गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025

सुमिता बंद्योपाध्याय का साहस | वाचन कौशल अभ्यास

अभ्यास 1: सुमिता बंद्योपाध्याय का साहस | IGCSE Hindi Reading Practice

अभ्यास 1: सुमिता बंद्योपाध्याय का साहस

IGCSE Hindi Reading Practice Exercise
सुमिता बंद्योपाध्याय

सुमिता बंद्योपाध्याय का साहस और संघर्ष

कोलकाता के रवींद्र सरोवर झील का नाम सुनते ही एक दृढ़ नारी का चेहरा सामने आ जाता है – सुमिता बंद्योपाध्याय। लगभग पचास वर्षीया यह महिला बीते कई वर्षों से झील और उसके पर्यावरण की प्रहरी बनी हुई हैं।

सुमिता का सफ़र आसान नहीं था। उन्हें कई बार डराने-धमकाने की कोशिशें हुईं। कभी अज्ञात लोगों ने उनके सिर पर बंदूक तानी, तो कभी गेट पर पेट्रोल डालकर उन्हें आग लगाने का प्रयास किया गया। किन्तु सुमिता ने हार नहीं मानी। उनके भीतर प्रकृति और अनुशासन के प्रति गहरा प्रेम था। यही उन्हें हर कठिनाई में अडिग बनाए रखता है।

हर दिन सुबह पाँच बजे से दस बजे तक सुमिता हाथ में लाठी लेकर झील के चारों ओर गश्त करती हैं। उनके नियम सख़्त हैं – झील में कपड़े धोना, नहाना या कचरा फेंकना पूरी तरह मना है। इतना ही नहीं, उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर कर छठ पूजा जैसे बड़े आयोजन भी झील में रोक दिए। इस निर्णय से उन्हें कई आलोचनाएँ और दुश्मन मिले, पर उन्होंने पर्यावरण की रक्षा के लिए यह कठोर कदम उठाने में हिचकिचाहट नहीं दिखाई।

सुमिता केवल झील की स्वच्छता ही नहीं देखतीं, बल्कि वहाँ के पेड़ों, पक्षियों और जीव-जंतुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित करती हैं। उनके लिए झील सिर्फ़ एक जलाशय नहीं, बल्कि जीवन का साथी है।

सुमिता देवी कहती हैं:
"लाठी मेरे हाथ में रहती है, लेकिन मैंने कभी इसे किसी पर इस्तेमाल नहीं किया। अब यही मेरी पहचान बन गई है। मैं चाहती हूँ कि हर जगह अनुशासन बना रहे। अगर अनुशासन नहीं होगा, तो किसी भी स्थान का विकास संभव नहीं। मैं अपने साहस और मेहनत से झील को सुरक्षित रख रही हूँ।"

सुमिता देवी का यह संघर्ष हमें सिखाता है कि अपने कर्तव्य और नैतिक जिम्मेदारी के प्रति ईमानदारी और साहस के साथ खड़ा होना कितना महत्वपूर्ण है। उनके प्रयासों से रवींद्र सरोवर झील एक सुरक्षित और स्वच्छ स्थल बन गया है। उन्होंने दिखा दिया कि 'अकेला व्यक्ति भी समाज और प्रकृति की रक्षा का बड़ा माध्यम बन सकता है।'

सुमिता, आपके साहस और हिम्मत को हम सलाम करते हैं।

आलेख सुनें
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प्रश्नावली (AO1 आधारित - पूर्णांक 10)
1. सुमिता बंद्योपाध्याय किस झील की रक्षा करती हैं? [1]
उत्तर:रवींद्र सरोवर झील की।
2. वे झील की निगरानी किस समय करती हैं? [1]
उत्तर: सुबह पाँच से दस बजे तक।
3. झील में उन्होंने किन कार्यों पर रोक लगाई? [1]
उत्तर:कपड़े धोना, नहाना और कचरा फेंकना।
4. झील में बड़े आयोजनों पर रोक क्यों लगवाई गई? [1]
उत्तर: ताकि झील का पर्यावरण सुरक्षित रहे।
5. सुमिता अपने हाथ में किस वस्तु को लेकर चलने के लिए प्रसिद्ध हैं? [1]
उत्तर: हाथ में लाठी के लिए।
6. सुमिता को किन-किन खतरों और विरोधों का सामना करना पड़ा? [2]
उत्तर: उनके सिर पर बंदूक तानी गई, पेट्रोल डालकर जलाने की कोशिश हुई और कई आलोचनाएँ झेलनी पड़ीं।
7. सुमिता की सोच और कार्य से हमें क्या शिक्षा मिलती है? [2]
उत्तर: यह शिक्षा मिलती है कि कर्तव्य और अनुशासन निभाने के लिए साहस आवश्यक है।
8. सुमिता के प्रयासों से यह सरोवर कैसा स्थल बन गया है? [1]
उत्तर: एक स्वच्छ और सुरक्षित स्थल।
कुल अंक: 10
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