समाज के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

प्रसिद्ध विभूतियों का महत्त्व विभिन्न कारणों से होता है:

  1. प्रेरणा का स्रोत: प्रसिद्ध विभूतियाँ हमें प्रेरित करती हैं और हमारी जिंदगी में आदर्शों के साथ रहती हैं। उनके कार्य और योगदान हमें संघर्ष करने, समाधान ढूंढने, साहसिकता दिखाने और सामरिक अवसरों से निपटने की प्रेरणा प्रदान करते हैं।
  2. ऐतिहासिक महत्व: प्रसिद्ध विभूतियों के कार्य और योगदान ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण होते हैं। उनके माध्यम से हम अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को समझते हैं और उनकी महत्त्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानते हैं।
  3. विश्वसामरिकता: प्रसिद्ध व्यक्तित्व भाषा, साहित्य, विज्ञान, कला, राजनीति, धर्म आदि के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण हैं। उनका कार्य और योगदान सीमापार करके समस्त मानवीय समुदाय को प्रभावित करता है और हमें विश्वसामरिकता की दृष्टि से उनके बारे में जानने की आवश्यकता होती है।
  4. शिक्षा और संशोधन: प्रसिद्ध विभूतियों की जीवनी और योगदान शिक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण स्रोत होते हैं। उनके अनुभव, विचार और अद्भुत कार्य हमें नई विचारधारा, विज्ञान, प्रगति, साहित्य और विचार की गहराई को समझने में मदद करते हैं।
  5. अदालतीकरण और सामरिक अवसर: प्रसिद्ध विभूतियाँ समाज में न्याय और समानता के लिए लड़ने के उदाहरण प्रदान करती हैं। उनकी कठोरता, साहस, और समर्पण हमें अपार्थेयदंड के खिलाफ लड़ने और समर्पित होने के लिए प्रेरित करते हैं।

इसलिए, हमें प्रसिद्ध विभूतियों के बारे में पढ़ने की जरूरत होती है ताकि हम उनके अद्भुत योगदान को समझ सकें, उनसे प्रेरणा ले सकें, ऐतिहासिक महत्त्व को समझ सकें, और अपनी व्यक्तिगत और सामाजिक विकास को संवार सकें।


सहायक सामग्री : -

  1. विश्व की महान विभूतियाँ : लेखन -सीताराम शर्मा आचार्य, पीडीएफ़
  2. विश्व की महान नारियाँ : भाग 1 व 2 पीडीएफ़ पुस्तक
  3. विज्ञान उपवन के महकते पुष्प 

आहार विचार : हम क्या खा रहे हैं और हमें क्या खाना चाहिए?

स्वागत हैं, आपका हमारे स्वास्थ्य संबंधी नए ब्लॉग - 'आहार विचार: हम क्या खा रहे हैं और हमें क्या खाना चाहिए?' आज की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में हम इतने व्यस्त रहते हैं कि अकसर खाने के लिए हमारे पास समय ही नहीं बचाता है। इसी व्यस्तता के चलते अब घरों में भोजन बनाने का चलन भी धीरे-धीरे बदलता जा रहा है। या तो किसी नौकर-नौकरानी के हाथों का भोजन करते हैं या अपने पसंदीदा (favorite) रेस्तराँ का, उसे भी ऑनलाइन पहुँचाने वाली कंपनियों की मदद से मँगवाते हैं। अतः हम कह सकते हैं कि खाद्य-पदार्थों के चुनाव में हम तेज़ (fast) और गुणात्मक (quantitative) प्रक्रिया अपनाने लगे हैं, लेकिन विचारणीय यह है कि क्या हम वास्तव में हम एक स्वास्थ्य और संतुलित आहार खा रहे हैं? आपको जानकार हैरानी होगी कि हममें से अधिकतर लोग जाने अनजाने में कहीं न कहीं, अपने चहेते फास्टफूड / जंकफूड की आड़ में "कचरा" खा रहे हैं। जी हाँ, कचरा!

इस ब्लॉग में हम स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर विचार करेंगे और जानेंगे कि कैसे हम अपने आहार को स्वस्थ और पोषण पूर्ण कैसे बना सकते हैं? हम बात करेंगे खाद्य पदार्थों के गुणों, प्रकारों और उनके प्रभावों के बारे में, साथ ही इस बात पर भी ध्यान देंगे कि विभिन्न खाद्य पदार्थों का सांप्रदायिक (communal) और सांस्कृतिक (cultural) प्रभाव (effect) क्या होता है।

हम यहाँ आपको आपकी सेहत को बढ़ावा देने वाली सलाह, संग्रहीत और नवीनतम जानकारी, स्वस्थ रेसिपीज़, और साझा करने के लिए उपयोगी टिप्स प्रदान करेंगे। हम सभी को स्वस्थ जीवनशैली की ओर बढ़ने आग्रह करते हैं और साथ में स्वस्थ रहने के लिए आपके लिए सही आहार का हमारे शरीर और स्वास्थ्य पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है।

हम क्या खा रहे हैं?

हमारा आहार विचार हमें स्वस्थ और तंदुरुस्त बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आधुनिक जीवनशैली और खाद्य विकल्पों की उपलब्ध विविधता के कारण, हमें कई बार अपने आहार के बारे में संदेह होते हैं। आखिर विचार कर देखिए कि हम खा क्या रहे हैं? 

हम वर्तमान में आम तौर पर खाए जाने वाले आहार के बारे में समझने का प्रयास करें तो हम जानेंगे कि हम अलस में हमारे भोजन, नाश्ता और पेय के खाद्य पदार्थों में विदेशी स्नैक्स जैसे - पिज़्ज़ा, बर्गर, नूडल्स, पास्ता, फ्रेंच-फ्राइज़, और चाउमीन आदि। प्रोसेस्ड एवं डिब्बाबंद (packed) खाद्य पदार्थों में बिस्कुट, चिप्स और नमकीन आदि। युवाओं में प्रचलित चाय, कॉफी कफ़ेचीनो, शेक, कॉकटेल-मॉकटेल और बोतलबंद कार्बोनेटेड ड्रिंक्स आदि के साथ ही धूम्रपान, मदिरा जैसे नशीले पदार्थों का भी सेवन आम है। क्या आप जानते हैं कि ये आहार हमारे स्वास्थ्य के लिए कितने उपयोगी या हानिकारक हैं?

दरअसल ये सब हमारे स्वास्थ्य के लिए पूर्णतः अस्वास्थ्यकर (unhealthy) हैं। इनमें अधिकतर अप्राकृतिक तत्व, खतरनाक रासायनिक तत्व, उच्च तेल, अतिरिक्त शर्करा (aided sugar), अधिक नमक (salt) और प्रसंस्कृत अणुबंधन (processed binding material) की मात्रा पर आधारित होती है। जिससे अपच (indigestion), मोटापा (obesity), मधुमेह (diabetes), हृदय रोग (heart disease), अनिद्रा (insomnia), मानसिक रोग (mental illness), कर्क रोग (cancer) और अन्य चिकित्सकीय समस्याएँ (medical problems) की संभावना लगातार बढ़ रही है।

हमें क्या खाना चाहिए?

हमारे आहार का हमारे शरीर और स्वास्थ्य पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। अतः हमें सोचना चाहिए कि कौन से आहार और पेय हमें स्वस्थ और संतुलित रखने में मदद कर सकते हैं। मौसम के ताजे फल और सब्जियों, पूर्ण संतुलित अनाज, प्रोटीन, फ़ाइबर, हेल्दी तेल और पर्याप्त मात्र में पानी का हमारे दैनिक आहार में होना आवश्यक है। इसके अलावा, यदि आवश्यकता पड़े तो स्वस्थ बने रहें के लिए हम अपने आहार में आवश्यकतानुसार कुछ सूपरफ़ूड्स, प्री और प्रोबायोटिक्स के साथ  विटामिन और मिनरल पदार्थ शामिल कर सकते हैं।  

स्वस्थ आहार का चुनाव कैसे करें? 

आज का बाज़ार तो आकर्षक उत्पादों और मोहक विज्ञापनों से भरा पड़ा है। जिसमें हम जैसे ग्राहक लुभावने ऑफ़र्स के चक्कर में अनावश्यक छीजे खरीद लाते हैं। हमें स्वस्थ आहार और संतुलित भोजन के लिए थोड़ा मितव्ययी और चूजी बनने की जरूरत है। इसके साथ ही, हमें अपनी पाचन शक्ति के अनुसार अपनी खरीदारी के दौरान स्वस्थ आहार की पहचान कर खरीदने होंगे। स्वास्थ्य के लिए, निम्नलिखित चीजों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है जब हम आहार का चयन करते हैं:

  1. पूरे अन्न (Whole grains): अपने भोजन में सबूत अन्न शामिल करें जैसे गेहूं, चावल, जौ, बाजरा, आदि। ये अन्न अधिक फाइबर, प्रोटीन और विटामिन बी का अच्छा स्रोत होते हैं।
  2. सब्जियाँ और फल: विभिन्न प्रकार की ताजी और मौसमी सब्जियों और फलों को अपने भोजन में शामिल करने चाहिए । जिससे हमें उचित मात्र में विटामिन, मिनरल और फाइबर प्राप्त हो सके।
  3. हरे पत्तेदार शाक (Leafy Vegetable) : हरे पत्ते जैसे पालक (spinach), मेथी, चौलाई (Amaranth) आदि को भी शामिल करें। ये पौधे विटामिन, मिनरल, और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
  4. प्रोटीन: हमें मांस, मछली, अंडे, दही, दाल, अखरोट, और तोफू जैसे प्रोटीन स्रोत वाले पदार्थ लेने चहिए। जिससे हमारे शरीर की मांसपेशियाँ मजबूत और स्वस्थ बनाने में मदद मिले।
  5. पौष्टिक तेल: तेल का चयन करते समय सत्यापित करें कि आप स्वस्थ तेल जैसे जैतून तेल, नारियल तेल, और तिल का तेल का उपयोग कर रहे हैं। इनमें अधिकतर मोनोयनसेचुरेटेड और पोलियनसेचुरेटेड फैट्स पाए जाते हैं, जो स्वस्थ होते हैं।
  6. घी (Ghee): शुद्ध देसी घी भारतीय रसोई में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। जिसे उच्च तापमान पर पकाने के कारण और अपने औषधीय गुणों के कारण प्रसिद्ध है। यह शरीर को ऊर्जा देता है, स्वास्थ्यप्रद है, रोगप्रतिकारक क्षमता और पाचन तंत्र को समृद्ध रखता है।
  7. मसाले (Spices): भारतीय मसाले हमारे खाने को स्वादिष्ट और आकर्षक बनाने के साथ ही स्वास्थ्यवर्धक भी बनाते हैं। हमारी हल्दी, जीरा, हिंग, धनिया, मिर्च... आदि सभी अपने स्वाद, रंग, सुगंध के साथ औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इनका संयमित उपयोग सदैव लाभकारी रहा है। 
  8. शुद्ध पानी: पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पानी पीएं, क्योंकि यह आपके शरीर के लिए आवश्यक है और आपको भोजन को पचाने में मदद करता है। यह ऊर्जा स्तर को बढ़ाने, पाचन को सुधारने, और  विषाणुओं को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।
  9. वजन पर नियंत्रण: वजन पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए अतिरिक्त शक्ति संक्रमण से बचने के लिए मनोरंजक खाद्य पदार्थों की बजाय स्वस्थ और संतुलित भोजन चुनें।                  
    इन सामग्रियों को स्वस्थ भोजन के रूप में शामिल करने का प्रयास करें और बाजार में खरीदारी के समय पैकेटेड और प्रक्रामित खाद्य पदार्थों (processed foods) की जगह उपायुक्त आहार को चुनें। इसके अलावा, संतुलित और नियमित भोजन, उचित निद्रा, व्यायाम और स्ट्रेस को कम करने के लिए संतुलित जीवनशैली भी महत्वपूर्ण हैं। किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या है या आप व्यक्तिगत पोषण की आवश्यकताओं को ध्यान में रखना चाहते हैं, तो एक पौष्टिक आहार योजना तैयार करें और इसे संयोजित करने के लिए एक पोषण विशेषज्ञ की सलाह लेना भी सर्वोत्तम होगा। आप स्वस्थ रहें, सुखी रहें, यही कामना है। 

    मंगलवार, 4 जुलाई 2023

    ताजमहल - एक ऐतिहासिक स्थल की यात्रा

    प्रिय पाठकों, आइये, आज हम एक ऐसी यात्रा पर चलें जहाँ समय थम सा जाता है, जहाँ प्रेम सदियों से परे है, और जहाँ वास्तुकला की भव्यता मार्मिक इतिहास के साथ सहजता की मिश्री घोलती है। दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित और दर्शनीय ऐतिहासिक धरोधरों में से एक, 'ताजमहल की यात्रा' में आपका स्वागत है। भारत के पुश्तैनी शहरों में से एक शहर आगरा, जहाँ यमुना नदी के पावन तट पर स्थित, यह यूनेस्को विश्व-धरोहर स्थल दुनिया के सभी कोनों से सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह स्थान किसी अन्य ऐतिहासिक स्थल की तरह एक आकर्षक अनुभव का वादा करता है।

                                                                                                    सौजन्य : न्यूज़ 18 

    यह एक ऐसी जगह है, जहाँ इतिहास, प्रेम और वास्तुशिल्प प्रतिभा की त्रिवेणी बहती है। ताज महल इंतजार कर रहा है, हम जैसे प्रत्येक के लिए अपनी चिरस्थायी सुंदरता और गहन महत्व को प्रकट करने के लिए, जो हमारे दिल और दिमाग पर हमेशा के लिए एक अमिट छाप छोड़ जाएगा। ताज महल शाश्वत प्रेम का प्रतीक और मानव रचनात्मकता की शक्ति का स्थायी प्रमाण है। 17वीं शताब्दी में मुगल बादशाह शाहजहाँ द्वारा अपनी प्रिय पत्नी मुमताज महल के मकबरे के रूप में निर्मित, इस वास्तुशिल्प चमत्कार ने सदियों से दिल और दिमाग को मोहित किया है। आज, यह प्रेम, समर्पण और मानव हाथों द्वारा तैयार की जा सकने वाली उल्लेखनीय सुंदरता का एक विस्मयकारी प्रतीक के रूप में खड़ा है।

                                                                                                                सौजन्य : Youtube

    प्रेम के प्रतीक के रूप में अपनी स्थिति से परे, ताज महल ऐतिहासिक महत्व का खजाना है। यह मुगल साम्राज्य की भव्यता की झलक पेश करता है, उनकी कलात्मक निपुणता, वास्तुशिल्प प्रतिभा और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है। जटिल नक्काशी से सजे इसके उत्कृष्ट संगमरमर के मुखौटे से लेकर सावधानीपूर्वक तैयार किए गए बगीचों और सममित लेआउट तक, ताज महल का हर पहलू एक कहानी कहता है, जो बीते युग की विरासत को संरक्षित करता है।

    एक मनोरम यात्रा में हमारे साथ शामिल हों क्योंकि हम ताज महल का पता लगा रहे हैं, किंवदंतियों, मिथकों और छिपे हुए रत्नों को उजागर कर रहे हैं जो इस असाधारण स्मारक को दुनिया का एक स्थायी आश्चर्य बनाते हैं। हम मनोरम इतिहास में गहराई से उतरेंगे, इसके निर्माण के पीछे के रहस्यों को उजागर करेंगे, और खुद को उन आकर्षक कहानियों में डुबो देंगे जिन्होंने खुद को इस वास्तुशिल्प उत्कृष्ट कृति के ताने-बाने में बुना है।

    चाहे आप इतिहास के शौकीन हों, वास्तुशिल्प प्रतिभा के उत्साही प्रशंसक हों, या बस एक परिवर्तनकारी यात्रा अनुभव की तलाश में हों, ताज महल आपकी आत्मा पर एक अमिट छाप छोड़ने का वादा करता है। इस राजसी स्मारक को घेरने वाली अलौकिक सुंदरता, मंत्रमुग्ध कर देने वाली समरूपता और कालातीतता की हवा में बह जाने के लिए तैयार हो जाइए।

    तो, अपने बैग पैक करें, पवित्र मैदानों पर अपने पैरों के निशान छोड़ें, और एक आभासी यात्रा पर निकल पड़ें क्योंकि हम ताज महल की महिमा को उजागर करते हैं, जो प्रेम और इतिहास का एक प्रतीक है जो हम सभी को प्रेरित और मोहित करता रहता है। आइए हम मिलकर इस विश्व आश्चर्य की स्थायी भव्यता का पता लगाएं, जो हमारे दिलों में हमेशा के लिए अंकित होने के लिए तैयार है।

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