स्ववृत्त लेखन : शिक्षण-सुलभ मार्गदर्शिका

प्रस्तावना
स्ववृत्त लेखन (Autobiographical Writing) स्वयं के जीवन का संक्षेप और चिंतन है। यह विद्यार्थी को आत्म-अभिव्यक्ति, आत्म-निरिक्षण और लेखन कौशल में निपुण बनाता है। इस मार्गदर्शिका में हम सरल प्रारूप, प्रभावी उदाहरण, कक्षा गतिविधियाँ और गृहकार्य दे रहे हैं — ताकि शिक्षक कक्षा में प्रभावी रूप से पढ़ा सकें और विद्यार्थी अभ्यास कर सकें।
स्ववृत्त लेखन का प्रारूप (सरल क्रम)
- प्रस्तावना — नाम, जन्म तिथि, जन्मस्थान, परिवार।
- शैक्षिक पृष्ठभूमि — विद्यालय, वर्ष, विशेष उपलब्धियाँ।
- रुचियाँ व दक्षताएँ — साहित्य, कला, खेल, संगीत, आदि।
- अनुभव — किसी प्रेरणादायी घटना या चुनौती का संक्षिप्त उल्लेख।
- भविष्य की आकांक्षाएँ — करियर/जीवन लक्ष्य।
- उपसंहार — जीवन से मिली सीख/मोटिवेशनल वाक्य।
उदाहरण (नमूना स्ववृत्त — 150-200 शब्द)
नोट: यह उदाहरण शिक्षण उपयोग के लिए मौलिक रूप से संकलित है।
स्ववृत्त
मेरा नाम कृति बरुआ है। मेरा जन्म 7 जुलाई 2009 को कोलकाता में हुआ। मैंने वर्ष 2024 में कक्षा दसवीं उत्तीर्ण की। मुझे कविता वाचन में दक्षता मिली है और कई मंच-पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। कला के क्षेत्र में राज्यस्तरीय पुरस्कार प्राप्त करने का अनुभव मेरे लिए गर्व का विषय रहा। साथ ही मुझे संगीत, नाटक, शतरंज और क्रिकेट में भी विशेष रुचि है।
मेरा लक्ष्य भविष्य में मानवीय गुणों से युक्त एक समर्पित डॉक्टर बनना है—ऐसा चिकित्सक जो ज्ञान के साथ करुणा भी दे। मेरी जीवन-शिक्षा यह रही है कि प्रबल इच्छा-शक्ति और सतत परिश्रम से असंभव भी संभव बनता है।
कक्षा में करने योग्य अभ्यास
Classroom Activities
- 5-टॉप बिंदु शेयर: प्रत्येक छात्र अपने जीवन के पाँच मुख्य बिंदु (जन्म, शिक्षा, रुचि, उपलब्धि, आकांक्षा) लिखें और समूह में साझा करें।
- मौखिक प्रस्तुति: 5–6 वाक्यों में अपना संक्षिप्त स्ववृत्त कक्षा में सुनाएँ—प्रत्येक छात्र को 1–2 मिनट का समय दें।
- पीयर-रिव्यू: दो छात्र एक-दूसरे के स्ववृत्त पढ़कर सकारात्मक सुझाव दें।
- रोल-प्ले: कोई छात्र अपनी एक उपलब्धि का छोटा नाटकीय प्रस्तुतीकरण करे (2–3 मिनट)।
गृहकार्य
Homework
- अपनी किसी एक उपलब्धि को आधार बनाकर 200 शब्दों में स्ववृत्त लिखिए।
- विद्यालय पत्रिका के लिए 250 शब्दों का प्रेरणादायक आत्मवृत्त तैयार कीजिए।
- "मेरी भविष्य की आकांक्षा" पर 200–250 शब्दों में विस्तार से लिखिए और उसका एक छोटा प्लान बनाइए (3–4 कदम)।
अध्यापक के लिए टिप्स
- प्रोत्साहन दें: हर बच्चे की छोटी-सी उपलब्धि को महत्व दें — इससे आत्मविश्वास बढ़ता है।
- भाषा पर मार्गदर्शन: सरल और स्पष्ट हिंदी बोलने व लिखने पर जोर दें।
- रचनात्मक उत्साह बनाए रखें: कविता वाचन या नाटकीय अंश शामिल करने के लिए प्रेरित करें।
संदर्भ
References
- एनसीईआरटी हिंदी पाठ्यक्रम (कक्षा 9–10) — रचनात्मक लेखन अनुभाग (मार्गदर्शक)।
- विद्यालयी प्रतियोगिताएँ एवं शिक्षण अनुभव — IndiCoach संकलन।
- लेखक का शिक्षण अनुभव: कक्षा गतिविधियों पर आधारित मौलिक सामग्री।
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