🎙️ वाचन अभ्यास - 1 : मैं देर करता नहीं, मेरा अलार्म ही देर से बजता है
मैं देर करता नहीं, मेरा अलार्म ही देर से बजता है। हर सुबह मैं समय पर उठने का संकल्प करता हूँ, पर अलार्म हमेशा मेरा साथ नहीं देता। कभी अलार्म सूझबूझ से देर तक सो जाता है, तो कभी उसकी बैटरी ने धोखा दे दिया होता है। नतीजा यह होता है कि मैं जल्दी तैयार होकर भी देर में पहुंचता हूँ। पर अब मैंने एक उपाय निकाला है — दो-अलार्म प्रणाली: एक मोबाइल पर, एक घड़ी पर। अब अगर कोई देर हुई भी तो कम-से-कम बहाना नहीं बनेगा!
🎤 अपना वाचन रिकॉर्ड करें
पाठ को ध्यान से पढ़ें और नीचे दिए गए बटन से अपनी आवाज़ रिकॉर्ड करें।
🧩 समझ के लिए प्रश्न
- लेखक देर क्यों होता है?
- उसने किस उपाय का सुझाव दिया?
- आप अपने रोज़ देर होने के लिए कौन-सा नया बहाना गढ़ेंगे? (मज़ेदार ढंग से लिखिए)
👉 अपनी रिकॉर्डिंग और उत्तर नीचे दिए गए Google Form में अपलोड करें:
📩 यहाँ क्लिक करें (Google Form लिंक)
🧠 अभ्यास हेतु सुझाव
- वाक्य “मैं देर करता नहीं, मेरे घड़ी का अलार्म ही देर से बजता है” को हँसी और भाव के साथ पढ़ें।
- ‘कभी अलार्म सूझबूझ से देर तक सो जाता है’ — यहाँ ठहराव और भाव आवश्यक है।
- रिकॉर्डिंग सुनते समय देखें — क्या आपकी लय और भाव सही हैं?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
आपके बहुमूल्य कॉमेंट के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।