प्रावरण का महत्व
- पहचान: पाठक को विषय और लेखक का परिचय देता है।
- आकर्षण: पाठक को सामग्री पढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
- सूचनात्मक: इसमें शीर्षक, लेखक का नाम, संस्थान का नाम और प्रकाशन वर्ष आदि शामिल होती है।
- प्रस्तुति: प्रावरण सामग्री की प्रस्तुति को प्रभावी और व्यवस्थित बनाता है।
प्रावरण लिखने का प्रारूप
इसे बनाते समय निम्नलिखित बातों को अवश्य शामिल करना चाहिए:
- शीर्षक: स्पष्ट और केंद्र में लिखा हो।
- लेखक का नाम: शीर्षक के नीचे।
- संस्थान का नाम: लेखक के नाम के नीचे।
- विषय का नाम: केंद्र में।
- तिथि और वर्ष: नीचे।
- डिजाइन / बोर्डर: सरल, स्वच्छ, और आकर्षक।
प्रावरण का उदाहरण :
प्रावरण | |
शीर्षक / पुस्तक / प्रकल्प का नाम | अंतरजाल में हिंदी का विकास और संभावनाएँ |
लेखक / संपादक का नाम | अरविन्द बारी |
संस्थान का नाम | इंडीकोच इंटरनेशनल, मुंबई (भारत) |
विषय | हिंदी भाषा और साहित्य |
तिथि / प्रकाशन वर्ष | 22 दिसंबर 2024 |
डिजाईन अथवा चित्र | विषयानुसार कोई एक चित्र / कोई कलात्मक चित्र |
सजावटी बोर्डर | सुंदर व आकर्षक बनाने केलिए सजावटी बॉर्डर |
निष्कर्ष :
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