IBDP Hindi परीक्षा लेखन गाइड
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IBDP Hindi परीक्षा लेखन गाइड
लेख, प्रस्ताव और पत्र – सही चुनाव और प्रभावी लेखन की संपूर्ण जानकारी
लेख (विज्ञान और पर्यावरण)
"आज का युवा विज्ञान की सुविधाओं का लाभ उठा रहा है, परंतु इसके कारण पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव भी दिखाई दे रहे हैं। युवाओं को जागरूक करते हुए लिखिए कि इन समस्याओं का समाधान कैसे किया जा सकता है।"
विज्ञान और पर्यावरण – संतुलन की आवश्यकता
भूमिका
विज्ञान ने मानव जीवन को अत्यंत सहज, सरल और आधुनिक बना दिया है। मोबाइल, इंटरनेट, चिकित्सा और यातायात ने हमारे जीवन को नई दिशा दी है। परंतु विज्ञान की अंधाधुंध प्रगति ने प्रकृति के संतुलन को भी डगमगा दिया है।
मुख्य भाग
आज प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ओजोन परत का क्षरण, प्लास्टिक संकट और इलेक्ट्रॉनिक कचरा जैसी समस्याएँ युवाओं को घेर रही हैं। उद्योगों से निकलने वाला धुआँ, वाहनों की बढ़ती संख्या और रसायनों का अत्यधिक प्रयोग वातावरण को विषैला बना रहे हैं।
युवाओं की भूमिका इस संकट में महत्वपूर्ण है। वे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत अपनाकर बिजली की बचत कर सकते हैं। जल-संरक्षण, वृक्षारोपण, वर्षा जल संचयन, प्लास्टिक से परहेज़ और ई-वेस्ट का उचित प्रबंधन उनके छोटे-छोटे कदम हैं जो बड़े बदलाव ला सकते हैं।
इसके साथ ही, हमें विज्ञान को शत्रु नहीं, बल्कि मित्र बनाना होगा। यदि तकनीक को पर्यावरण के अनुकूल दिशा में प्रयोग किया जाए—जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और हरित प्रौद्योगिकी—तो विज्ञान पर्यावरण संकट का हल भी बन सकता है।
उपसंहार
अतः आवश्यक है कि युवा पीढ़ी विज्ञान का विवेकपूर्ण उपयोग करे और पर्यावरण को बचाने की जिम्मेदारी उठाए। तभी विज्ञान और प्रकृति में संतुलन बनाकर हम पृथ्वी को सुरक्षित रख पाएँगे।
प्रस्ताव (भोजन बर्बादी रोकने की योजना)
"आप विद्यालय कल्याण समिति के अध्यक्ष हैं और विद्यालय में छात्रों द्वारा भोजन की बर्बादी देख रहे हैं। छात्रों को जागरूक करने के लिए एक योजना बनाकर उसे विद्यालय प्रशासन को प्रस्तुत करें।"
मध्याह्न भोजन की बर्बादी रोकने हेतु प्रस्ताव
प्रस्तुतकर्ता: विद्यालय कल्याण समिति अध्यक्ष
भूमिका
विद्यालय में प्रतिदिन दिया जाने वाला मध्याह्न भोजन छात्रों के स्वास्थ्य और पोषण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। किंतु भोजन की बर्बादी एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिसका समाधान आवश्यक है।
मुख्य भाग (योजना)
- प्रत्येक कक्षा में एक "भोजन मॉनिटर" नियुक्त किया जाए।
- छात्र अपनी क्षमता के अनुसार ही भोजन लें और बार-बार भोजन लेने की आदत को हतोत्साहित किया जाए।
- बचा हुआ भोजन विद्यालय में बने कम्पोस्ट पिट में डालकर खाद तैयार की जाए।
- "भोजन है अमूल्य" नामक अभियान चलाया जाए, जिसमें पोस्टर, नारे और भाषण शामिल हों।
- शिक्षक व छात्र मिलकर मासिक समीक्षा बैठक करें और योजना की प्रगति का मूल्यांकन करें।
महत्त्व
यह योजना भोजन-संरक्षण का व्यवहारिक समाधान है। इससे न केवल विद्यालय की व्यवस्था सुधरेगी, बल्कि छात्र जीवनभर भोजन के महत्व को समझेंगे और समाज में भी सकारात्मक संदेश जाएगा।
उपसंहार
अतः विद्यालय प्रशासन से निवेदन है कि इस योजना को शीघ्र लागू किया जाए ताकि भोजन की बर्बादी पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके।
पत्र (पार्क और खेल मैदान की समस्या)
"आपके क्षेत्र के पार्क और खेल मैदान की घास लंबे समय से नहीं कटी है, जिससे बच्चों और बुजुर्गों को कठिनाई हो रही है। स्थानीय निकाय को समस्या बताकर समाधान का अनुरोध कीजिए।"
प्रेषक: (आवासीय क्षेत्र का निवासी)
प्राप्तकर्ता:
सेवा में,
माननीय अध्यक्ष जी,
स्थानीय नगर परिषद,
जलना, महाराष्ट्र
विषय: पार्क एवं खेल मैदानों की उपेक्षा संबंधी शिकायत
मान्यवर,
सविनय निवेदन है कि हमारे क्षेत्र के पार्क और खेल के मैदान में लंबे समय से घास नहीं कटी है। परिणामस्वरूप बच्चों का खेलना और बुजुर्गों का टहलना कठिन हो गया है। साथ ही, मच्छरों और सांपों का खतरा भी बढ़ गया है।
पार्क और मैदान किसी भी आवासीय क्षेत्र की शान होते हैं। यह न केवल मनोरंजन का केंद्र हैं बल्कि स्वास्थ्य संवर्धन और सामाजिक मेलजोल का माध्यम भी हैं। वर्तमान स्थिति से नागरिक परेशान हैं और इस समस्या का तत्काल समाधान आवश्यक है।
अतः आपसे निवेदन है कि शीघ्र ही घास कटवाने और नियमित रखरखाव की व्यवस्था करने की कृपा करें। इससे क्षेत्र के सभी निवासी लाभान्वित होंगे और स्वस्थ वातावरण प्राप्त करेंगे।
सधन्यवाद
(सिद्धांत बारी)
यह सामग्री केवल शैक्षिक उद्देश्य से तैयार की गई है और आधिकारिक IBDP प्रश्नपत्र से सीधे उद्धृत नहीं की गई है।
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