एक ऐसी मशीन जो हवा से बनाएगी पानी – जादू नहीं, विज्ञान है!

आज हम जिस युग में जी रहे हैं, उसमें जल संकट एक गंभीर समस्या बन चुका है। हर दिन हम सुनते हैं कि कहीं सूखा पड़ा है, कहीं पानी की किल्लत है। लेकिन अब विज्ञान ने एक ऐसा समाधान खोज निकाला है, जो शायद हमारी आने वाली पीढ़ियों को राहत दे सके।
जल संकट आज की सबसे बड़ी वैश्विक समस्याओं में से एक बन चुका है। शुद्ध पेयजल की कमी विशेषकर ग्रामीण और शुष्क क्षेत्रों में गंभीर रूप ले रही है। इस समस्या के समाधान हेतु IIT मद्रास और 'तीर्था' नामक निजी तकनीकी कंपनी ने मिलकर एक अद्वितीय डिवाइस ‘NERO’ (New Extraction of Renewable Outputs) विकसित की है। इस डिवाइस की खास बात यह है कि यह हवा से नमी खींचकर पीने लायक शुद्ध पानी तैयार कर सकती है। हाँ, आपने सही पढ़ा — हवा से पानी!
'NERO' डिवाइस देखने में एक छोटा सा सौर ऊर्जा संचालित उपकरण है। इसके ऊपर एक चमचमाता सोलर पैनल लगा होता है, जिससे इसे बिजली की जरूरत नहीं पड़ती। यह पूरी तरह सौर ऊर्जा से चलता है, यानी सूरज की रोशनी से। इस डिवाइस में कोई भी चलने वाले पुर्जे नहीं होते, इसलिए इसे ज्यादा रखरखाव की जरूरत नहीं होती। इसे एक बार इंस्टॉल करने के बाद यह चुपचाप अपना काम करता रहता है।
अब सवाल आता है — यह काम कैसे करता है?
हवा में हमेशा कुछ जलवाष्प (water vapor) मौजूद रहता है, जिसे हम आँखों से नहीं देख पाते। यह डिवाइस उसी जलवाष्प को खींचकर ठंडा करता है और फिर उसे संघनित (condense) करके पानी की बूंदों में बदल देता है। यही बूंदें एक संग्रह पात्र में इकट्ठा होती हैं और हमें मिलता है साफ और पीने योग्य पानी।
यह डिवाइस वायुमंडलीय नमी से 4 से 5 लीटर प्रतिदिन शुद्ध पेयजल उत्पन्न करने में सक्षम है। यह संपूर्णतया सौर ऊर्जा से संचालित होती है और इसमें कोई चलने वाले पुर्जे नहीं हैं, जिससे इसका रखरखाव नगण्य होता है।
मुख्य विशेषताएँ:
- ☀️ सौर ऊर्जा संचालित
- 🛠️ शून्य रखरखाव
- 💧 WHO मानकों के अनुरूप जल
- 🌎 पर्यावरण-संगत
NERO में एक परिष्कृत प्रणाली होती है, जो वायुमंडलीय आर्द्रता से जलवाष्प संकलित करती है। यह जलवाष्प संक्षिप्त होकर जल की बूंदों में परिवर्तित होती है, जिसे फिल्टर करके पीने योग्य बनाया जाता है।
इस डिवाइस के उपयोग के संभावित क्षेत्र हैं:
- 🏞️ ग्रामीण व दुर्गम क्षेत्र
- ⚠️ आपदा राहत और रक्षा क्षेत्र
- 🏙️ शहरी जल संकट समाधान
यह डिवाइस जल संरक्षण, अक्षय ऊर्जा उपयोग, और जल स्वायत्तता को बढ़ावा देती है। यह ग्रामीण समुदायों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सहायक सिद्ध हो सकती है।
'NERO' डिवाइस हर दिन करीब 4 से 5 लीटर पानी बना सकती है। सोचिए, दूरदराज के वे गाँव या जगहें जहाँ पानी पहुँचाना मुश्किल है, वहाँ ऐसी तकनीक कितनी उपयोगी हो सकती है।
इस डिवाइस की सबसे बड़ी बात यह है कि यह न तो किसी बिजली लाइन पर निर्भर है और न ही किसी जलस्रोत पर। यह सिर्फ हवा और सूरज की मदद से काम करता है। यानी यह तकनीक पूरी तरह हरित (eco-friendly) और सतत (sustainable) है।
आज जब पूरी दुनिया जल संरक्षण और नवाचार की बात कर रही है, ऐसे में 'NERO' एक उदाहरण बन सकता है कि विज्ञान और तकनीक किस तरह जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
इस डिवाइस के बड़े संस्करण, शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए भी बनाए जा सकते हैं। यह स्वदेशी तकनीक भारत को जल आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में सहायक होगी।
“NERO केवल एक डिवाइस नहीं, बल्कि एक जल-क्रांति की शुरुआत है।”
आज जब पूरी दुनिया जल संरक्षण और नवाचार की बात कर रही है, ऐसे में 'NERO' एक उदाहरण बन सकता है कि विज्ञान और तकनीक किस तरह जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
यह आलेख केवल एक डिवाइस की जानकारी नहीं है, बल्कि यह बताता है कि-
“विज्ञान की सोच जब मानवीय जरूरतों से जुड़ती है, तब चमत्कार हो सकते हैं।"
संदर्भ:
- IIT Madras Innovation News – 2025
- Tirtha Renewables Pvt. Ltd. – Product Brochure
- WHO Guidelines for Drinking-water Quality
- Renewable Water Technologies – Vol 14, Issue 2
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