सोमवार, 8 सितंबर 2025

पेंसिल से उगते पेड़

एक पहल ऐसी भी: बीज वाली पेंसिलें और पर्यावरण की आशा

बीज वाली पेंसिलें और पर्यावरण की आशा

ग्रहण: आस्था, विज्ञान और भूगोल का रहस्य

कल्पना कीजिए, आपके हाथ में एक साधारण-सी दिखने वाली पेंसिल है। आप उससे लिखते हैं, चित्र बनाते हैं और जब वह छोटी हो जाती है तो सामान्य पेंसिल की तरह उसे कूड़े में नहीं फेंकते। इसके बजाय, आप उसे मिट्टी में दबा देते हैं और कुछ समय बाद वहीं से एक हरा-भरा पौधा अंकुरित हो उठता है। यह कोई कल्पना मात्र नहीं, बल्कि कुछ देशों में अपनाई जा चुकी एक अभिनव पहल है। वहां रद्दी कागज से पेंसिलें बनाई जा रही हैं और उनमें तुलसी जैसे औषधीय पौधों के बीज छिपाए जा रहे हैं।

यह विचार जितना सरल है, उतना ही गहरा संदेश भी देता है। दुनिया हर दिन लाखों पेंसिलें इस्तेमाल करती है और पारंपरिक पेंसिलें बनाने के लिए बड़ी संख्या में पेड़ काटे जाते हैं। लेकिन जब पेंसिलें पुराने कागज से तैयार हों और उनमें जीवन देने वाले बीज छिपे हों, तो यह एक तरह से धरती को लौटाने का कार्य है। उपभोक्ता केवल पेंसिल का इस्तेमाल नहीं करते, बल्कि भविष्य के लिए पेड़ और पौधों का उपहार भी बोते हैं।

तुलसी को भारतीय परंपरा में पवित्र माना गया है। यह पौधा न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर है। बीज वाली पेंसिलों में तुलसी का चयन इसीलिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों का प्रतीक है। जब बच्चे इस पेंसिल से लिखकर उसे मिट्टी में लगाते हैं, तो वे केवल एक पौधा नहीं उगाते, बल्कि प्रकृति के साथ संवाद करना भी सीखते हैं।

यह पहल शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण दोनों को साथ लेकर चलती है। विद्यालयों में इन पेंसिलों का प्रयोग बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का सबसे सशक्त माध्यम बन सकता है। यह उन्हें उपभोग और पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) की प्रक्रिया से अवगत कराता है और यह भी सिखाता है कि हर छोटी चीज़ का जीवन में महत्व है।

अगर यह पहल बड़े पैमाने पर फैलाई जाए तो इसका असर व्यापक हो सकता है। लाखों पेंसिलें हर साल छोटे-छोटे पौधों का रूप लें और वे आगे चलकर वृक्ष बन जाएँ तो वायु प्रदूषण कम करने, जलवायु संतुलन बनाए रखने और जैव-विविधता को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

इस तरह बीज वाली पेंसिलें केवल एक लेखन उपकरण नहीं, बल्कि जीवन की निरंतरता का प्रतीक बन जाती हैं। यह हमें याद दिलाती हैं कि हम जो भी उपयोग करते हैं, उसका असर धरती पर पड़ता है। अगर हम चाहें तो अपनी रचनात्मकता और संवेदनशीलता से हर साधारण वस्तु को असाधारण बना सकते हैं।

संदर्भ:
  1. Sprout World. “Plant Your Pencil.” sproutworld.com
  2. The Better India. “This Company Makes Pencils That Grow into Plants.” 2021.
  3. Down To Earth. “Eco-friendly alternatives to everyday items.” 2022.

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