![]() |
अमेरिका में भारतीय |
यह जानकर आश्चर्य होगा कि अमेरिका में लगभग 40% होटलों के मालिक भारतीय मूल के हैं, जिनमें से 70% का सरनेम "पटेल" है। गुजराती समुदाय 1970 के दशक में अमेरिका प्रवास किए और होटल उद्योग में कदम रखा। इन लोगों ने छोटे मोटल से शुरुआत की और आज बड़े-बड़े होटल चेन के मालिक बन गए हैं। कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. दीपक चोपड़ा, जो आप्रवासी समुदायों पर शोध करते हैं, कहते हैं, "गुजराती समुदाय ने अपनी एकता और व्यावसायिक सूझबूझ से जो सफलता हासिल की है, वह अन्य प्रवासी समुदायों के लिए एक प्रेरणा है। ‘पटेल मोटल कार्टेल’ का अस्तित्व केवल एक शब्द नहीं है, बल्कि यह उनके सामूहिक प्रयासों और अनुशासन का प्रतीक है।"
चिराग पटेल, जो अमेरिका में 100 से अधिक होटलों के मालिक हैं, कहते हैं, "हमने अपनी जड़ों से जुड़कर, परिवार के मूल्यों और मेहनत के बल पर होटल उद्योग में सफलता पाई है। हमारा उद्देश्य न केवल व्यवसाय करना है, बल्कि समुदाय को सशक्त बनाना भी है।" अमेरिका में पंजाबी समुदाय का भी एक महत्वपूर्ण और विशिष्ट योगदान है। होटल उद्योग में भले ही गुजराती समुदाय का वर्चस्व है, लेकिन पंजाबी समुदाय ने कृषि, परिवहन, व्यवसाय, और राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई है। कैलिफोर्निया के कृषि उद्योग और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में उनकी मेहनत ने पहचान बनाई। जहाँ सिख गुरुद्वारों ने सेवा और भाईचारे को बढ़ावा दिया, जबकि पंजाबी संगीत और संस्कृति ने अमेरिकी समाज को समृद्ध किया है। उनका वर्चस्व प्रेरणादायक है। बराक ओबामा, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति, ने एक बार कहा था, "सिख समुदाय की सेवा और भाईचारे की भावना ने अमेरिकी समाज को बेहतर बनाया है।"
![]() |
अमेरिका में भारतीय प्रतिभाएँ |
भारतीय मूल के लोग शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र में भी अग्रणी हैं। अमेरिका में लगभग 17% डॉक्टर भारतीय मूल के हैं। डॉ. संजय गुप्ता, जो सीएनएन के प्रमुख चिकित्सा संवाददाता हैं, कहते हैं, "भारतीय डॉक्टरों की मेहनत और समर्पण ने अमेरिकी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत बनाया है। यह समुदाय गुणवत्ता और सेवा में विश्वास करता है।"
भारतीय मूल के लोगों ने स्टार्टअप्स, रिटेल, रियल एस्टेट, और वित्तीय सेवाओं में भी अपनी छाप छोड़ी है। उदाहरणार्थ - गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई व माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला जैसे दिग्गजों ने भारतीय मूल के होते हुए भी वैश्विक कंपनियों में नेतृत्व क्षमता का अद्वितीय प्रदर्शन किया है। तकनीकी क्षेत्र में, भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने सिलिकॉन वैली में अपनी उल्लेखनीय छाप छोडी है। वेंकट रामनारायणन, जो सिलिकॉन वैली के प्रमुख निवेशक हैं, कहते हैं, "भारतीय मूल के लोग नवाचार में सबसे आगे हैं। उनकी शिक्षा और सांस्कृतिक मूल्यों ने उन्हें तकनीकी क्षेत्र में सफल बनाया है।"
अमेरिकी कांग्रेस सदस्य राजा कृष्णमूर्ति का कहना है, "भारतीय मूल के लोगों ने न केवल व्यापारिक सफलता पाई है, बल्कि अमेरिकी समाज को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद की है। उनके काम और नैतिकता ने उन्हें अमेरिकी सपने का प्रतीक बना दिया है।" भारतीय मूल के लोग अब अमेरिकी राजनीति में भी अपनी जगह बना रहे हैं। कमला हैरिस, जो भारतीय मूल की पहली उपराष्ट्रपति हैं, का चुनाव इस बात का प्रतीक है कि भारतीय समुदाय ने अमेरिका में अपनी राजनीतिक पहचान बना ली है। बराक ओबामा, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति, ने कहा था, "भारतीय समुदाय ने अमेरिकी समाज में जिस तरह का योगदान दिया है, वह अनुकरणीय है। वे न केवल मेहनती हैं, बल्कि समाज को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।"
![]() |
अमेरिका में भारतीयों ने मनाई छठ पूजा |
अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों ने अपनी मेहनत, ज्ञान और सांस्कृतिक धरोहर के माध्यम से हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहे हैं। गुजराती समुदाय का होटल उद्योग में वर्चस्व, पंजाबी समुदाय का कृषि और परिवहन में योगदान, और भारतीय पेशेवरों का तकनीकी, चिकित्सा और राजनीति में प्रभाव, यह सब भारतीयों के महती योगदान का प्रमाण है। भारतीय संस्कृति, परंपरा और संगीत, जैसे होली, दिवाली, भांगड़ा, योग और बॉलीवुड, ने अमेरिकी समाज को समृद्ध किया है। भारतीय मूल के युवा अपनी मेहनत, समर्पण और सामूहिक प्रयासों के साथ भविष्य में भारतीय समुदाय को और भी ऊंचाइयों तक ले जाने में सक्षम होंगे। भारतीय संस्कृति और परंपराओं के साथ-साथ युवा पीढ़ी का यह निरंतर योगदान अमेरिका में भारतीय समुदाय को और भी सशक्त करेगा। व्यापार, शिक्षा, चिकित्सा, और राजनीति में उनका योगदान अमेरिका के विकास की कहानी का अभिन्न हिस्सा है। यह दिखाता है कि भारतीय मूल के लोग किसी भी समाज में किस तरह से प्रभावशाली और उपयोगी हो सकते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
आपके बहुमूल्य कॉमेंट के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।