सोमवार, 31 मार्च 2025

✨ लाख का जादू: शृंगार से उद्योग तक की यात्रा ✨

लाखों कीड़ों के लार्वा से बनाता 'लाख'

भारत की पारंपरिक कला, संस्कृति और सौंदर्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है लाख। यह न केवल आभूषणों में, बल्कि सील, सजावट और वाणिज्यिक उपयोग में भी अपनी खास पहचान रखता है। लाख की चूड़ियां जहां भारतीय स्त्रियों के सौभाग्य और शृंगार का प्रतीक मानी जाती हैं, वहीं इसका उपयोग दस्तावेजों की सीलिंग से लेकर हस्तशिल्प और फर्नीचर उद्योग तक विस्तारित है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि लाख आता कहां से है और इसे व्यावसायिक इस्तेमाल योग्य कैसे बनाया जाता है।

लाख एक प्राकृतिक राल (रेजिन) है, जो ‘लाख कीट’ (Kerria lacca) नामक छोटे कीटों द्वारा उत्पन्न किया जाता है। ये कीट मुख्य रूप से भारत, थाईलैंड, म्यांमार और इंडोनेशिया के जंगलों में पाए जाते हैं। लाख कीट पेड़ों की टहनियों पर बसेरा बनाकर उनसे रस निकालते हैं और अपने शरीर से एक चिपचिपा पदार्थ निकालते हैं, जो धीरे-धीरे ठोस होकर लाख में परिवर्तित हो जाता है। इसे काटकर एकत्र किया जाता है और फिर विभिन्न विधियों से शुद्ध कर व्यावसायिक उपयोग के लिए तैयार किया जाता है।

लाख की सील 
लाख का उपयोग प्राचीन काल से ही भारतीय परंपरा का अभिन्न अंग रहा है। प्राचीन भारतीय ग्रंथों में लाख से बने आभूषणों और वस्तुओं का उल्लेख मिलता है। महाभारत में भी ‘लाक्षागृह’ (लाख का महल) का उल्लेख किया गया है, जो लाख के महत्व को दर्शाता है। भारतीय महिलाएं विशेष रूप से लाख की चूड़ियों को शुभ मानती हैं। शादीशुदा स्त्रियों के लिए यह सौभाग्य का प्रतीक होती हैं। राजस्थान, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में लाख की चूड़ियों का निर्माण पारंपरिक रूप से किया जाता है और यह एक प्रमुख हस्तशिल्प उद्योग भी है।

लाख केवल आभूषणों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके कई व्यावसायिक और औद्योगिक उपयोग भी हैं। सरकारी और कानूनी दस्तावेजों को सुरक्षित करने के लिए लाख की सील का उपयोग किया जाता है। पुराने जमाने में राजा-महाराजाओं के फरमान और व्यापारिक दस्तावेजों पर भी लाख की सील लगाई जाती थी। लाख से बनी मूर्तियां, खिलौने और सजावटी वस्तुएं भारत के हस्तशिल्प बाजार में एक प्रमुख स्थान रखती हैं। लकड़ी के फर्नीचर को चमकदार और टिकाऊ बनाने के लिए लाख से बनी पॉलिश का उपयोग किया जाता है। लाख से एक प्रकार की प्राकृतिक गोंद और वार्निश बनाई जाती है, जिसका उपयोग संगीत वाद्ययंत्रों और उच्च गुणवत्ता वाली लकड़ी की वस्तुओं पर किया जाता है।

लाख की चूडियाँ / चमकती टॉफियाँ  
दिलचस्प बात यह है कि लाख का उपयोग खाद्य उद्योग में भी किया जाता है। बच्चों की टॉफियों और कैंडीज को चमकाने के लिए लाख की  एक परत चढ़ाई जाती है, जिससे वे आकर्षक दिखती हैं और लंबे समय तक सुरक्षित रहती हैं। यह एक महत्वपूर्ण तथ्य है जो लाख के बहुआयामी उपयोग को दर्शाता है। विवाह, तीज, करवा चौथ और अन्य पर्वों पर महिलाएं लाख की चूड़ियां पहनकर अपनी संस्कृति और परंपरा को सहेजती हैं। यह भारत की हस्तशिल्प परंपरा का एक जीवंत उदाहरण है, जो आज भी कारीगरों के परिश्रम और समर्पण से जीवंत बनी हुई है।

लाख भारतीय संस्कृति और परंपरा की पहचान है। यह न केवल सौंदर्य और श्रृंगार का हिस्सा है, बल्कि औद्योगिक और व्यावसायिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आधुनिकता के इस दौर में भी लाख का महत्व बना हुआ है, और यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर का एक अनमोल हिस्सा बना रहेगा।


संदर्भ:

  1. भारतीय हस्तशिल्प मंत्रालय की रिपोर्ट, 2023।
  2. “लाख उद्योग: एक पारंपरिक भारतीय कला” – भारतीय शिल्प अनुसंधान पत्रिका।
  3. “महाभारत में लाक्षागृह का वर्णन” – पौराणिक ग्रंथों का विश्लेषण, 2021।
नई शब्दावली 
    1. लाख (लाक्षा) Lac / Lacquer
    2. श्रृंगार Ornamentation / Adornment
    3. वाणिज्यिक Commercial
    4. हस्तशिल्प Handicraft
    5. पारंपरिक Traditional
    6. सौभाग्य Good Fortune / Auspiciousness
    7. दस्तावेज Documents
    8. सील  Seal
    9. स्रावित Secreted
    10. अभिन्न अंग Integral Part
    11. संकटकालीन Crisis Period
    12. परंपरा Tradition
    13. धरोहर Heritage
    14. टिकाऊ Durable
    15. पॉलिश Polish
    16. गोंद Adhesive / Glue
    17. वार्निश Varnish
    18. संरक्षित Preserved
    19. पौराणिक Mythological
    20. वर्णन Description
    21. अनुसंधान Research
    22. फरमान Royal Decree / Order
    23. कारीगर Artisan

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