अभ्यास 2: प्रश्न 7–15
ए पी जे अब्दुल कलाम की भारत को देन
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A
डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक साधारण परिवार में हुआ था। बचपन में उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमज़ोर थी और उन्हें अखबार बेचकर अपनी पढ़ाई का खर्च उठाना पड़ता था। लेकिन कठिनाइयों ने उनके सपनों को कभी कमज़ोर नहीं किया। उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। कलाम साहब को 'मिसाइल मैन ऑफ इंडिया' के नाम से जाना जाता है क्योंकि उन्होंने भारत के मिसाइल कार्यक्रम को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी सादगी, ईमानदारी और देशभक्ति ने उन्हें देश के सबसे लोकप्रिय और सम्मानित व्यक्तित्वों में से एक बना दिया।
B
डॉ. कलाम ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में वैज्ञानिक के रूप में कार्य किया। उन्होंने भारत के पहले उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV-III) के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने 1980 में रोहिणी उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया। 1990 के दशक में उन्होंने अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलों के विकास का नेतृत्व किया। 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी, जिसने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाया। उनके वैज्ञानिक योगदान ने भारत को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में सहायता की। उनकी दूरदर्शिता और कठिन परिश्रम ने भारत को विश्व मानचित्र पर एक मजबूत स्थान दिलाया।
C
वर्ष 2002 में डॉ. कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति बने। वे 'जनता के राष्ट्रपति' कहलाए क्योंकि उन्होंने सादगी और विनम्रता के साथ इस पद को सुशोभित किया। राष्ट्रपति भवन में रहते हुए भी वे अपनी सरल जीवनशैली से कभी विमुख नहीं हुए। उन्होंने देश के युवाओं को प्रेरित करने के लिए अनेक विद्यालयों और महाविद्यालयों का दौरा किया। उनका मानना था कि युवा ही देश का भविष्य हैं और उन्हें सही दिशा देना आवश्यक है। उन्होंने 'विज़न 2020' नामक एक महत्वाकांक्षी योजना प्रस्तुत की, जिसमें भारत को 2020 तक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य था। राष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल भारतीय इतिहास में एक प्रेरणादायक अध्याय बन गया।
D
डॉ. कलाम केवल एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति ही नहीं, बल्कि एक महान शिक्षक और लेखक भी थे। उन्होंने 'विंग्स ऑफ फायर', 'इग्नाइटेड माइंड्स', और 'इंडिया 2020' जैसी प्रेरक पुस्तकें लिखीं, जो युवाओं के बीच अत्यंत लोकप्रिय हुईं। 27 जुलाई 2015 को शिलॉन्ग में व्याख्यान देते समय उनका निधन हो गया। अंतिम समय तक वे छात्रों को पढ़ाने और प्रेरित करने में लगे रहे। डॉ. कलाम को भारत रत्न, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे सर्वोच्च सम्मानों से नवाज़ा गया। उनकी विरासत आज भी करोड़ों भारतीयों को प्रेरित करती है। उन्होंने सिद्ध कर दिया कि साधारण परिस्थितियों में जन्मा व्यक्ति भी कठिन परिश्रम और समर्पण से असाधारण उपलब्धियाँ हासिल कर सकता है।
📝 प्रश्न 7–15 (कुल 9 अंक)
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