शुक्रवार, 21 नवंबर 2025

Monologue : एकल / एकपात्री संवाद प्रस्तुति

मोनोलॉग लेखन - IGCSE और IBDP हिंदी के लिए संपूर्ण मार्गदर्शिका
मोनोलॉग लेखन

🎭 मोनोलॉग लेखन
संपूर्ण मार्गदर्शिका

IGCSE और IBDP हिंदी छात्रों के लिए विशेष

मोनोलॉग क्या है?

मोनोलॉग एक व्यक्ति का एकालाप या स्वगत कथन है जिसमें वह अपने विचार, भावनाएं और अनुभव व्यक्त करता है। यह एक ऐसी विधा है जिसमें आप किसी पात्र की आंतरिक दुनिया को शब्दों में प्रस्तुत करते हैं।

कैंब्रिज की माने तो - "किसी अकेले व्यक्ति का कोई लंबा स्वगत भाषण, या एकपात्री नाटक, कोई नैरेटर वाली फिल्म अथवा पॉडकास्ट..जिसमें एकालाप हो आदि को, मोनोलॉग कहा जाता है।

मोनोलॉग के प्रमुख तत्व

1. पात्र का चयन

  • स्पष्ट और रोचक व्यक्तित्व वाला पात्र चुनें
  • पात्र की उम्र, पृष्ठभूमि और स्थिति को ध्यान में रखें
  • पात्र के बोलने का तरीका उसके व्यक्तित्व से मेल खाना चाहिए

2. संदर्भ (Context)

  • पात्र कहाँ है और क्यों बोल रहा है?
  • समय और स्थान का स्पष्ट संकेत दें
  • परिस्थिति को प्रारंभ में स्पष्ट करें

3. भावनात्मक गहराई

  • पात्र की सच्ची भावनाओं को व्यक्त करें
  • द्वंद्व और तनाव को दिखाएं
  • भावनाओं में बदलाव लाएं

कदम-दर-कदम लेखन प्रक्रिया

  1. विषय चुनें: ऐसा विषय जिसके बारे में आपको भावनात्मक जुड़ाव हो
  2. पात्र विकसित करें: पात्र की पृष्ठभूमि, स्वभाव और प्रेरणा तय करें
  3. प्रारूप बनाएं: शुरुआत, मध्य और अंत की योजना बनाएं
  4. प्रारंभिक मसौदा: बिना रुके लिखें, बाद में संपादित करें
  5. संशोधन: भाषा, व्याकरण और प्रवाह को सुधारें

📚 उदाहरण देखें

उदाहरण 1: परीक्षा से पहले का तनाव
परिस्थिति: एक छात्र रात में अपने कमरे में परीक्षा से पहले
"कल गणित की परीक्षा है... और मैं यहाँ बैठा हूँ, किताबें खुली पड़ी हैं, पर कुछ भी समझ नहीं आ रहा। मां ने कहा था, 'बेटा, समय पर पढ़ाई करो।' पर मैंने सोचा, अभी तो बहुत समय है। अब वह 'बहुत समय' सिर्फ एक रात रह गया है। मेरा दिल तेज़ी से धड़क रहा है। क्या होगा अगर मैं फेल हो गया? पापा की उम्मीदें, मां की दुआएं... सब बेकार? नहीं! मैं हार नहीं मानूंगा। अब भी समय है। जितना पढ़ सकता हूँ, पढ़ूंगा। कम से कम कोशिश तो पूरी करूंगा। हां, यही सही है। एक-एक अध्याय... एक-एक सवाल... मैं कर सकता हूँ।"
उदाहरण 2: दोस्ती टूटने का दर्द
परिस्थिति: एक किशोर अपने पुराने दोस्त को याद करते हुए
"आज फिर स्कूल में उससे नज़रें मिलीं... और फिर वही बात, दोनों ने मुंह फेर लिया। कभी सोचा नहीं था कि हम दोनों के बीच ऐसा भी दिन आएगा। बचपन के वो सारे वादे, 'हम हमेशा साथ रहेंगे', 'कभी लड़ेंगे नहीं'... सब झूठ निकले। पर क्या वाकई मेरी ही गलती थी? उसने भी तो मेरी बात नहीं सुनी। पर शायद... शायद मुझे ज्यादा समझदारी दिखानी चाहिए थी। एक छोटी सी बात, एक छोटा सा झगड़ा... और सालों की दोस्ती खत्म? क्या यह सही है? काश मैं उससे बात कर पाता। काश मैं कह पाता, 'यार, माफ कर दे।' पर अहंकार... यह अहंकार सब कुछ बर्बाद कर देता है।"
💡 महत्वपूर्ण सुझाव:
  • सरल और स्पष्ट भाषा का प्रयोग करें
  • छोटे-छोटे वाक्यों का उपयोग करें
  • अनावश्यक विवरण से बचें
  • पात्र की आवाज़ को प्रामाणिक बनाएं
  • शब्द सीमा: 150-250 शब्द

उन्नत मोनोलॉग लेखन

IBDP स्तर पर मोनोलॉग में गहन विश्लेषण, जटिल भावनाएं और साहित्यिक तकनीकों का समावेश अपेक्षित है। यह केवल विचारों की अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि कला का एक रूप है।

उन्नत तकनीकें

1. आंतरिक द्वंद्व (Internal Conflict)

  • पात्र के मन में चलने वाली दो विरोधी धाराओं को प्रस्तुत करें
  • नैतिक दुविधाओं को उजागर करें
  • विरोधाभासी भावनाओं का चित्रण करें

2. प्रतीकात्मकता (Symbolism)

  • गहरे अर्थों के लिए प्रतीकों का प्रयोग करें
  • रूपकों और उपमाओं से भाषा को समृद्ध बनाएं
  • सूक्ष्म संकेतों के माध्यम से विषय को प्रस्तुत करें

3. वर्णनात्मक भाषा

  • संवेदी विवरण (दृश्य, श्रव्य, स्पर्श, गंध, स्वाद)
  • अलंकारों का सटीक प्रयोग
  • लयबद्धता और काव्यात्मकता

4. समय और गति का नियंत्रण

  • फ्लैशबैक तकनीक का उपयोग
  • विचारों की धारा (Stream of Consciousness)
  • तीव्र और धीमी गति का संतुलन

विषय-वस्तु की गहराई

  • सामाजिक मुद्दे: जाति, लिंग, वर्ग, भेदभाव
  • मनोवैज्ञानिक विषय: अलगाव, पहचान संकट, अस्तित्ववाद
  • दार्शनिक प्रश्न: जीवन का उद्देश्य, नैतिकता, सत्य
  • सांस्कृतिक पहलू: परंपरा बनाम आधुनिकता, प्रवास, बहुसांस्कृतिकता

📚 उन्नत उदाहरण देखें

उदाहरण 1: प्रवासी की पीड़ा
परिस्थिति: शहर में सफल होने के बावजूद जड़ों से कटा हुआ व्यक्ति
"खिड़की से बाहर देखता हूँ... गगनचुंबी इमारतें, चमकती रोशनियाँ, भागती हुई गाड़ियाँ। यह शहर सपनों का है, कहते हैं। पर मेरे सपने तो वहीं छूट गए, उस छोटे से गाँव में, जहाँ माटी की सोंधी खुशबू थी, जहाँ आसमान सितारों से भरा था, जहाँ हर चेहरा जाना-पहचाना था। यहाँ मैं सफल हूँ... कागजों पर। बैंक बैलेंस बढ़ता जा रहा है, पर दिल खाली होता जा रहा है। कभी-कभी सोचता हूँ, क्या सफलता की यही कीमत है? अपनी जड़ों से कटना? अपनी पहचान को धुंधला होते देखना? मां की आवाज़ याद आती है... 'बेटा, खाना खा लिया?' अब वह आवाज़ सिर्फ फोन की स्क्रीन तक सीमित है। और मैं... मैं एक परदेसी हूँ, अपने ही देश में। जड़ों और पंखों के बीच फंसा, न यहाँ का न वहाँ का। यह कैसी विडंबना है कि जिस मिट्टी ने मुझे पाला, उससे दूर जाकर ही मैं 'कुछ' बन सका। पर क्या यह 'कुछ' बनना वाकई इतना महत्वपूर्ण था? क्या खोया, क्या पाया... यह हिसाब अब भी अधूरा है।"
उदाहरण 2: परंपरा और आधुनिकता के बीच संघर्ष
परिस्थिति: एक युवा महिला जो अपने सपनों और परिवार की अपेक्षाओं के बीच फंसी है
"शादी का प्रस्ताव आया है। 'अच्छा लड़का है', सब कह रहे हैं। 'तुम्हारी उम्र हो गई', मां की चिंतित आवाज़ कानों में गूंजती है। पर मेरे सपने? वो मेडिकल की डिग्री जो मैंने इतनी मेहनत से हासिल की? वो रिसर्च जो मैं करना चाहती हूँ? क्या वो सब यूं ही मुरझा जाएंगे, किसी पुराने एलबम की तस्वीरों की तरह? मैं नाफ़रमान नहीं हूँ। मैं अपने माता-पिता से प्यार करती हूँ, उनकी इज्ज़त करती हूँ। पर क्या प्यार का मतलब खुद को खो देना है? क्या सम्मान का अर्थ अपनी आवाज़ को दबा देना है? समाज कहता है, 'लड़की का असली घर ससुराल है।' पर मेरा घर तो मेरी प्रयोगशाला में है, उन माइक्रोस्कोप और टेस्ट ट्यूब्स के बीच। मेरा घर उन किताबों में है जो मुझे नई दुनिया दिखाती हैं। शायद मैं स्वार्थी हूँ। शायद मैं अपने समय से आगे सोच रही हूँ। या शायद... शायद मैं सिर्फ खुद होना चाहती हूँ। क्या यह इतना बड़ा अपराध है?"

मूल्यांकन मानदंड

पहलू अपेक्षाएं
सामग्री और संरचना गहन विचार, तार्किक प्रवाह, स्पष्ट संरचना
भाषा प्रयोग समृद्ध शब्दावली, अलंकार, मुहावरे, लोकोक्तियाँ
साहित्यिक तकनीक प्रतीकात्मकता, बिंब, अलंकार, व्यंग्य
भावनात्मक प्रभाव पाठक के साथ संवेदनात्मक जुड़ाव
मौलिकता नया दृष्टिकोण, अनोखा प्रस्तुतीकरण
💡 IBDP स्तरीय सुझाव:
  • जटिल वाक्य संरचना का प्रयोग करें
  • उच्च स्तरीय शब्दावली और मुहावरों का समावेश करें
  • सांस्कृतिक और साहित्यिक संदर्भों का उल्लेख करें
  • बहुस्तरीय अर्थों को प्रस्तुत करें
  • शब्द सीमा: 300-500 शब्द

शिक्षकों के लिए मार्गदर्शन

मोनोलॉग लेखन छात्रों में रचनात्मक सोच, भावनात्मक अभिव्यक्ति और भाषा कौशल विकसित करने का सशक्त माध्यम है।

शिक्षण रणनीतियाँ

प्रारंभिक गतिविधियाँ

  1. मौखिक अभ्यास: छात्रों को पहले मौखिक मोनोलॉग प्रस्तुत करने दें
  2. भूमिका निभाना: विभिन्न पात्रों की भूमिका निभाने का अवसर दें
  3. विश्लेषण: प्रसिद्ध मोनोलॉग के उदाहरण दिखाएं और उनका विश्लेषण करें
  4. सामूहिक लेखन: कक्षा में सामूहिक रूप से एक मोनोलॉग तैयार करें

सहायक गतिविधियाँ

  • विभिन्न परिस्थितियों के लिए 'प्रॉम्प्ट कार्ड' बनाएं
  • छात्रों को वास्तविक जीवन की स्थितियों से जोड़ें
  • पीयर रिव्यू सत्र आयोजित करें
  • रिकॉर्डिंग और सुनने के अवसर प्रदान करें

मूल्यांकन मानदंड

विषय-वस्तु (Content)

  • विषय की प्रासंगिकता
  • विचारों की गहराई
  • तार्किक विकास
  • मौलिकता

संरचना (Structure)

  • स्पष्ट प्रारंभ
  • सुसंगत मध्य भाग
  • प्रभावशाली समापन
  • प्रवाह और संयोजन

भाषा (Language)

  • शब्दावली की विविधता
  • व्याकरण की शुद्धता
  • वाक्य संरचना
  • वर्तनी और विराम चिह्न

रचनात्मकता (Creativity)

  • नवीन दृष्टिकोण
  • साहित्यिक उपकरणों का प्रयोग
  • भावनात्मक प्रभाव
  • प्रामाणिक आवाज़

स्तर-वार मूल्यांकन रूब्रिक

IGCSE स्तर (0-20 अंक)

अंक मानदंड
18-20 उत्कृष्ट: स्पष्ट पात्र विकास, सुसंगत संरचना, प्रभावशाली भाषा, न्यूनतम त्रुटियाँ
15-17 अच्छा: अच्छा पात्र विकास, तार्किक प्रवाह, उपयुक्त भाषा, कुछ छोटी त्रुटियाँ
12-14 संतोषजनक: बुनियादी पात्र विकास, स्पष्ट संदेश, सरल भाषा, कुछ व्याकरण त्रुटियाँ
9-11 पर्याप्त: सीमित विकास, अस्पष्ट संरचना, बुनियादी भाषा, कई त्रुटियाँ
0-8 कमज़ोर: अस्पष्ट विचार, खराब संरचना, सीमित शब्दावली, गंभीर त्रुटियाँ

IBDP स्तर (Criterion A+B: 0-12 अंक)

स्तर मानदंड
11-12 उत्कृष्ट: गहन विश्लेषण, परिष्कृत भाषा, प्रभावशाली साहित्यिक तकनीक, मौलिक दृष्टिकोण
9-10 बहुत अच्छा: अच्छा विश्लेषण, समृद्ध भाषा, उचित साहित्यिक उपकरण, स्पष्ट आवाज़
7-8 अच्छा: संतोषजनक विश्लेषण, सटीक भाषा, कुछ साहित्यिक तकनीक
5-6 संतोषजनक: बुनियादी विश्लेषण, उपयुक्त भाषा, सीमित साहित्यिक उपकरण
3-4 पर्याप्त: सरल विश्लेषण, सामान्य भाषा, न्यूनतम रचनात्मकता
0-2 कमज़ोर: अपर्याप्त विश्लेषण, कमज़ोर भाषा, रचनात्मकता की कमी

सामान्य चुनौतियाँ और समाधान

चुनौती: संवाद बनाम मोनोलॉग

समाधान: छात्रों को समझाएं कि मोनोलॉग में एक ही व्यक्ति बोलता है। दूसरों के साथ बातचीत नहीं होती।

चुनौती: सतही विषय-वस्तु

समाधान: 'क्यों' और 'कैसे' प्रश्नों के माध्यम से गहराई में जाने के लिए प्रोत्साहित करें।

चुनौती: अस्पष्ट पात्र

समाधान: पात्र प्रोफाइल बनाने का अभ्यास कराएं - उम्र, पृष्ठभूमि, स्वभाव, प्रेरणा।

चुनौती: भावनात्मक जुड़ाव की कमी

समाधान: व्यक्तिगत अनुभवों से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करें। "अगर यह तुम्हारे साथ होता तो?" पूछें।

उपयोगी प्रॉम्प्ट और विषय

IGCSE स्तर के लिए

  • परीक्षा से एक रात पहले छात्र के मन की स्थिति
  • पहली बार घर से दूर जाने वाले किशोर के विचार
  • खेल प्रतियोगिता में हारने के बाद खिलाड़ी की भावनाएं
  • माता-पिता के साथ मनमुटाव के बाद बच्चे के विचार
  • बचपन के दोस्त को खोने की पीड़ा
  • सपने और वास्तविकता के बीच का द्वंद्व

IBDP स्तर के लिए

  • प्रवासी मज़दूर जो अपने परिवार से दूर है
  • परंपरा और आधुनिकता के बीच फंसी युवा महिला
  • युद्ध के मैदान में सैनिक के अंतिम क्षण
  • जातिगत भेदभाव का सामना करता व्यक्ति
  • पर्यावरण विनाश देखकर प्रकृति की आवाज़
  • पहचान संकट से जूझता प्रवासी
  • सामाजिक अपेक्षाओं के विरुद्ध विद्रोह

फीडबैक देने की तकनीक

सकारात्मक फीडबैक (Feed Forward)

  • सबसे पहले सकारात्मक पहलुओं को रेखांकित करें
  • विशिष्ट उदाहरण देकर प्रशंसा करें
  • "मुझे यह हिस्सा बहुत प्रभावी लगा क्योंकि..." का प्रयोग करें

रचनात्मक आलोचना

  • "इस हिस्से को और मजबूत बनाने के लिए..." का प्रयोग करें
  • समस्या के साथ समाधान भी सुझाएं
  • प्रश्न पूछें: "क्या तुम सोचते हो कि यहाँ...?"

TWO STARS AND A WISH विधि

  • ⭐ दो चीज़ें जो बहुत अच्छी हैं
  • ⭐ एक क्षेत्र जिसमें सुधार की गुंजाइश है
🎯 कक्षा गतिविधि उदाहरण: "दर्पण में झांकना"

समय: 30-40 मिनट

उद्देश्य: आत्म-चिंतन और भावनात्मक अभिव्यक्ति का विकास

प्रक्रिया:

  1. छात्रों से कहें कि वे एक ऐसी परिस्थिति की कल्पना करें जहाँ वे दर्पण के सामने खड़े हैं
  2. वे अपने आप से बात कर रहे हैं - अपनी चुनौतियों, सपनों या किसी महत्वपूर्ण निर्णय के बारे में
  3. 10 मिनट लेखन समय दें
  4. स्वैच्छिक साझाकरण और सहकर्मी फीडबैक
  5. संशोधन और सुधार का समय

मूल्यांकन बिंदु: प्रामाणिकता, भावनात्मक गहराई, आत्म-जागरूकता

📚 संसाधन और अभ्यास सामग्री:
  • साहित्यिक रचनाओं से मोनोलॉग के उदाहरण संकलित करें
  • फिल्मों और नाटकों के प्रसिद्ध मोनोलॉग दिखाएं
  • नियमित लेखन अभ्यास के लिए साप्ताहिक प्रॉम्प्ट दें
  • छात्रों की उत्कृष्ट रचनाओं का संकलन बनाएं
  • कक्षा में मोनोलॉग प्रतियोगिता आयोजित करें
✨ अन्य सामग्री

"मोनोलॉग : चलो न, कहीं घूम आते हैं..!" | IndiCoach पॉडकास्ट मोनोलॉग
"मैं देर करता नहीं… मेरा अलार्म ही देर से बजता है!" - स्टैंड-अप मोनोलॉग
एकल-पात्री/एकपात्री/मोनोलॉग (Monologue)

बुधवार, 19 नवंबर 2025

मोनोलॉग : "एक प्याली चाय!”

हर दर्द की दवा, हर मूड का इलाज : एक प्याली चाय! | IndiCoach Podcast
इंडीकोच संवाद · Podcast Monologue

हर दर्द की दवा, हर मूड का इलाज : "एक प्याली चाय!"

इतिहास, केमेस्ट्री, दोस्ती और इंसानियत को एक प्याली में समेटती यह प्रस्तुति - IGCSE/IBDP श्रवण अभ्यास के लिए उपयुक्त।
IGCSE / IBDP Listening अवधि: करीब 4–5 मिनट
IndiCoach
Hindi · Podcast · Listening
Powered by Indicoach International · Mumbai
प्याली चाय
🎧 पॉडकास्ट सुनें 0:00 / 4–5 min (approx.)

पॉडकास्ट मोनोलॉग · "एक प्याली चाय"

कभी-कभी सोचता हूँ - दुनिया में अगर कोई ऐसी चीज़ है जो इतिहास की अकड़, रसायन का ज्ञान, दोस्ती की परवाह, प्यार की मिठास और इंसानियत की खुशबू को एक ही भगौने में खौलाकर 'ऑल-इन-वन सूप' बना दे, तो वह और कोई नहीं—चाय ही है। प्याली में परोसी चाय तो मानो आत्मा का काउंसलर है - सीधी-सादी, पर दिलासा देने वाली।

इतिहास पलटें तो पता चलता है कि चाय कोई रॉयल फैमिली की नाज़ुक औलाद नहीं, बल्कि महान संयोग की देन है। कुछ पत्तियाँ उबलते पानी में गिरीं और सम्राट ने सुड़ककर कहा—"वाह! प्रकृति ने तो मन का बाम ही बना दिया!" वह पहला घूँट आज अरबों लोगों की अनकही रीढ़ बन चुका है। भारत आई तो हमने इसे सिर्फ पेय नहीं, बल्कि अनौपचारिक राष्ट्रीय भावना की कुर्सी पर बैठा दिया।

केमेस्ट्री पर नज़र डालें—तो चाय का कैफीन कॉफी जैसा कड़क अफ़सर नहीं। वह धीरे से कंधे पर हाथ रखकर फुसफुसाती है—"आओ, आराम से जागते हैं।" टैनिन मन पर हल्की-सी शांति का एसी चलाते हैं। दूध कड़वाहट को गोद ले लेता है, और चीनी—जैसे ज़िंदगी—कभी कम, कभी ज़्यादा, पर मीठा कर ही देती है।

और चाय की दुनिया? पूरा स्वाद-सौर मंडल!

  • मसाला चाय—जिंदगी की हिम्मत।
  • अदरक चाय—बीमारी की घरेलू डॉक्टरी।
  • इलायची चाय—महक की महारानी।
  • ग्रीन टी—दार्शनिक बाबा।
  • लेमन टी—हमेशा पॉज़िटिव रहने वाली दोस्त।

सबसे बड़ी बात—चाय को किसी वर्ग, धर्म, या बर्तन से कोई फर्क नहीं पड़ता! कॉफी तो कैफे, बड़ा मग और विदेशी उच्चारण मांगती है—हाई मेंटेनेंस। चाय? कुल्हड़, स्टील, प्लास्टिक, चाइना कप—सब उसके लिए बराबर। चाय का धर्म एक है—बराबरी। मज़दूर हो या मैनेजर—चाय की भाप सबको एक ही कतार में खड़ा कर देती है।

दोस्ती में भी चाय का जादू अटूट है। "एक चाय हो जाए?"—यह वाक्य जितने दिल जोड़ता है, उतने तो सोशल मीडिया के सारे इमोजी मिलकर भी नहीं जोड़ सकते। कितने झगड़े सिर्फ इसलिए शांत हुए कि किसी समझदार ने कह दिया—"पहले चाय पी लेते हैं।"

और प्यार… बारिश की शाम, थोड़ी ठंड, दो प्यालियाँ—चाय की भाप में छुपी मोहब्बत कितने दिलों को जोड़ देती है, बिना किसी निर्देशक के।

चाय कोई पेय नहीं—प्याली में परोसी हुई इंसानियत, अपनत्व और बराबरी की कविता है।

और सच मानिए - हर समस्या का इलाज है, "बस एक प्याली, गरमागरम चाय!"

📘 IBDP कौशल फोकस

• सांस्कृतिक परंपरा और आधुनिक जीवन का संगम
• मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक अभिव्यक्ति
• सामाजिक समानता और इंसानियत का संदेश
• रूपक और बिंब का सुंदर प्रयोग

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"मोनोलॉग : चलो न, कहीं घूम आते हैं..!" | IndiCoach पॉडकास्ट मोनोलॉग
"मैं देर करता नहीं… मेरा अलार्म ही देर से बजता है!" - स्टैंड-अप मोनोलॉग
एकल-पात्री/एकपात्री/मोनोलॉग (Monologue)

© IndiCoach International · Arvind Bari · Hindi · Podcast & Learning

मोनोलॉग : मैं देर करता नहीं… मेरा अलार्म ही देर से बजता है!” |

स्टैंड-अप स्पीच मोनोलॉग - मैं देर करता नहीं… मेरा अलार्म ही देर से बजता है! | IndiCoach Podcast
🎤 भाषण / स्टैंड-अप कॉमेडी स्टाइल मोनोलॉग

"मैं देर करता नहीं… मेरा अलार्म ही देर से बजता है!"

एक हल्की-फुल्की और मज़ेदार मोनोलॉग प्रस्तुति - IndiCoach पॉडकास्ट पर ...
Stand-up Monologue
🎧 सुनें 0:00 / 3–4 min

मोनोलॉग · पूरी प्रस्तुति

दोस्तों, आज मैं एक सच स्वीकार करने आया हूँ - मैं देर नहीं करता… मेरा अलार्म ही देर से बजता है! और यह कोई बहाना नहीं है; यह वैज्ञानिक, तकनीकी और मानसिक-तीनों स्तरों पर सत्यापित समस्या है।

अब देखिए, दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं - एक वो जो सुबह 5 बजे उठकर योग, ध्यान, वॉक, नाश्ता-सब कर लेते हैं। और दूसरे… हम!

हम सुबह 5 का अलार्म लगाते हैं, पर उठते तब हैं जब कोई कहता है - "अरे, स्कूल/ऑफिस नहीं जाना क्या?"

हमारा अलार्म भी बड़ा समझदार है - वो हमारे उठने के मन से कनेक्ट होकर बजता है… और हमारा मन? वो तो अभी सो रहा होता है!

मुझे लगता है, अलार्म भी इंसानों जैसा हो गया है - थोड़ा lazy, थोड़ा confused। शायद वो भी सोचता है - "यार, इसे आज रहने देते हैं… बहुत थका लगता है।"

और इसकी सबसे बड़ी खासियत - जब अलार्म बजता ही नहीं, तब भी मैं snooze दबा देता हूँ! यह talent वर्षों की practice से आता है। मैं आंख बंद करके भी snooze बटन खोज सकता हूँ।

एक बार लगा कि अलार्म खराब है… फिर याद आया - 4 बार गिर चुका है 2 बार उस पर पानी गिर चुका है और एक बार गुस्से में मैं बोल भी पड़ा - "अबे चुप!"

अब घर वाले कहते हैं - 'सुधारो खुद को!' और मैं कहता हूँ - 'मैंने कल improvement किया है!' अलार्म 5 का था, उठा 7:30 पर… लेकिन उठा तो!

दोस्तों, मानिए… सुबह उठना एक अंतरराष्ट्रीय समस्या है। UN को resolution पास करना चाहिए - "दुनिया के नागरिक अपनी सुविधा से उठें।"

अंत में बस इतना - मैं देर करता नहीं… मेरा अलार्म ही देर से बजता है! और जिस दिन ये समय पर बज गया… उस दिन दुनिया बदल जाएगी!

📘 IBDP कौशल फोकस

• भाषा प्रस्तुति में हास्य का उपयोग • बिंबात्मक अभिव्यक्ति • श्रोता-अनुकूल delivery • Creative Spoken-Text शैली

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